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Satrang (PB)
Publisher:
RADHA
| Author:
Kamal Naseem
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
RADHA
Author:
Kamal Naseem
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹150 ₹149
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ISBN:
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9788183611473
Category Hindi
Category: Hindi
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उर्दू ग़ज़लों के चुनिन्दा शे’रों के प्रस्तुत संकलन में अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के सात जाने-माने शायरों और उनके लगभग 800 चुनिन्दा शे’र शामिल किए गए हैं। यह संकलन उस पाठक के लिए है जो उर्दू से प्यार करता है, ग़ज़ल का दीवाना है, ग़ज़ल गायकी का क़द्रदान है, मगर उर्दू की लिपि से वाक़िफ़ नहीं है। उसकी ज़रूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसे शे’र चुने गए हैं जिनमें विचार और भाव की उत्कृष्टता है मगर भाषा अपेक्षाकृत सरल है, जिनकी अदायगी मन को मोह लेती है और धार सीधे दिल में उतर जाती है।
कुछ ग़ज़लों के एक से अधिक शे’र भी संकलन में शामिल हैं। ये बहुधा ऐसी ग़ज़लें हैं जो बहुत लोकप्रिय हैं और शायर की ख़ास पहचान भी। शे’र विषय के अनुरूप संयोजित किए गए हैं। दर्शन, अध्यात्म, रहस्यवाद, हुस्न-ओ-इश्क़, एक विशिष्ट सोच या प्रतीक अथवा किसी विशेष काव्य चरित्र जैसे नासेह, कासिद, वाइज इत्यादि से सम्बद्ध विभिन्न शायरों के शे’र आपको एक ही स्थान पर मिलेंगे।
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Description
उर्दू ग़ज़लों के चुनिन्दा शे’रों के प्रस्तुत संकलन में अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के सात जाने-माने शायरों और उनके लगभग 800 चुनिन्दा शे’र शामिल किए गए हैं। यह संकलन उस पाठक के लिए है जो उर्दू से प्यार करता है, ग़ज़ल का दीवाना है, ग़ज़ल गायकी का क़द्रदान है, मगर उर्दू की लिपि से वाक़िफ़ नहीं है। उसकी ज़रूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसे शे’र चुने गए हैं जिनमें विचार और भाव की उत्कृष्टता है मगर भाषा अपेक्षाकृत सरल है, जिनकी अदायगी मन को मोह लेती है और धार सीधे दिल में उतर जाती है।
कुछ ग़ज़लों के एक से अधिक शे’र भी संकलन में शामिल हैं। ये बहुधा ऐसी ग़ज़लें हैं जो बहुत लोकप्रिय हैं और शायर की ख़ास पहचान भी। शे’र विषय के अनुरूप संयोजित किए गए हैं। दर्शन, अध्यात्म, रहस्यवाद, हुस्न-ओ-इश्क़, एक विशिष्ट सोच या प्रतीक अथवा किसी विशेष काव्य चरित्र जैसे नासेह, कासिद, वाइज इत्यादि से सम्बद्ध विभिन्न शायरों के शे’र आपको एक ही स्थान पर मिलेंगे।
About Author
कमल नसीम
डॉ. कमल नसीम ने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. किया और वहीं से लॉर्ड बायरन के स्त्री पात्रों पर सन् 1991 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। आपकी पहली पुस्तक ‘ग्रीस पुराण कथाकोश’ सन् 1983 में प्रकाशित हुई और इसे हिन्दी अकादमी (दिल्ली) ने सन् 1983-84 के ‘सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक कृति’ पुरस्कार से सम्मानित किया। ‘उर्दू साहित्य कोश’ का प्रकाशन सन् 1988 में और ‘बृहद् उर्दू साहित्य कोश’ का 2002 में। ग्रीक नाटककार सोफ़ाक्लीज़ के तीन नाटकों—‘राजा ईडिपस’, ‘ईडिपस एट कोलोनस’ एवं ‘एंटीगनी’—का हिन्दी अनुवाद सन् 2000 में साहित्य अकादेमी से प्रकाशित और ‘ग्रीक नाट्य कलाकोश’ सन् 2004 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से।
आपने भारतीय विश्वविद्यालयों में अंग्रेज़ी साहित्य और भाषाविज्ञान पर पिछले पचास वर्षों में हुए शोधकार्यों के सन्दर्भ-ग्रन्थ ‘Indian Doctoral Dissertations in English Studies : A reference guide’ का सह-सम्पादन किया जो सन् 2000 में प्रकाशित। बच्चों के लिए कविता-संग्रह ‘सोचो क्या होता’ वर्ष 2002 में प्रकाशित। सुप्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक गुलज़ार की चार फ़िल्मों ‘आँधी’, ‘ख़ुशबू’, ‘लिबास’ और ‘हू तू तू’ की पटकथाओं के हिन्दी लिप्यन्तरण 2005-06 में प्रकाशित। अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के सात प्रतिनिधि शायरों के कलाम आपके द्वारा सम्पादित संकलन ‘सतरंग’ शीर्षक से सन् 2007 में और पाकिस्तानी शायरा ज़ोहरा निगाह की शायरी का सम्पादित हिन्दी संस्करण ‘शाम का पहला तारा’ सन् 2010 में प्रकाशित। हिन्दी और अंग्रेज़ी पत्रिकाओं में आपके लेखों का निरन्तर प्रकाशन।
इसके अलावा लगभग दस वर्ष तक दूरदर्शन (दिल्ली) पर महिलाओं के कार्यक्रम ‘घर-बाहर’ का संचालन, कुछ वर्षों तक समाचार-वाचन, अनेक वृत्त-चित्रों के आलेख लिखे और उन्हें अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड किया।
सम्प्रति : दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामाप्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में एसोशिएट प्रोफ़ेसर।
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