Rajneeti Vigyan Ke Mool Aadhar

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
सम्पादक- नरेश भार्गव, अरुण चतुर्वेदी, संजय लोढ़ा, वेददान सुधीर / शोध सहायक- निधि जैन
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
सम्पादक- नरेश भार्गव, अरुण चतुर्वेदी, संजय लोढ़ा, वेददान सुधीर / शोध सहायक- निधि जैन
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Hardback

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राजनीति विज्ञान के मूल आधार –
प्रस्तुत पुस्तक राजनीति विज्ञान के मूल आधार में 5 खण्डों में 26 अध्याय संकलित हैं। इन खण्डों में राजनीति विज्ञान के सैद्धान्तिक ज्ञान से सम्बन्धित अलग-अलग पहलुओं को स्थान दिया गया है। मुख्य रूप से सिद्धान्त, अवधारणा, संस्थात्मक आधार, प्रक्रियाएँ और समसामयिक सैद्धान्तिक बहस को इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है। 12 से अधिक वरिष्ठ राजनीतिक विद्वानों ने अपने आलेखों द्वारा इस सम्पादित पुस्तक में अपना योगदान दिया है। प्रमुख राजनीतिक अवधारणाओं, राष्ट्र, राज्य, नागरिकता, सरकार और उसके रूप, राजनीतिक आधुनिकीकरण, विकास तथा संस्कृति, लोकतन्त्र और अधिनायकतन्त्र, राजनीतिक दल और चुनाव व्यवस्था एवं 21वीं शताब्दी में प्रतिपादित राजनीतिक बहस को इस पुस्तक में समाहित किया गया है।

प्रथम खण्ड सिद्धान्तों से जुड़ा है जिसमें राजनीति, राष्ट्र और राज्य तथा नागरिकता के अहम मुद्दों का उल्लेख है। दूसरे खण्ड में राजनीतिक सम्प्रभुता, विकास, संस्कृति और आधुनिकीकरण की अवधारणाओं को विस्तार से समझाया गया है। तीसरे खण्ड में जहाँ एक ओर लोकतन्त्र तथा अधिनायकतन्त्र के परस्पर विपरीत विचारों का वर्णन है वहीं दूसरी ओर सरकार के संगठनात्मक स्वरूपों जैसे संघात्मक सरकार, संसदात्मक और अध्यक्षात्मक व्यवस्थाएँ तथा सरकार के तीनों अंगों का भी ब्यौरा दिया गया है। चौथे खण्ड में चुनाव, राजनीतिक दलों और निर्वाचन प्रणालियों का वर्णन है। पाँचवें और अन्तिम खण्ड में शीतयुद्धोत्तर विश्व में जो सैद्धान्तिक बहस हुई हैं उनका सारगर्भित विश्लेषण किया गया है। पुस्तक की ख़ासियत यह है कि जहाँ यह उस पाठक की जिज्ञासाओं का उत्तर देगी जो राजनीति विज्ञान का औपचारिक विद्यार्थी नहीं है, वहीं साथ ही-साथ यह उन पाठकों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी जो इस विषय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में विशेष दक्षता हासिल करना चाहते हैं। एक प्रारम्भिका के रूप में यह पुस्तक अवश्य ही सभी पाठकों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी ऐसा सम्पादक मण्डल का दृढ़ विश्वास है।

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Description

राजनीति विज्ञान के मूल आधार –
प्रस्तुत पुस्तक राजनीति विज्ञान के मूल आधार में 5 खण्डों में 26 अध्याय संकलित हैं। इन खण्डों में राजनीति विज्ञान के सैद्धान्तिक ज्ञान से सम्बन्धित अलग-अलग पहलुओं को स्थान दिया गया है। मुख्य रूप से सिद्धान्त, अवधारणा, संस्थात्मक आधार, प्रक्रियाएँ और समसामयिक सैद्धान्तिक बहस को इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है। 12 से अधिक वरिष्ठ राजनीतिक विद्वानों ने अपने आलेखों द्वारा इस सम्पादित पुस्तक में अपना योगदान दिया है। प्रमुख राजनीतिक अवधारणाओं, राष्ट्र, राज्य, नागरिकता, सरकार और उसके रूप, राजनीतिक आधुनिकीकरण, विकास तथा संस्कृति, लोकतन्त्र और अधिनायकतन्त्र, राजनीतिक दल और चुनाव व्यवस्था एवं 21वीं शताब्दी में प्रतिपादित राजनीतिक बहस को इस पुस्तक में समाहित किया गया है।

