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Shabd Bhi Hatya Karte Hain

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
हृदयेश
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
हृदयेश
Language:
Hindi
Format:
Hardback

129

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1-4 Days

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Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789326350303 Category Tag
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Page Extent:
112

शब्द भी हत्या करते हैं –
वरिष्ठ कथाकार हृदयेश अब भी न सिर्फ़ सृजनशील रचनाकार हैं, बल्कि क़स्बाई पृष्ठभूमि पर कथा कहने का उनमें अच्छा माद्दा है। उनके उपन्यास ‘भी हत्या करते हैं’ के ऐसे अनेक पात्र हैं जो अपने समय और समाज का पूरा व्यक्तित्व स्वयं में समेटे हुए हैं। इस उपन्यास में विन्यस्त समकाल हमारे मौजूदा यथार्थ का मात्र प्रतिबिम्ब नहीं है, बल्कि इक्कीसवीं सदी के उस दारुण और नृशंस वर्तमान का दस्तावेज़ भी है जिसका राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक ठेकेदारों द्वारा अक्सर छद्म महिमामण्डन किया जाता है। यह अकारण नहीं कि इन ठेकेदारों के पास इसके कई मुफ़ीद बहाने हुआ करते हैं, जिनमें विचारधारा भी अक्सर एक ढाल बनकर उपस्थित होती है। शब्द भी हत्या करते हैं में लेखक ने सभी प्रकार की विचारधाराओं पर मानवीयता को तरज़ीह दी है।

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Description

शब्द भी हत्या करते हैं –
वरिष्ठ कथाकार हृदयेश अब भी न सिर्फ़ सृजनशील रचनाकार हैं, बल्कि क़स्बाई पृष्ठभूमि पर कथा कहने का उनमें अच्छा माद्दा है। उनके उपन्यास ‘भी हत्या करते हैं’ के ऐसे अनेक पात्र हैं जो अपने समय और समाज का पूरा व्यक्तित्व स्वयं में समेटे हुए हैं। इस उपन्यास में विन्यस्त समकाल हमारे मौजूदा यथार्थ का मात्र प्रतिबिम्ब नहीं है, बल्कि इक्कीसवीं सदी के उस दारुण और नृशंस वर्तमान का दस्तावेज़ भी है जिसका राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक ठेकेदारों द्वारा अक्सर छद्म महिमामण्डन किया जाता है। यह अकारण नहीं कि इन ठेकेदारों के पास इसके कई मुफ़ीद बहाने हुआ करते हैं, जिनमें विचारधारा भी अक्सर एक ढाल बनकर उपस्थित होती है। शब्द भी हत्या करते हैं में लेखक ने सभी प्रकार की विचारधाराओं पर मानवीयता को तरज़ीह दी है।

About Author

हृदयेश - जन्म: 2 जुलाई, 1930, शाहजहाँपुर (उ.प्र.)। शिक्षा: इंटरमीडिएट, साहित्यरत्न। अब तक 10 उपन्यास जिनमें प्रमुख हैं—हत्या, सफ़ेद घोड़ा काला सवार, साँड़, दंडनायक, किस्सस हवेली, चार दरवेश। 20 कहानी-संग्रह जिनमें प्रमुख हैं—अमरकथा, नागरिक, सम्मान, सन् उन्नीस सौ बीस, उसी जंगल समय में, शिकार। आत्मकथा—'जोख़िम' तथा दो अनुवाद की पुस्तकें प्रकाशित। समग्र कहानियाँ तीन खण्डों में। 'मनु' कहानी दिल्ली विश्वविद्यालय तथा इग्नू के पाठ्यक्रम में सम्मिलित। 'सन्दर्श' द्वारा प्रकाशित विशेषांक बहुचर्चित। दूरदर्शन द्वारा व्यक्तित्व और कृतित्व पर वृत्तचित्र का निर्माण। सम्मान: 'साहित्य भूषण' तथा 'पहल' सम्मान।

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