Rajkamal Brihat Hindi Shabadkosh (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Pushppal Singh
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Rajkamal
Author:
Pushppal Singh
Language:
Hindi
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Paperback

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इस कोश में प्रयास किया गया है कि पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री ही इसमें प्रस्तुत की जाए। सर्वप्रथम भारत सरकार, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा प्रस्तुत प्रशासनिक शब्दावली के उन बहुप्रयुक्त शब्दों के रूप दिए गए हैं जो अनुवाद, पत्रकारिता आदि क्षेत्रों के पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकें। इस शब्दावली में वहाँ संशोधन प्रस्तुत किए गए हैं, जहाँ उनके बेहतर सरल, सुग्राह्य विकल्प हो सकते हैं। कुछ पारिभाषिक शब्दों को समय ने अस्वीकार कर उनके विकल्प प्रस्तुत कर दिए हैं, कुछ के अंग्रेज़ी रूप यथावत् या किंचित् रूपान्तर के साथ स्वीकार कर लिए गए हैं। कार्यालयी टिप्पण—‘नोटिंग’— से सम्बन्धित शब्दावली, वाक्यांश, अभिव्यक्तियाँ भी आवश्यक संशोधनों के साथ प्रस्तुत की जा रही हैं। बैंक और बैंकिंग-व्यवस्था हमारे जीवन में अत्यन्त निकट व्यवहार में है। इसीलिए बैंकिंग शब्दावली तथा बैंकिंग क्षेत्र के हिन्दी पदनाम (डेजीनेशनल टर्म्स) भी यहाँ दिए जा रहे हैं। विलोम शब्दों की सूची भी प्रस्तुत की जा रही है जिसकी आवश्यकता प्रायः पड़ती रहती है। अन्तरराष्ट्रीय कैलेंडर के महीनों और सप्ताह के दिनों के नामों का उद्भव इस कोश में प्रथम बार दिया जा रहा है। भारतरत्न सम्मान, ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता हिन्दी साहित्यकार तथा साहित्य अकादेमी हिन्दी पुरस्कारों की सूची भी यहाँ दी जा रही है। विश्वास है कि यह सामग्री पाठकों के लिए उपादेय सिद्ध होगी।

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Description

इस कोश में प्रयास किया गया है कि पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री ही इसमें प्रस्तुत की जाए। सर्वप्रथम भारत सरकार, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा प्रस्तुत प्रशासनिक शब्दावली के उन बहुप्रयुक्त शब्दों के रूप दिए गए हैं जो अनुवाद, पत्रकारिता आदि क्षेत्रों के पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकें। इस शब्दावली में वहाँ संशोधन प्रस्तुत किए गए हैं, जहाँ उनके बेहतर सरल, सुग्राह्य विकल्प हो सकते हैं। कुछ पारिभाषिक शब्दों को समय ने अस्वीकार कर उनके विकल्प प्रस्तुत कर दिए हैं, कुछ के अंग्रेज़ी रूप यथावत् या किंचित् रूपान्तर के साथ स्वीकार कर लिए गए हैं। कार्यालयी टिप्पण—‘नोटिंग’— से सम्बन्धित शब्दावली, वाक्यांश, अभिव्यक्तियाँ भी आवश्यक संशोधनों के साथ प्रस्तुत की जा रही हैं। बैंक और बैंकिंग-व्यवस्था हमारे जीवन में अत्यन्त निकट व्यवहार में है। इसीलिए बैंकिंग शब्दावली तथा बैंकिंग क्षेत्र के हिन्दी पदनाम (डेजीनेशनल टर्म्स) भी यहाँ दिए जा रहे हैं। विलोम शब्दों की सूची भी प्रस्तुत की जा रही है जिसकी आवश्यकता प्रायः पड़ती रहती है। अन्तरराष्ट्रीय कैलेंडर के महीनों और सप्ताह के दिनों के नामों का उद्भव इस कोश में प्रथम बार दिया जा रहा है। भारतरत्न सम्मान, ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता हिन्दी साहित्यकार तथा साहित्य अकादेमी हिन्दी पुरस्कारों की सूची भी यहाँ दी जा रही है। विश्वास है कि यह सामग्री पाठकों के लिए उपादेय सिद्ध होगी।

About Author

पुष्पपाल सिंह

जन्म : 4 नवम्बर, 1941; भदस्याना (मेरठ, उ.प्र.)।

शिक्षा : कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता से डी.फिल., जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू से डी.लिट्., पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से हिन्दी विभाग के प्रोफ़ेसर तथा अध्यक्ष के रूप में सेवा-निवृत्ति।

प्रमुख कृतियाँ : ‘आधुनिक हिन्दी कविता में महाभारत के कुछ पात्र’, ‘काव्य-मिथक’, ‘आधुनिक हिन्दी साहित्य : विकास के विविध सोपान’, ‘कमलेश्वर : कहानी का सन्दर्भ’, ‘समकालीन कहानी : युगबोध का सन्दर्भ’, ‘समकालीन कहानी : रचना-मुद्रा’, ‘समकालीन कहानी : सोच और समझ’, ‘समकालीन हिन्दी कहानी’, ‘बीसवीं शती : कृष्ण कथा-काव्य’, ‘हिन्दी कहानी : विश्वकोश’ (प्रथम खंड), ‘कबीर ग्रन्थावली सटीक’, ‘भ्रमरगीत सार : समीक्षा और व्याख्या’, ‘हिन्दी गद्य : इधर की उपलब्धियाँ’, ‘समकालीन कहानी : नया परिप्रेक्ष्य’, ‘भूमंडलीकरण और हिन्दी उपन्यास’, ‘वैश्विक गाँव और आम आदमी’, ‘हिन्दी कहानीकार कमलेश्वर : पुनर्मूल्यांकन’, ‘कहानी का उत्तर समय : सृजन-सन्दर्भ’, ‘रवीन्द्रनाथ त्यागी : विनिबन्ध’ (आलोचना); ‘तारीख़ का इन्तज़ार’ (कहानी-संग्रह); ‘जुग बीते, युग आए’ (रिपोर्ताज); ‘हिन्दी की क्लासिक कहानियाँ’ (छह खंड), 'सुनीता जैन समग्र’ (14 खंड), ‘भारतीय साहित्य के स्वर्णाक्षर : प्रेमचन्द’, ‘जयशंकर प्रसाद’, ‘हिन्दी का प्रथम उपन्यास : देवरानी जेठानी की कहानी’ (सम्‍पादन); ‘समकालीन पंजाबी प्रतिनिधि कहानियाँ’, 'सरबत दा भला’ (अनुवाद)।

सम्‍मान : 'साहित्य-भूषण’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान), ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान), ‘शिरोमणि साहित्यकार पुरस्कार’ आदि।

निधन : 29 अगस्‍त, 2015

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