प्रथम खण्ड सिद्धान्तों से जुड़ा है जिसमें राजनीति, राष्ट्र और राज्य तथा नागरिकता के अहम मुद्दों का उल्लेख है। दूसरे खण्ड में राजनीतिक सम्प्रभुता, विकास, संस्कृति और आधुनिकीकरण की अवधारणाओं को विस्तार से समझाया गया है। तीसरे खण्ड में जहाँ एक ओर लोकतन्त्र तथा अधिनायकतन्त्र के परस्पर विपरीत विचारों का वर्णन है वहीं दूसरी ओर सरकार के संगठनात्मक स्वरूपों जैसे संघात्मक सरकार, संसदात्मक और अध्यक्षात्मक व्यवस्थाएँ तथा सरकार के तीनों अंगों का भी ब्यौरा दिया गया है। चौथे खण्ड में चुनाव, राजनीतिक दलों और निर्वाचन प्रणालियों का वर्णन है। पाँचवें और अन्तिम खण्ड में शीतयुद्धोत्तर विश्व में जो सैद्धान्तिक बहस हुई हैं उनका सारगर्भित विश्लेषण किया गया है। पुस्तक की ख़ासियत यह है कि जहाँ यह उस पाठक की जिज्ञासाओं का उत्तर देगी जो राजनीति विज्ञान का औपचारिक विद्यार्थी नहीं है, वहीं साथ ही-साथ यह उन पाठकों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी जो इस विषय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में विशेष दक्षता हासिल करना चाहते हैं। एक प्रारम्भिका के रूप में यह पुस्तक अवश्य ही सभी पाठकों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी ऐसा सम्पादक मण्डल का दृढ़ विश्वास है।

About Author

नरेश भार्गव - मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से सेवा मुक्त। राजनीतिक समाजशास्त्र, जनसंचार के समाजशास्त्र तथा गैर-बराबरी के समाजशास्त्र मे विशेषज्ञत। लेखन कार्य में निरन्तर कार्यरत। अरुण चतुर्वेदी - मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय; विक्रम विश्वविद्यालय और राजस्थान सरकार के महाविद्यालय में अध्यापन। अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति, भारतीय विदेश नीति, अन्तर्राष्ट्रीय क़ानून, मानवाधिकार भारतीय राजनीति और तृणमूल स्तर की राजनीति पर पुस्तकें लिखीं और पुस्तकों का सम्पादन किया वर्तमान में भी लेखन और सम्पादन में सक्रिय। संजय लोढ़ा - सैंतीस वर्षों तक राजनीति विज्ञान का अध्यापन | 7 पुस्तकों का लेखन एवं सम्पादन। 50 से अधिक शोध लेखों का प्रकाशन। स्टेट पॉलिटिक्स, वोटिंग बिहेवियर और चुनाव विश्लेषण से सम्बन्धित गम्भीर शोध। सांझी न्यास के माध्यम से जनजाति क्षेत्र की महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के प्रयास में संलग्न | वेददान सुधीर - विगत पैंतीस वर्षों से राजनीति शास्त्र का अध्ययन एवं अध्यापन। भारत की विदेश नीति : एक मूल्यांकन, भारतीय संविधान के चर्चित प्रसंग, भारत की विदेश नीति : बदलते सन्दर्भ, पुस्तकों का लेखन तथा 'द क्राइसिस ऑफ़ इंडिया' का सम्पादन । भारत में पंचायती राज पर पुस्तक। पंचायती राज संस्थाओं के विविध पहलुओं पर शोध प्रबन्धों का निर्देशन । पत्रिका 'मूलप्रश्न' का विगत 40 वर्षों से निरन्तर सम्पादन।

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