Raktabeej

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
केशव
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
केशव
Language:
Hindi
Format:
Hardback

89

Save: 1%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 8126307870 Category
Category:
Page Extent:
118

रक्तबीज –
केशव सिर्फ कथाकार नहीं, कवि-कथाकार हैं। उनकी कहानियाँ अत्यन्त मार्मिक और गहरी होती हैं। अपने हर शब्द और अभिव्यक्ति की हर भंगिमा के लिए लगातार संघर्ष करता उनका कथाकार कथ्य को इस तरह रचता है, मानो वह उसका निजी सरोकार हो ।
केशव के रचाव में एक ऐसा आयासहीन मोज़ेइक है, जो कहीं से भी आरोपित नहीं लगता, क्योंकि सृजन के प्रति केशव पल भर के लिए भी औपचारिक बर्ताव करते नहीं दिखते। कथा के निजी संसार या स्मृति की रक्षा करते हुए भी वे उसमें गहनता और विस्तार रचते हैं। कई कहानियाँ देश-काल पर पैनी नज़र रखती हैं, तो कई कहानियाँ युवकों, बच्चों, वृद्धों असहायों गरीबों के पक्ष में लिखी गई बड़े केनवास की कहानियाँ हैं।
केशव की भाषा का सौन्दर्य विशिष्ट है। बिम्ब और प्रतीक इसे मार्मिक बनाते हैं, परन्तु कथातत्व को कहीं चोट नहीं पहुँचाते । केशव अपनी कहानियों के लिए एक नया कथा-शिल्प रचते हैं जिसमें किस्सागोई, कविता और संवेदना के सूक्ष्म तन्तु हैं, जिनके सहारे पाठक कथा के भीतर उतरता चला जाता है।
केशव की कहानियों में चित्रित पहाड़ी अंचल अपनी सीमा में भी व्यापक संवेदनशील है। ये कहानियाँ जगह-जगह रोककर अपने कुछ अंशों को दुबारा-तिबारा पढ़ने पर विवश करती हैं, लेकिन उबाती नहीं।
भारतीय ज्ञानपीठ इस मार्मिक, ताजा कहानी-संग्रह को प्रकाशित कर प्रसन्नता अनुभव करता है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Raktabeej”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

रक्तबीज –
केशव सिर्फ कथाकार नहीं, कवि-कथाकार हैं। उनकी कहानियाँ अत्यन्त मार्मिक और गहरी होती हैं। अपने हर शब्द और अभिव्यक्ति की हर भंगिमा के लिए लगातार संघर्ष करता उनका कथाकार कथ्य को इस तरह रचता है, मानो वह उसका निजी सरोकार हो ।
केशव के रचाव में एक ऐसा आयासहीन मोज़ेइक है, जो कहीं से भी आरोपित नहीं लगता, क्योंकि सृजन के प्रति केशव पल भर के लिए भी औपचारिक बर्ताव करते नहीं दिखते। कथा के निजी संसार या स्मृति की रक्षा करते हुए भी वे उसमें गहनता और विस्तार रचते हैं। कई कहानियाँ देश-काल पर पैनी नज़र रखती हैं, तो कई कहानियाँ युवकों, बच्चों, वृद्धों असहायों गरीबों के पक्ष में लिखी गई बड़े केनवास की कहानियाँ हैं।
केशव की भाषा का सौन्दर्य विशिष्ट है। बिम्ब और प्रतीक इसे मार्मिक बनाते हैं, परन्तु कथातत्व को कहीं चोट नहीं पहुँचाते । केशव अपनी कहानियों के लिए एक नया कथा-शिल्प रचते हैं जिसमें किस्सागोई, कविता और संवेदना के सूक्ष्म तन्तु हैं, जिनके सहारे पाठक कथा के भीतर उतरता चला जाता है।
केशव की कहानियों में चित्रित पहाड़ी अंचल अपनी सीमा में भी व्यापक संवेदनशील है। ये कहानियाँ जगह-जगह रोककर अपने कुछ अंशों को दुबारा-तिबारा पढ़ने पर विवश करती हैं, लेकिन उबाती नहीं।
भारतीय ज्ञानपीठ इस मार्मिक, ताजा कहानी-संग्रह को प्रकाशित कर प्रसन्नता अनुभव करता है।

About Author

केशव - जन्म: 8 अप्रैल, 1949, गाँव टम्बर, हिमाचल प्रदेश। शिक्षा: एम.ए. अंग्रेज़ी साहित्य। प्रकाशित कृतियाँ: शहर का दुख, अलगाव, एक सूनी यात्रा, रोशनी की आँखों में, ओ पवित्र नदी, धूप के जल में (कविता-संग्रह) फ़ासला, अलाव (कहानी-संग्रह) हवाघर (उपन्यास)। अनियतकालीन पत्रिका 'शिखर' का सम्पादन। सम्मान: हिमाचल सरकार का सर्वोच्च सम्मान ‘गुलेरी सम्मान', हिमाचल साहित्य अकादमी पुरस्कार, पीपुल अवार्ड।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Raktabeej”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED