Renu Ka Hai Andaze Bayan Aur (HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Bharat Yayawar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Bharat Yayawar
Language:
Hindi
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Hardback

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फणीश्वरनाथ रेणु का जीवन और साहित्य जितना बहुआयामी है उतना ही रसग्राही। रेणु के व्यक्तित्व-कृतित्व के विविध पक्षों की गहन खोज करने में भारत यायावर ने अपने जीवन के कई वर्ष लगा दिए हैं। उनके सम्पादन में अब तक रेणु की लगभग बीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ‘रेणु रचनावली’ का सम्पादन किया है, जो बेहद प्रशंसित हुआ है। रेणु पर अपनी लम्बी खोज-यात्रा के उपरान्त उन्होंने ‘रेणु का है अन्दाज़े-बयाँ और’ लिखी है। इस पुस्तक में रेणु के जीवन और साहित्य के नए और अनछुए पहलुओं की तलाश की गई है। रेणु पर यह पहली पुस्तक है जिसमें विस्तार से उनकी रचनाओं की पड़ताल की गई है। रेणु के साहित्य में उपन्यास एवं कहानी के साथ ही रिपोर्ताज सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विधा है, जिस पर विस्तार से विवेचन किया गया है।
भारत यायावर की इस पुस्तक में रेणु के जीवन और साहित्य के गहन अनुसंधानपरक विवेचन के बावजूद सबसे महत्त्वपूर्ण है एक जीवन्त यानी हँसती-बतियाती हुई रचनात्मक भाषा। इस भाषा का एक अपना ही स्वाद है, साथ ही अपना ही रंग है। इसके कारण यह पुस्तक रोचक, दिलचस्प और बेहद पठनीय है। इस पुस्तक के परिशिष्ट में भारत यायावर ने फणीश्वरनाथ रेणु का संक्षिप्त जीवन-परिचय जोड़ दिया है एवं दो असंकलित रचनाओं ‘जै गंगा’ एवं ‘डायन कोशी’ को भी संकलित कर दिया है, इससे इस पुस्तक की महत्ता और अधिक बढ़ गई है। कुल मिलाकर, रेणु के अन्दाज़े-बयाँ को अपने ही ढंग से प्रस्तुत करनेवाली यह अनोखी पुस्तक है।

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Description

फणीश्वरनाथ रेणु का जीवन और साहित्य जितना बहुआयामी है उतना ही रसग्राही। रेणु के व्यक्तित्व-कृतित्व के विविध पक्षों की गहन खोज करने में भारत यायावर ने अपने जीवन के कई वर्ष लगा दिए हैं। उनके सम्पादन में अब तक रेणु की लगभग बीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ‘रेणु रचनावली’ का सम्पादन किया है, जो बेहद प्रशंसित हुआ है। रेणु पर अपनी लम्बी खोज-यात्रा के उपरान्त उन्होंने ‘रेणु का है अन्दाज़े-बयाँ और’ लिखी है। इस पुस्तक में रेणु के जीवन और साहित्य के नए और अनछुए पहलुओं की तलाश की गई है। रेणु पर यह पहली पुस्तक है जिसमें विस्तार से उनकी रचनाओं की पड़ताल की गई है। रेणु के साहित्य में उपन्यास एवं कहानी के साथ ही रिपोर्ताज सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विधा है, जिस पर विस्तार से विवेचन किया गया है।
भारत यायावर की इस पुस्तक में रेणु के जीवन और साहित्य के गहन अनुसंधानपरक विवेचन के बावजूद सबसे महत्त्वपूर्ण है एक जीवन्त यानी हँसती-बतियाती हुई रचनात्मक भाषा। इस भाषा का एक अपना ही स्वाद है, साथ ही अपना ही रंग है। इसके कारण यह पुस्तक रोचक, दिलचस्प और बेहद पठनीय है। इस पुस्तक के परिशिष्ट में भारत यायावर ने फणीश्वरनाथ रेणु का संक्षिप्त जीवन-परिचय जोड़ दिया है एवं दो असंकलित रचनाओं ‘जै गंगा’ एवं ‘डायन कोशी’ को भी संकलित कर दिया है, इससे इस पुस्तक की महत्ता और अधिक बढ़ गई है। कुल मिलाकर, रेणु के अन्दाज़े-बयाँ को अपने ही ढंग से प्रस्तुत करनेवाली यह अनोखी पुस्तक है।

About Author

भारत यायावर

जन्म : 29 नवम्बर, 1954;हजारीबाग।

शैक्षणिक अनुभव : 1983 से चास महाविद्यालय में हिन्दी के व्याख्याता। 1994 में पाँच महीने सन्त कोलम्बा महाविद्यालय, हजारीबाग में अध्यापन। फरवरी, 2004 से विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में अध्यापन।

लेखकीय अनुभव : 1974 में पहली रचना का प्रकाशन। 1978 से अखिल भारतीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक विधा की रचनाएँ प्रकाशित होने का क्रम अब तक जारी है।

कविता-पुस्तकें : ‘झेलते हुए’, ‘मैं हूँ यहाँ हूँ’, ‘बेचैनी’ एवं ‘हाल-बेहाल’ प्रकाशित।

1979 में ‘जिजीविषा के स्वर’ एवं ‘एक ही परिवेश’ नामक कविता-पुस्तकों का सम्पादन-प्रकाशन, जिसमें प्रारम्भिक कविताएँ संकलितहुईं।

पत्रिकाएँ : ‘नवतारा’, ‘प्रगतिशील समाज’एवं ‘विपक्ष’नामक साहित्यिक पत्रिकाओं का सम्पादन।

खोज-कार्य : हिन्दी के महान लेखक महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं फणीश्वरनाथ रेणु की दुर्लभ रचनाओं का खोज-कार्य। इन दोनों लेखकों की लगभग पच्चीस पुस्तकों का संकलन-सम्पादन। ‘रेणु-रचनावली’ एवं ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली’ का सम्पादन।

अन्य सम्पादित पुस्तकें : ‘कवि केदारनाथ सिंह’, ‘आलोचना के रचना-पुरुष : नामवर सिंह’, ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी का महत्त्व’ एवं ‘नामवर सिंह की प्रारम्भिक रचनाएँ’।

पुरस्कार : नागार्जुन पुरस्कार, बेनीपुरी पुरस्कार, राधाकृष्ण पुरस्कार, पुश्किन पुरस्कार, मास्को आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान, रायबरेली।

सम्प्रति : प्राध्यापक, हिन्दी विभाग, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, (हजारीबाग) में प्राध्यापकपद से सेवानिवृत्त।

ई-मेल : bharatyayawar@yahoo.com

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