PRITHIVI SUKT

Publisher:
SETU PRAKASHAN
| Author:
MUKUND LATH
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
SETU PRAKASHAN
Author:
MUKUND LATH
Language:
Hindi
Format:
Hardback

203

Save: 10%

In stock

Ships within:
3-5 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789389830484 Category
Category:
Page Extent:
96

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “PRITHIVI SUKT”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About Author

जन्म : 1937, कोलकाता में। शिक्षा के साथ संगीत में विशेष प्रवृत्ति थी जो बनी रही। आप पण्डित जसराज के शिष्य हैं । अंग्रेज़ी में बी.ए. (ऑनर्स), फिर संस्कृत में एम.ए. किया। पश्चिम बर्लिन गये और वहाँ संस्कृत के प्राचीन संगीत-ग्रन्थ दत्तिलम् का अनुवाद और विवेचन किया। भारत लौट कर इस काम को पूरा किया और इस पर पी-एच.डी. ली। 1973 से 1997 तक राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, के भारतीय इतिहास एवं संस्कृति विभाग में रहे। भारतीय संगीत, नृत्त, नाट्य, कला, साहित्य सम्बन्धी चिन्तन और इतिहास पर हिन्दी-अंग्रेज़ी में लिखते रहे हैं। यशदेव शल्य के साथ दर्शन प्रतिष्ठान की प्रतिष्ठित पत्रिका उन्मीलन के सम्पादक और उसमें नियमित लेखन। प्रमुख प्रकाशन : ए स्टडी ऑफ़ दत्तिलम, हाफ़ ए टेल (अर्धकथानक का अनुवाद), द हिन्दी पदावली ऑफ़ नामदेव (कालावात के सहलेखन में), ट्रान्सफ़ॉरमेशन ऐज़ क्रिएशन, संगीत एवं चिन्तन, स्वीकरण, तिर रही वन की गन्ध, धर्म-संकट, कर्म चेतना के आयाम, क्या है क्या नहीं है, पृथिवी-सूक्त (चयनित अनुवाद)। दो कविता-संग्रह अनरहनी रहने दो, अँधेरे के रंग के नाम से। प्रमुख सम्मान व पुरस्कार : पद्मश्री, शंकर पुरस्कार, नरेश मेहता वाङ्मय पुरस्कार, फ़ेलो-संगीत नाट्य अकादेमी।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “PRITHIVI SUKT”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED