Premkatha : Rati-Jinna

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
सुशील कुमार गौतम
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
सुशील कुमार गौतम
Language:
Hindi
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Hardback

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प्रेमकथा: रति-जिन्ना –
मेरे लिए तो जिन्ना घोर मज़हबी दक़ियानूसी मुसलमान और भारत विरोधी राजनीतिज्ञ था जिसके बारे में जानने के लिए शायद कुछ भी दिलचस्प नहीं था। चागला की पुस्तक से मेरी धारणा में कुछ दरार पड़ी। अब मुझे इस व्यक्ति में कुछ दिलचस्पी हुई। जिन्ना में कुछ कम रति में कुछ ज़्यादा। रति के बारे में पुस्तकें खँगालीं तो गहरा शून्य हाथ लगा। जिन्ना के बारे में राजनैतिक रूप से तो बहुत कुछ उपलब्ध था विशेष रूप से स्टैनली वोलपर्ट द्वारा लिखी उसकी जीवनी। यद्यपि इसमें भी जिन्ना का राजनैतिक जीवन ही प्रमुख है। पर व्यक्तिगत जीवन की कुछ प्रमुख घटनाएँ भी हैं। जिन्ना के जन्म से लेकर जब तक उसका साथ रति के साथ रहा, यह सब पढ़कर कितने ही भ्रम टूटे। इस पुस्तक के पढ़ने के बाद रति से जान-पहचान कुछ और गहरी हुई। रति मेरे मानसपटल पर छा गयी। इन स्थितियों में कितनी ही बार रति ने कल्पना में आकर पूछा— मेरी कहानी नहीं लिखोगे? इतिहास के पन्नों से मेरी जीवनकथा यों ही भुला दी जायेगी? मैंने वचन दिया ऐसा नहीं होगा तुम्हारी जीवनी लिखने का जिम्मा मेरा रहा। —पुस्तक की भूमिका से…

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प्रेमकथा: रति-जिन्ना –
मेरे लिए तो जिन्ना घोर मज़हबी दक़ियानूसी मुसलमान और भारत विरोधी राजनीतिज्ञ था जिसके बारे में जानने के लिए शायद कुछ भी दिलचस्प नहीं था। चागला की पुस्तक से मेरी धारणा में कुछ दरार पड़ी। अब मुझे इस व्यक्ति में कुछ दिलचस्पी हुई। जिन्ना में कुछ कम रति में कुछ ज़्यादा। रति के बारे में पुस्तकें खँगालीं तो गहरा शून्य हाथ लगा। जिन्ना के बारे में राजनैतिक रूप से तो बहुत कुछ उपलब्ध था विशेष रूप से स्टैनली वोलपर्ट द्वारा लिखी उसकी जीवनी। यद्यपि इसमें भी जिन्ना का राजनैतिक जीवन ही प्रमुख है। पर व्यक्तिगत जीवन की कुछ प्रमुख घटनाएँ भी हैं। जिन्ना के जन्म से लेकर जब तक उसका साथ रति के साथ रहा, यह सब पढ़कर कितने ही भ्रम टूटे। इस पुस्तक के पढ़ने के बाद रति से जान-पहचान कुछ और गहरी हुई। रति मेरे मानसपटल पर छा गयी। इन स्थितियों में कितनी ही बार रति ने कल्पना में आकर पूछा— मेरी कहानी नहीं लिखोगे? इतिहास के पन्नों से मेरी जीवनकथा यों ही भुला दी जायेगी? मैंने वचन दिया ऐसा नहीं होगा तुम्हारी जीवनी लिखने का जिम्मा मेरा रहा। —पुस्तक की भूमिका से…

About Author

सुशील गौतम - जन्म: 1945, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)। शिक्षा: उर्दू, चित्रकला, कृषिविज्ञान और क़ानून की पढ़ाई के बाद न किसान बना न क़ानूनविद बन पाया। सृजन: कातिब और कलाकार, फ़िल्म लेखक, निर्माता और निर्देशक, दस वृत्तचित्र बनाये, चार छोटे और एक बड़ा धारावाहिक, टेलीफ़िल्म, कुछ लघु फ़िल्में, एक रेडियो धारावाहिक बनाया और चालीस से अधिक वृत्तचित्र लिखे; कुछ रेडियो रूपक भी। ख़बरनवीसी में भी तक़दीर आज़मायी। इसी दौर में दो पुस्तकें लिखीं (आदिवासीगढ़ छत्तीसगढ़ और वृत्तचित्र लेखन) साथ-साथ व्यंग्य, लेख, यात्रा वृत्तान्त और कुछ कहानियाँ । अधिकांश रचनाएँ देशबन्धु (रायपुर) और अक्षरपर्व में प्रकाशित हुईं। चार-छ: अन्यत्र स्थानों पर । कुल जमा एक उपन्यास लिखा जो आपके हाथों में है।

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