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Poorvraag
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
योजना रावत
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
योजना रावत
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹450 ₹315
Save: 30%
In stock
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1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789357759021
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
152
सुपरिचित कथाकार योजना रावत का दूसरा कहानी-संग्रह पूर्वराग इनकी रचनात्मक विकास यात्रा और लेखकीय धैर्य दोनों का परिचायक है। इस संग्रह की कहानियों से गुज़रते हुए यह आश्वस्ति होती है कि सन् 2012 में प्रकाशित इनके पहले कहानी-संग्रह पहाड़ से उतरते हुए की कहानियों में संवेदना की जो लकीरें उभरी थीं, यहाँ तक आते-आते और गहरी हुई हैं, कथा-चरित्रों के गठन में बाहर-भीतर का जो द्वन्द्व दृष्टिगत हुआ था, अब और सघन हुआ है।
इस संग्रह की कहानियों में यात्रा के दृश्य अमूमन आते हैं, पर ये यात्राएँ इकहरी नहीं, बहुआयामी हैं । देश-देशान्तर से लेकर देह-मन तक को खँगालती ये यात्राएँ विचार और संवेदना की परस्पर गलबहियों से जिन जीवन स्थितियों की पुनर्रचना करती हैं, वही हमारे समक्ष ख़ूबसूरत कथा – निर्मितियों के रूप में उपस्थित होती हैं। इस क्रम में कथा चरित्रों के मन का उजास और उनके अन्तःसम्बन्धों की पारस्परिकता जिस अन्तरंगता से पाठकों के साथ एक आत्मीय रिश्ता कायम करती है, उससे नैरेटर और पाठक के दरम्यान मौजूद दूरियाँ सहज ही कम हो जाती हैं। संवेदना की तरलता और विचारों की दृढ़ता के सम्यक सन्तुलन के बीच अतीत और वर्तमान तथा परम्परा और आधुनिकता की अर्थपूर्ण जिरहों को स्वप्न और औत्सुक्य के धागे से बुनती इन कहानियों के पात्र कब और कैसे आपकी ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाते हैं पता ही नहीं चलता। सत्य और साहस की संयुक्त वीथियों में खुलने -निखरने वाली ये कहानियाँ स्वयं को स्वयं के आईने में देखने- टटोलने का एक ईमानदार जतन करती हैं जिसमें हम सब अपने-अपने हिस्से की धूप-छाँह व राग-रंग को देख-परख सकते हैं।
– राकेश बिहारी
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Description
सुपरिचित कथाकार योजना रावत का दूसरा कहानी-संग्रह पूर्वराग इनकी रचनात्मक विकास यात्रा और लेखकीय धैर्य दोनों का परिचायक है। इस संग्रह की कहानियों से गुज़रते हुए यह आश्वस्ति होती है कि सन् 2012 में प्रकाशित इनके पहले कहानी-संग्रह पहाड़ से उतरते हुए की कहानियों में संवेदना की जो लकीरें उभरी थीं, यहाँ तक आते-आते और गहरी हुई हैं, कथा-चरित्रों के गठन में बाहर-भीतर का जो द्वन्द्व दृष्टिगत हुआ था, अब और सघन हुआ है।
इस संग्रह की कहानियों में यात्रा के दृश्य अमूमन आते हैं, पर ये यात्राएँ इकहरी नहीं, बहुआयामी हैं । देश-देशान्तर से लेकर देह-मन तक को खँगालती ये यात्राएँ विचार और संवेदना की परस्पर गलबहियों से जिन जीवन स्थितियों की पुनर्रचना करती हैं, वही हमारे समक्ष ख़ूबसूरत कथा – निर्मितियों के रूप में उपस्थित होती हैं। इस क्रम में कथा चरित्रों के मन का उजास और उनके अन्तःसम्बन्धों की पारस्परिकता जिस अन्तरंगता से पाठकों के साथ एक आत्मीय रिश्ता कायम करती है, उससे नैरेटर और पाठक के दरम्यान मौजूद दूरियाँ सहज ही कम हो जाती हैं। संवेदना की तरलता और विचारों की दृढ़ता के सम्यक सन्तुलन के बीच अतीत और वर्तमान तथा परम्परा और आधुनिकता की अर्थपूर्ण जिरहों को स्वप्न और औत्सुक्य के धागे से बुनती इन कहानियों के पात्र कब और कैसे आपकी ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाते हैं पता ही नहीं चलता। सत्य और साहस की संयुक्त वीथियों में खुलने -निखरने वाली ये कहानियाँ स्वयं को स्वयं के आईने में देखने- टटोलने का एक ईमानदार जतन करती हैं जिसमें हम सब अपने-अपने हिस्से की धूप-छाँह व राग-रंग को देख-परख सकते हैं।
– राकेश बिहारी
About Author
योजना रावत की विशेष रुचि स्त्री विमर्श पर केन्द्रित कथा साहित्य के अध्ययन में है। उनकी दो कृतियाँ नारी मुक्ति तथा उपा प्रियंवदा का कथा साहित्य (1997) और स्त्री विमर्शवादी उपन्यास : सृजन और सम्भावना (2008) में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनका कहानी-संग्रह पहाड़ से उतरते हुए (2012) तथा कविता-संग्रह थोड़ी सी जगह (2014) में प्रकाशित हो चुका है। योजना रावत की कविताएँ, कहानियाँ और यात्रा संस्मरण अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। वह फ्रेंच से हिन्दी में अनुवाद भी करती हैं। उन्होंने फ्रेंच से दो पुस्तकों पेड़ लगाने वाला चरवाहा (2000) और ऐसा भी होता है उपन्यास (2005) के अलावा सौ फ्रेंच कविताओं का हिन्दी में अनुवाद किया है। फ्रेंच कला और फ्रांस की सांस्कृतिक गतिविधियों पर वह लम्बे समय तक लेखन करती रही हैं। 2005 में अनुवाद परियोजना के तहत वह फ्रेंच सरकार के निमन्त्रण पर तीन महीने फ्रांस में रहीं। वह यूरोप तथा एशिया के अनेक देशों की लम्बी यात्राएँ कर चुकी हैं। देश-विदेश में लम्बी, रोमांचक व साहसिक यात्राएँ, पर्वतारोहण तथा यायावरी में उनकी विशेष रुचि है।
योजना रावत पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हिन्दी की प्रोफ़ेसर हैं।
मो.: 9023746638
ईमेल : yojnarawat@gmail.com
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