SANKALP – SHAKTI: JUNOON AUR ZID KI TAKAT (HINDI)

Publisher:
MANJUL
| Author:
CHRIS BAILEY
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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CHRIS BAILEY
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सफलता के लिए लालायित हर व्यक्ति के लिए अग्रणी मनोवैज्ञानिक एंजेला डकवर्थ की यह किताब अनिवार्य है। एंजेला अभिभावक, विद्यार्थी, शिक्षाविद, खिलाड़ी और कारोबारी (मंझे हुए और नये दोनों) को बताती हैं कि अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करने का राज़ प्रतिभा नहीं है बल्कि जुनून और ज़िद का एक अनोखा मेल है जिसे वह ‘संकल्प-शक्ति’ कहती हैं। एक वैज्ञानिक की बेटी होने के कारण उन्होंने अपनी दमदार कहानी को आधार बनाया, जिसमें अक्सर उन्हें ‘प्रतिभा’ की कमी के लिए याद दिलायी जाती थी। डकवर्थ अब एक नामचीन रिसर्चर और प्रोफ़ेसर हैं। इस किताब में वह अध्यापन, कारोबारी सलाह और न्यूरोसाइंस के अपने आंखें खोल देने वाले शुरूआती दौर का वर्णन करती हैं, जो उन्हें इस परिकल्पना तक ले आया कि सफलता को साकार करने वाला मूल तत्व ‘प्रतिभा’ नहीं बल्कि जुनून और ज़िद का एक अनूठा मिश्रण है। वह पाठकों की वेस्ट-पॉइंट के विद्यार्थियों के संघर्षपूर्ण शुरूआती दिनों, सबसे मुश्किल स्कूलों में अध्यापन कर रहे शिक्षकों और नेशनल स्पेलिंग बी के ख़िताबी मुकाबलों में पहुंचे युवाओं से जीवंत मुलाकात करा देती हैं। साथ ही वह इतिहास के पन्नों में झांककर बताती हैं कि चरम प्रदर्शन को लेकर आधुनिक प्रयोगों से क्या कुछ सीखा जा सकता है। अंत में वह बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों के साक्षात्कार से मिली सीख को पाठकों के साथ साझा करती हैं।

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सफलता के लिए लालायित हर व्यक्ति के लिए अग्रणी मनोवैज्ञानिक एंजेला डकवर्थ की यह किताब अनिवार्य है। एंजेला अभिभावक, विद्यार्थी, शिक्षाविद, खिलाड़ी और कारोबारी (मंझे हुए और नये दोनों) को बताती हैं कि अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करने का राज़ प्रतिभा नहीं है बल्कि जुनून और ज़िद का एक अनोखा मेल है जिसे वह ‘संकल्प-शक्ति’ कहती हैं। एक वैज्ञानिक की बेटी होने के कारण उन्होंने अपनी दमदार कहानी को आधार बनाया, जिसमें अक्सर उन्हें ‘प्रतिभा’ की कमी के लिए याद दिलायी जाती थी। डकवर्थ अब एक नामचीन रिसर्चर और प्रोफ़ेसर हैं। इस किताब में वह अध्यापन, कारोबारी सलाह और न्यूरोसाइंस के अपने आंखें खोल देने वाले शुरूआती दौर का वर्णन करती हैं, जो उन्हें इस परिकल्पना तक ले आया कि सफलता को साकार करने वाला मूल तत्व ‘प्रतिभा’ नहीं बल्कि जुनून और ज़िद का एक अनूठा मिश्रण है। वह पाठकों की वेस्ट-पॉइंट के विद्यार्थियों के संघर्षपूर्ण शुरूआती दिनों, सबसे मुश्किल स्कूलों में अध्यापन कर रहे शिक्षकों और नेशनल स्पेलिंग बी के ख़िताबी मुकाबलों में पहुंचे युवाओं से जीवंत मुलाकात करा देती हैं। साथ ही वह इतिहास के पन्नों में झांककर बताती हैं कि चरम प्रदर्शन को लेकर आधुनिक प्रयोगों से क्या कुछ सीखा जा सकता है। अंत में वह बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों के साक्षात्कार से मिली सीख को पाठकों के साथ साझा करती हैं।

About Author

एंजेला डकवर्थ पीएचडी और 2013 की मैकआर्थर फ़ेलो व यूनिवर्सिटी ऑ़फ पेनसिल्वेनिया में मनोविज्ञान की प्रोफ़ेसर हैं। वह वर्ल्ड बैंक, एनबीए व एनएफ़एल टीमों और फ़ॉर्च्यून 500 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की सलाहकार रही हैं। वह कैरेक्टर लैब की संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी हैं। यह एक गैर-लाभकारी संस्थान है जिसका उद्देश्य बच्चों को प्रगति करने में मदद करने वाली वैज्ञानिक जानकारियों को बढ़ावा देना है। हार्वर्ड से न्यूरोबायोलॉजी में बीए करने के बाद उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड से न्यूरोसाइंस में एमएससी किया और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेनसिल्वेनिया से मनोविज्ञान में पीएचडी प्राप्त की। यह उनकी पहली किताब है जो तुरंत न्यू यॉर्क टाइम्स की सर्वाधिक बिक्री वाली किताबों की सूची में जगह बनाने में सफल रही।

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