SAMANTA GURNVATTA AUR SANKHYATMAK VISTAR : BHARTYE SHIKSHA KA DURGRAHY TRIKON

Publisher:
VAGDEVI
| Author:
J. P NAIK
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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VAGDEVI
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J. P NAIK
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Hindi
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इस पुस्तक में जे.पीनाईक ने भारतीय शिक्षा में सुधार के प्रयासों की गहन पड़ताल करते हुए जन-जन को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने, शिक्षा-सुविधाओं का विस्तार करने तथा साथ ही साथ गुणवत्ता पर भी समुचित ध्यान देने की दिशा में लिए गये निर्णयों और क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों की आलोचनात्मक समीक्षा की है।

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इस पुस्तक में जे.पीनाईक ने भारतीय शिक्षा में सुधार के प्रयासों की गहन पड़ताल करते हुए जन-जन को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने, शिक्षा-सुविधाओं का विस्तार करने तथा साथ ही साथ गुणवत्ता पर भी समुचित ध्यान देने की दिशा में लिए गये निर्णयों और क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों की आलोचनात्मक समीक्षा की है।

About Author

श्री जे.पी. नाईक को यूनेस्को की विश्व के शिक्षाविदों की सूची में होने का गौरव प्राप्त हुआ है। वे एक क्रांतिकारी सुधारक और रुढ़िविरोधी प्रशासक थे और उनका दृढ़ विशवास था कि शिक्षा सामाजिक न्याय और विकास का एक साधन है।

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