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Sambhaji Maharaj (Hindi Translation of Life and Death of Sambhaji)
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Medha Deshmukh Bhaskaran
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Medha Deshmukh Bhaskaran
Language:
Hindi
Format:
Paperback
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Weight | 500 g |
---|---|
Book Type |
ISBN:
Page Extent:
450
संभाजी महाराज की नजर महादजी की ओर जाती है। यह सही बातें कहने और करने का समय है। अभी वे जो करेंगे, वह उनके देश की नियति बदल देगा। वे मराठी में कहते हैं, ”महादजी, आबा साहिब ने हर सैनिक के जीवन का सम्मान किया। वे चाहते थे कि हम बेवजह शहादत से बचें और जीवित रहें, ताकि हम स्वराज के लिए, मराठा राष्ट्र के लिए एक और लड़ाई लड़ सकें, लेकिन उन्होंने कभी भी मराठा राष्ट्र के बदले में जीवन को गले नहीं लगाया होता।
संभाजी महाराज फर्श पर एक ढेर की तरह गिर जाते हैं। वे जानते हैं कि कुछ ही दिनों में उनकी आँखें निकाल ली जाएँगी। लेकिन औरंगजेब बस इतना ही कर सकता है। संभाजी महाराज मराठों के दिलों में एक आग जला जाएँगे और वे दावानल में बदल जाएँगे, जो औरंगजेब के सपनों को जलाकर राख कर देंगे। युद्ध चलता रहेगा लेकिन वह कभी दक्कन नहीं जीत पाएगा।
-इसी पुस्तक से
छत्रपति शिवाजी महाराज के उतने ही प्रतापी पुत्र संभाजी महाराज के शौर्य और पराक्रम की यशोगाथा बताती अनुपम कृति। आक्रांताओं के दाँत खट्टे कर मराठा स्वाभिमान को जाग्रत करने में संभाजी महाराज के योगदान को रेखांकित करनेवाली कृति। हर भारतीय के राष्ट्रभाव को जाग्रत करनेवाली पठनीय कृति।
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Description
संभाजी महाराज की नजर महादजी की ओर जाती है। यह सही बातें कहने और करने का समय है। अभी वे जो करेंगे, वह उनके देश की नियति बदल देगा। वे मराठी में कहते हैं, ”महादजी, आबा साहिब ने हर सैनिक के जीवन का सम्मान किया। वे चाहते थे कि हम बेवजह शहादत से बचें और जीवित रहें, ताकि हम स्वराज के लिए, मराठा राष्ट्र के लिए एक और लड़ाई लड़ सकें, लेकिन उन्होंने कभी भी मराठा राष्ट्र के बदले में जीवन को गले नहीं लगाया होता।
संभाजी महाराज फर्श पर एक ढेर की तरह गिर जाते हैं। वे जानते हैं कि कुछ ही दिनों में उनकी आँखें निकाल ली जाएँगी। लेकिन औरंगजेब बस इतना ही कर सकता है। संभाजी महाराज मराठों के दिलों में एक आग जला जाएँगे और वे दावानल में बदल जाएँगे, जो औरंगजेब के सपनों को जलाकर राख कर देंगे। युद्ध चलता रहेगा लेकिन वह कभी दक्कन नहीं जीत पाएगा।
-इसी पुस्तक से
छत्रपति शिवाजी महाराज के उतने ही प्रतापी पुत्र संभाजी महाराज के शौर्य और पराक्रम की यशोगाथा बताती अनुपम कृति। आक्रांताओं के दाँत खट्टे कर मराठा स्वाभिमान को जाग्रत करने में संभाजी महाराज के योगदान को रेखांकित करनेवाली कृति। हर भारतीय के राष्ट्रभाव को जाग्रत करनेवाली पठनीय कृति।
About Author
मेधा देशमुख भास्करन एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। इन्होंने खाद्य एवं फार्मास्युटिकल कंपनियों में विपणन के साथ-साथ व्यवसाय विकास के क्षेत्र में जर्मनी, भारत और संयुक्त अरब अमीरात में काम किया है। भारत और खाड़ी देशों के प्रमुख समाचार-पत्रों के लिए मेडिकल से जुड़े विभिन्न विषयों पर लेख भी लिखे हैं। भास्करन छत्रपति शिवाजी की सबसे अधिक बिकनेवाली जीवनी 'चैलेंजिंग डेस्टिनी' के साथ-साथ 'फ्रंटियर्स : द रिलेंटलेस बैटल बिटविन औरंगजेब ऐंड शिवाजी' की लेखिका हैं। इस पुस्तक को रेमंड क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड 2017 में लोकप्रिय गैर-कथा और जीवनी—दो श्रेणियों में नामांकित किया गया था। 'प्रेस्क्रिप्शन ऑफ लाइफ' उनकी गैर-कथा साहित्य श्रेणी की दूसरी पुस्तक है। फार्मास्युटिकल्स और दवाओं की सनसनीखेज दुनिया पर आधारित यह पुस्तक उनके व्यक्तिगत अनुभवों से परिपूर्ण है। संपर्क— medha4979@gmail.com @medhadb Medha Deshmukh Bhaskaran
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