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Sardar VallabHardbackhai Patel

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
हीरालाल नागर , शृंखला सम्पादक लीलाधर मंडलोई
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
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हीरालाल नागर , शृंखला सम्पादक लीलाधर मंडलोई
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Hindi
Format:
Hardback

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Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789357758741 Category
Category:
Page Extent:
64

सरदार वल्लभभाई पटेल –
आज़ादी के संघर्ष में सरदार वल्लभ भाई पटेल का योगदान महत्त्वपूर्ण है। किसान परिवार में जनमे सरदार पटेल अपनी मेहनत से बैरिस्टरी करने लन्दन गये। लौटकर वे जनता की भलाई में ईमानदारी और कर्मठता के साथ वक़ालत करने लगे। यहीं से उनके राजनीति में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। जब वे महात्मा गाँधी के सम्पर्क में आये तो जैसे उनका पूरा जीवन ही बदल गया।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन विशद् है, जिसे लेखक ने अपनी अनुभवी क़लम से पाठकों के लिए सिलसिलेवार लिखा है। सरदार पटेल किन कार्यों से भारतीय जनता में विख्यात हुए और किन गुणों के कारण लौहपुरुष कहलाये, उसका लेखक ने बड़ी ही बोधगम्य भाषा में वर्णन किया है।
आज़ादी के बाद जब सरदार पटेल राजनीति के शिखर पर पहुँचे तो जनता ने उन्हें अपने हृदय में बसाया। देश के गृहमन्त्री के रूप में उन्होंने कुछ महत्त्वपूर्ण फ़ैसले लिए, जिनका प्रभाव भारतीय जनता पर बहुत गहरे तक पड़ा।
राजनीति में ईमानदारी से काम किया जा सकता है और जनता की अच्छी तरह सेवा की जा सकती है, यह कोई सरदार पटेल के जीवन से सीखे। इन सबका ब्योरा इस पुस्तक में है, जिसे पढ़कर नयी पीढ़ी बहुत कुछ सीख सकती है।

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Description

सरदार वल्लभभाई पटेल –
आज़ादी के संघर्ष में सरदार वल्लभ भाई पटेल का योगदान महत्त्वपूर्ण है। किसान परिवार में जनमे सरदार पटेल अपनी मेहनत से बैरिस्टरी करने लन्दन गये। लौटकर वे जनता की भलाई में ईमानदारी और कर्मठता के साथ वक़ालत करने लगे। यहीं से उनके राजनीति में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। जब वे महात्मा गाँधी के सम्पर्क में आये तो जैसे उनका पूरा जीवन ही बदल गया।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन विशद् है, जिसे लेखक ने अपनी अनुभवी क़लम से पाठकों के लिए सिलसिलेवार लिखा है। सरदार पटेल किन कार्यों से भारतीय जनता में विख्यात हुए और किन गुणों के कारण लौहपुरुष कहलाये, उसका लेखक ने बड़ी ही बोधगम्य भाषा में वर्णन किया है।
आज़ादी के बाद जब सरदार पटेल राजनीति के शिखर पर पहुँचे तो जनता ने उन्हें अपने हृदय में बसाया। देश के गृहमन्त्री के रूप में उन्होंने कुछ महत्त्वपूर्ण फ़ैसले लिए, जिनका प्रभाव भारतीय जनता पर बहुत गहरे तक पड़ा।
राजनीति में ईमानदारी से काम किया जा सकता है और जनता की अच्छी तरह सेवा की जा सकती है, यह कोई सरदार पटेल के जीवन से सीखे। इन सबका ब्योरा इस पुस्तक में है, जिसे पढ़कर नयी पीढ़ी बहुत कुछ सीख सकती है।

About Author

हीरालाल नागर - कहानी, कविता और समीक्षात्मक लेखन में सक्रिय । 'समय चेतना', 'दैनिक भास्कर' और 'अहा ! जिन्दगी' पत्रिका में कार्य । प्रवीण प्रकाशन नयी दिल्ली से 'जंगल के खिलाफ' (कहानी-संग्रह), 1994 में, सामयिक प्रकाशन नयी दिल्ली से 'अधूरी हसरतों का अंत' (कहानी-संग्रह) 2004 में और किताब घर प्रकाशन, नयी दिल्ली से चर्चित उपन्यास 'डेक पर अँधेरा', 2013 में प्रकाशित । 'कितनी आवाजें' (लघुकथा संग्रह) और कमलेश्वर की चुनिन्दा कहानियों के संग्रह का सम्पादन 'सोलह छतों का घर' शीर्षक से । वर्ष 2002 में कथा लेखन के लिए 'आर्य स्मृति साहित्य सम्मान', और 2005 में 'शैलेश मटियानी कथा सम्मान' से सम्मानित । सम्प्रति : भारतीय ज्ञानपीठ में वरिष्ठ प्रकाशन अधिकारी तथा नया ज्ञानोदय के सम्पादकीय विभाग में। पता : बी 174/41 सी, सादतपुर विस्तार जीवन ज्योति स्कूल के पास (करावल नगर रोड) दिल्ली-110090 . मोबाइल : 09968551414

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