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Shabda, Samaya Aur Sanskriti

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
डॉ सीताकान्त महापात्र अनुवाद श्यामदत्त पालीवाल
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
डॉ सीताकान्त महापात्र अनुवाद श्यामदत्त पालीवाल
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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Availiblity

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SKU 8126303816 Category
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Page Extent:
120

शब्द, समय और संस्कृति –
किसी बड़े लेखक की शक्ति और सामर्थ्य उसकी इस क्षमता पर निर्भर होती है कि वह किसी पाठक के विश्वास को विचलित कर दे। कहा जा सकता है कि इस आधुनिक प्रतिमान के आधार पर, जहाँ सिद्धान्त और कला में एक अन्तहीन संघर्ष चलता रहता है, डॉ. सीताकांत महापात्र भारत के समकालीन महान लेखकों में से एक हैं। इस संग्रह—’शब्द, समय और संस्कृति’ के निबन्ध साक्षी हैं कि सीताकांत महापात्र के रचना-कर्म और चिन्तन में भारतीय मिथकीय परम्परा तथा भक्ति साहित्य, यूरोपीय आधुनिकता और उत्तर-आधुनिकतावाद तथा अपने गृह-प्रदेश उड़ीसा के ग्रामांचल, लोक-जीवन एवं लोक साहित्य का महासंगम है। ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित डॉ. सीताकांत महापात्र के गम्भीर चिन्तनपरक वैचारिक निबन्धों का यह संग्रह हिन्दी के पाठकों के लिए पहली बार प्रस्तुत है।

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Description

शब्द, समय और संस्कृति –
किसी बड़े लेखक की शक्ति और सामर्थ्य उसकी इस क्षमता पर निर्भर होती है कि वह किसी पाठक के विश्वास को विचलित कर दे। कहा जा सकता है कि इस आधुनिक प्रतिमान के आधार पर, जहाँ सिद्धान्त और कला में एक अन्तहीन संघर्ष चलता रहता है, डॉ. सीताकांत महापात्र भारत के समकालीन महान लेखकों में से एक हैं। इस संग्रह—’शब्द, समय और संस्कृति’ के निबन्ध साक्षी हैं कि सीताकांत महापात्र के रचना-कर्म और चिन्तन में भारतीय मिथकीय परम्परा तथा भक्ति साहित्य, यूरोपीय आधुनिकता और उत्तर-आधुनिकतावाद तथा अपने गृह-प्रदेश उड़ीसा के ग्रामांचल, लोक-जीवन एवं लोक साहित्य का महासंगम है। ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित डॉ. सीताकांत महापात्र के गम्भीर चिन्तनपरक वैचारिक निबन्धों का यह संग्रह हिन्दी के पाठकों के लिए पहली बार प्रस्तुत है।

About Author

डॉ. सीताकांत महापात्र - जन्म: सन् 1937 में ओडिशा में। उत्कल, इलाहाबाद तथा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों में शिक्षा। विख्यात आधुनिक भारतीय कवि और लेखक। लगभग सभी भारतीय भाषाओं में उनके कविता-संग्रहों के अनुवाद प्रकाशित। अंग्रेज़ी में अनूदित दस कविता-संग्रह प्रकाशित कविताओं के संकलन स्पेनिश, फ्रेंच, जर्मन, रूसी स्वीडिश, रोमानियन, डेनिश, हैब्रू और मेसीडोनियन भाषाओं में प्रकाशित। प्रतिष्ठित सामाजिक नृतत्त्वशास्त्री, जिन्होंने भारतीय जनजातियों के वाचिक काव्य का अनुवाद करके नौ कविता संग्रहों का सम्पादन किया है। साहित्य समीक्षा एवं ललित कलाओं पर भी उनकी कई पुस्तकें हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, कुमारन आशन पुरस्कार, ओड़िशा साहित्य अकादमी पुरस्कार, , सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, सारला पुरस्कार, उड़ीसा राज्य का कल्चर अवार्ड और विशुव (विश्व) अवार्ड। यूनेस्को की सांस्कृतिक मामलों की अन्तरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं।

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