Rom-Rom Mein Ram “रोम-रोम में राम” Book in Hindi

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Kiran Chopra
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Prabhat Prakashan
Author:
Kiran Chopra
Language:
Hindi
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Paperback

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लगभग पांच सौ साल पहले अयोध्या में रामजी का मंदिर तोड़ दिया गया था। उस जगह पर एक ढांचा बनाकर उसे मस्जिद का नाम दिया गया। हमारे देवताओं की मूर्तियां टुकड़े-टुकड़े करके उसके फर्श और सीढ़ियों में गाड़ दी गईं। पराजित हिंदू जाति इसको रोक नहीं सकी, पर मंदिर टूटने की पीड़ा एक बुरे सपने की तरह पूरे समाज के मन में जलती रही। इस पीड़ा में 74 संघर्ष हो गए। लाखों लोगों ने प्राण दे दिए। कोर्ट में भी 70 सालों तक मामला उलझा रहा।

अब सपना नहीं सत्य है कि मंदिर बन गया है। यह भव्य है। एक हजार साल से अधिक आयु का है। इसमें जन्मस्थान पर रामजी विराजेंगे। आगे राम राज्य की ओर बढ़ना है। समाज के जीवन में और राज्य की संस्थाओं में मर्यादा, शील और पराक्रम लाना है। सभी धर्माधारित जीवन जीएँ। सबको रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और रोजगार मिले। भारत परम वैभव को प्राप्त करे। इस सबका समय आ रहा है।

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Description

लगभग पांच सौ साल पहले अयोध्या में रामजी का मंदिर तोड़ दिया गया था। उस जगह पर एक ढांचा बनाकर उसे मस्जिद का नाम दिया गया। हमारे देवताओं की मूर्तियां टुकड़े-टुकड़े करके उसके फर्श और सीढ़ियों में गाड़ दी गईं। पराजित हिंदू जाति इसको रोक नहीं सकी, पर मंदिर टूटने की पीड़ा एक बुरे सपने की तरह पूरे समाज के मन में जलती रही। इस पीड़ा में 74 संघर्ष हो गए। लाखों लोगों ने प्राण दे दिए। कोर्ट में भी 70 सालों तक मामला उलझा रहा।

अब सपना नहीं सत्य है कि मंदिर बन गया है। यह भव्य है। एक हजार साल से अधिक आयु का है। इसमें जन्मस्थान पर रामजी विराजेंगे। आगे राम राज्य की ओर बढ़ना है। समाज के जीवन में और राज्य की संस्थाओं में मर्यादा, शील और पराक्रम लाना है। सभी धर्माधारित जीवन जीएँ। सबको रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और रोजगार मिले। भारत परम वैभव को प्राप्त करे। इस सबका समय आ रहा है।

About Author

पंजाब केसरी की सीएमडी किरणजी एक सफल उद्यमी, शिक्षाविद् और समाजधर्मी हैं। उनकी शिक्षा और लालन-पालन एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ, जिसने उन्हें जिम्मेदार नागरिक और दूसरों के प्रति सद्भावना और प्रेमभाव से युक्त बनाया। वह राजनीति शास्त्र में एम. ए. गोल्ड मेडलिस्ट हैं। छात्र जीवन से ही ओजस्वी वक्ता रहीं और अनेक पुरस्कार जीते। अमर शहीद लाला जगतनारायणजी और श्री रमेश चंद्रजी के परिवार के सबसे निडर और देश के मूर्धन्य पत्रकार अश्विनी कुमार, जो पंजाब केसरी समाचार पत्र के निदेशक और करनाल से सांसद रहे, से विवाह के बाद किरणजी सक्रियता से विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से जुड़ीं। दहेज उन्मूलन की प्रबल पक्षधर किरणजी ने स्वयं दहेज न लेनेवाले परिवार में विवाह करने का निश्चय किया और अपने तीनों सुपुत्रों का विवाह भी बिना दहेज के करके अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। किरणजी ने 'वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब' की स्थापना करके जरूरतमंद मध्यमवर्ग और उच्चवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और उन्हें खुशीपूर्ण जीवन प्रदान करने के लिए प्रेरणास्त्रोत का काम किया। उन्होंने पहली बार सीनियर सिटिजन को गोद लेने का अनोखा कॉन्सेप्ट दिया, जो बेहद सफल रहा। जनकल्याण और मानवसेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति तथा अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। 'चौपाल' की मुख्य संरक्षक और 'एकल' की परामर्शदात्री समिति की सदस्य हैं। किरणजी ने जे.आर. मीडिया संस्थान की भी स्थापना की, जो मीडिया के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रमों में महारथ रखता है। उनकी अनेक लोकप्रिय पुस्तकें प्रकाशित हैं, जिनमें वरिष्ठ नागरिकों पर लिखी बैलेंसिंग्स, जीवन संध्या, जिंदगी का सफर, आज और कल, आशीर्वाद, अनुभव तथा बेटियाँ (इसका विमोचन भारत के राष्ट्रपति और हरियाणा के राज्यपाल ने किया था) प्रमुख हैं।

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