Shabd Pratima

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
मनोरमा विश्वाल महापात्र, अनुवाद - राजेन्द्र प्रसाद मिश्र
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
मनोरमा विश्वाल महापात्र, अनुवाद - राजेन्द्र प्रसाद मिश्र
Language:
Hindi
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Hardback

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90

शब्द प्रतिमा –
ओड़िया कविता की चर्चा के क्रम में यदि मनोरमा बिश्वाल महापात्र के नाम का ज़िक्र न किया जाये तो यह सर्वथा ग़लत होगा। उनकी कविताओं का प्रकाशन कई पत्रिकाओं में हो चुका है। इसके अतिरिक्त उनका एक संग्रह ‘कभी जीवन कभी मृत्यु’ भी पाठकों द्वारा बहुत सराहा गया था जिसका हिन्दी अनुवाद भी प्रकाशित हो चुका है। इन कविताओं को पढ़कर को भाव सबसे पहले मन में आता है वह यह है कि मनोरमा बिश्वाल गहरी मानवीय संवेदनाओं की कवयित्री हैं जिनके पास विश्वसनीय शब्द-संस्कार और कला की अचूक पकड़ है। इस विश्वसनीयता को बढ़ाने वाली एक चीज़ उनके यहाँ यह दिखाई पड़ती है कि वे अपने शब्द प्रायः अपने सुपरिचित स्थानीय सन्दर्भों से ले आती हैं और इस तरह भाषा को एक सहज प्रामाणिकता प्रदान करती हैं। यह विशेषता उनकी कविताओं के हिन्दी अनुवाद में भी देखी और पहचानी जा सकती है। प्रस्तुत संग्रह ‘शब्द प्रतिमा’ जिसका अनुवाद सुपरिचित अनुवादक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र ने किया है। सबसे सुन्दर बात यह कि अनुवाद के बावजूद ये कविताएँ मौलिक हिन्दी भाषा की कविताएँ ही प्रतीत होती हैं।

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Description

शब्द प्रतिमा –
ओड़िया कविता की चर्चा के क्रम में यदि मनोरमा बिश्वाल महापात्र के नाम का ज़िक्र न किया जाये तो यह सर्वथा ग़लत होगा। उनकी कविताओं का प्रकाशन कई पत्रिकाओं में हो चुका है। इसके अतिरिक्त उनका एक संग्रह ‘कभी जीवन कभी मृत्यु’ भी पाठकों द्वारा बहुत सराहा गया था जिसका हिन्दी अनुवाद भी प्रकाशित हो चुका है। इन कविताओं को पढ़कर को भाव सबसे पहले मन में आता है वह यह है कि मनोरमा बिश्वाल गहरी मानवीय संवेदनाओं की कवयित्री हैं जिनके पास विश्वसनीय शब्द-संस्कार और कला की अचूक पकड़ है। इस विश्वसनीयता को बढ़ाने वाली एक चीज़ उनके यहाँ यह दिखाई पड़ती है कि वे अपने शब्द प्रायः अपने सुपरिचित स्थानीय सन्दर्भों से ले आती हैं और इस तरह भाषा को एक सहज प्रामाणिकता प्रदान करती हैं। यह विशेषता उनकी कविताओं के हिन्दी अनुवाद में भी देखी और पहचानी जा सकती है। प्रस्तुत संग्रह ‘शब्द प्रतिमा’ जिसका अनुवाद सुपरिचित अनुवादक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र ने किया है। सबसे सुन्दर बात यह कि अनुवाद के बावजूद ये कविताएँ मौलिक हिन्दी भाषा की कविताएँ ही प्रतीत होती हैं।

About Author

मनोरमा बिश्वाल महापात्र - मनोरमा महापात्र ओडिशा की जानीमानी साहित्यकार और पत्रकार थीं। उन्होंने 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1988 में सोवियत नेहरू पुरस्कार, 1990 में क्रिटिक सर्कल ऑफ़ इंडियन अवार्ड, 1991 में ईश्वर चन्द्र विद्यासागर सम्मान और 1994 में रूपंबर पुरस्कार जीता था।

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