Sab Mitti

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
दीक्षित दनकौरी
| Language:
Hindi | Urdu
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
दीक्षित दनकौरी
Language:
Hindi | Urdu
Format:
Hardback

279

Save: 30%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789355188922 Category
Category:
Page Extent:
160

दीक्षित दनकौरी एक शालीन शायर, संचालक, सम्पादक और अच्छे गायक भी, क्या-क्या कहूँ? दनकौरी साहब बहुत ही शुभ सम्पदा के धनी हैं। आपकी शायरी के स्वाद का मैं अनुभवी हूँ। आपने कई शायरों का परिचय भी करवाया, उनसे मिलवाया। पीछे रहकर तेजवान को आगे करके आनन्द लेना और दूसरों को आनन्द बाँटना आपकी विशेषता है। साधुवाद… शायरी की प्रस्तुति और साथ-साथ आपका तरन्नुम आपकी प्रतिभा को और मुखर करता है। सबल होते हुए सरल और सरल के साथ कभी-कभी सजल भी, ये तीनों जीवन त्रिवेणी जैसा लगता है। दीक्षित जी के ग़ज़ल संग्रह सब मिट्टी के प्रकाशन पर बहुत-बहुत बधाई, शुभकामना। राम सुमिरन के साथ- – मोरारी बापू (तलगाजरड़ा, गुजरात)
नामचीन ग़ज़लकार दीक्षित दनकौरी जी की रचनाओं का मैं अनेक वर्षों से प्रशंसक रहा हूँ। आपकी ग़ज़लें हरदम अनूठी रही हैं, लेकिन मंच पर तो वे जादू ही ढा देती हैं। दिलकश तरन्नुम में ग़ज़लें सुनाकर इन्होंने विश्व भर के श्रोताओं को मोहित किया है। साथ ही वे काव्य-समारोहों के सधे व सफल संयोजक भी हैं। इनकी साहित्य-सेवा साधुवाद की पात्र है। दीक्षित दनकौरी जी के प्रथम चर्चित ग़ज़ल संग्रह डूबते वक़्त… की अपार सफलता के पश्चात इस दूसरे ग़ज़ल संग्रह सब मिट्टी के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। – बसंत चौधरी (काठमांडू, नेपाल)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sab Mitti”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

दीक्षित दनकौरी एक शालीन शायर, संचालक, सम्पादक और अच्छे गायक भी, क्या-क्या कहूँ? दनकौरी साहब बहुत ही शुभ सम्पदा के धनी हैं। आपकी शायरी के स्वाद का मैं अनुभवी हूँ। आपने कई शायरों का परिचय भी करवाया, उनसे मिलवाया। पीछे रहकर तेजवान को आगे करके आनन्द लेना और दूसरों को आनन्द बाँटना आपकी विशेषता है। साधुवाद… शायरी की प्रस्तुति और साथ-साथ आपका तरन्नुम आपकी प्रतिभा को और मुखर करता है। सबल होते हुए सरल और सरल के साथ कभी-कभी सजल भी, ये तीनों जीवन त्रिवेणी जैसा लगता है। दीक्षित जी के ग़ज़ल संग्रह सब मिट्टी के प्रकाशन पर बहुत-बहुत बधाई, शुभकामना। राम सुमिरन के साथ- – मोरारी बापू (तलगाजरड़ा, गुजरात)
नामचीन ग़ज़लकार दीक्षित दनकौरी जी की रचनाओं का मैं अनेक वर्षों से प्रशंसक रहा हूँ। आपकी ग़ज़लें हरदम अनूठी रही हैं, लेकिन मंच पर तो वे जादू ही ढा देती हैं। दिलकश तरन्नुम में ग़ज़लें सुनाकर इन्होंने विश्व भर के श्रोताओं को मोहित किया है। साथ ही वे काव्य-समारोहों के सधे व सफल संयोजक भी हैं। इनकी साहित्य-सेवा साधुवाद की पात्र है। दीक्षित दनकौरी जी के प्रथम चर्चित ग़ज़ल संग्रह डूबते वक़्त… की अपार सफलता के पश्चात इस दूसरे ग़ज़ल संग्रह सब मिट्टी के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। – बसंत चौधरी (काठमांडू, नेपाल)

About Author

दीक्षित दनकौरी मूल नाम : भुवनेश्वर प्रसाद दीक्षित, जन्म : 4 सितम्बर 1956, अमरोहा (उ.प्र.) आकाशवाणी, दूरदर्शन, विभिन्न टी.वी. चैनलों एवं पाकिस्तान, इंग्लैंड, त्रिनिडाड, टोबेगो, मॉरीशस, केन्या, नेपाल सहित देश-विदेश के सैकड़ों कवि सम्मेलनों/मुशायरों/गोष्ठियों/नशिस्तों में ग़ज़ल पाठ, संचालन, संयोजन। प्रकाशित कृतियाँ : ग़ज़ल संग्रह डूबते वक्त...(5 संस्करण), ग़ज़ल साधक दीक्षित दनकौरी (2 संस्करण), गज़ल संग्रह सब मिट्टी। सम्पादन : ग़ज़ल दुष्यंत के बाद (3 खण्ड), हिन्दी ग़ज़ल यानी, ग़ज़ल कुंभ 2018, ग़ज़ल कुंभ 2019, ग़ज़ल कुंभ 2020, ग़ज़ल कुंभ 2022, चल गोरी दोहापुरम (बेकल उत्साही का दोहा-संग्रह)। रमेश 'तनहा', जमील हापुड़ी, मुज़फ़्फ़र हनफी, विजेन्द्र सिंह 'परवाज़', अशोक रावत, शैलजा नरहरि, गोविन्द गुलशन, मधुप मोहता, बसन्त चौधरी सहित लगभग 20 शायरों/कवियों की ग़ज़लों/रचनाओं का सम्पादन। सह सम्पादन : हिन्दुस्तानी ग़ज़ल (सं. कमलेश्वर) संयोजक : ग़ज़ल कुंभ प्रसार भारती से अनुबन्धित देश-विदेश की लगभग 150 साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित/पुरस्कृत। मोबाइल : +91-9899172697 ई-मेल : dixitdankauri@gmail.com

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sab Mitti”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED