SalePaperback
Ganeshshankar Vidyarthi - Volume 1 & 2
₹2,000 ₹1,399
Save: 30%
Let Me Hijack Your Mind: Restart Your Life With Freedom
₹499 ₹199
Save: 60%
पूर्णाहुति । Poornahuti
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Sarvesh Tiwari ‘Shreemukh’
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Sarvesh Tiwari ‘Shreemukh’
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹300 ₹180
Save: 40%
In stock
Releases around 20/09/2024Ships within:
This book is on PRE-ORDER, and it will be shipped within 1-4 days after the release of the book.
Note :
Price and release dates of pre-order books may change at the publisher's discretion before release.
In stock
Book Type |
---|
Page Extent:
160
“पूर्णाहुति’ क्षत्रिय शौर्य का आख्यान है। अकबर के चित्तौड़ आक्रमण के समय सवा लाख की मुगल सेना से सिर पर भगवा बाँधकर अंतिम साँस तक जूझने वाले कुछ हजार स्वाभिमानी योद्धाओं, और मुख में तुलसी-गंगाजल लेकर अग्नि में उतर जाने वाली देवियों की गाथा ! एक मार्मिक कहानी, जिसमें एक ओर प्रेम है, भक्ति है, शौर्य है और है मातृभूमि के लिए बलिदान देने का ओजपूर्ण भाव ! तो दूसरी ओर क्रूरता है, बर्बरता है, लूट है, घृणा है, और है सबकुछ तहस-नहस कर देने का राक्षसी हठ !
बर्बर आक्रांताओं का सामना करने निकली सभ्यता जिन तर्कों के साथ उस महाविनाश का सामना करती है, वह भविष्य में भी सदा प्रासंगिक रहने वाली है। इसी कारण यह कथा महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
चित्तौड़ युद्ध में विजय के बाद चालीस हजार साधारण ग्रामीणों की हत्या करने वाले निर्दयी आक्रांता अकबर की आधुनिक इतिहासकारों द्वारा गढ़ी गई झूठी उदार छवि की कलई खोलता यह उपन्यास बताता है कि संसार में सर्वाधिक आक्रमण झेलने के बाद भी भारत अपनी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति के साथ पुष्पित-पल्लवित हो रहा है, तो इसका मूल कारण क्या है।”
Be the first to review “पूर्णाहुति । Poornahuti” Cancel reply
Description
“पूर्णाहुति’ क्षत्रिय शौर्य का आख्यान है। अकबर के चित्तौड़ आक्रमण के समय सवा लाख की मुगल सेना से सिर पर भगवा बाँधकर अंतिम साँस तक जूझने वाले कुछ हजार स्वाभिमानी योद्धाओं, और मुख में तुलसी-गंगाजल लेकर अग्नि में उतर जाने वाली देवियों की गाथा ! एक मार्मिक कहानी, जिसमें एक ओर प्रेम है, भक्ति है, शौर्य है और है मातृभूमि के लिए बलिदान देने का ओजपूर्ण भाव ! तो दूसरी ओर क्रूरता है, बर्बरता है, लूट है, घृणा है, और है सबकुछ तहस-नहस कर देने का राक्षसी हठ !
बर्बर आक्रांताओं का सामना करने निकली सभ्यता जिन तर्कों के साथ उस महाविनाश का सामना करती है, वह भविष्य में भी सदा प्रासंगिक रहने वाली है। इसी कारण यह कथा महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
चित्तौड़ युद्ध में विजय के बाद चालीस हजार साधारण ग्रामीणों की हत्या करने वाले निर्दयी आक्रांता अकबर की आधुनिक इतिहासकारों द्वारा गढ़ी गई झूठी उदार छवि की कलई खोलता यह उपन्यास बताता है कि संसार में सर्वाधिक आक्रमण झेलने के बाद भी भारत अपनी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति के साथ पुष्पित-पल्लवित हो रहा है, तो इसका मूल कारण क्या है।”
About Author
बिहार के गोपालगंज में जनमे सर्वेश पेशे से अध्यापक हैं और चर्चित लेखक भी। विचारों में विशुद्ध भारतभाव लिये सर्वेश युवाओं में अच्छे-खासे लोकप्रिय हैं। 'पूर्णाहुति' उनकी तीसरी पुस्तक है। उनकी पहली पुस्तक 'परत' ग्रामीण राजनीति और प्रेम के नाम पर की जानेवाली धूर्तता को केंद्र में रखकर लिखा गया मार्मिक उपन्यास है, और दूसरा उपन्यास 'पुण्यपथ' पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा पर आधारित है। दोनों ही पुस्तकें खूब चर्चित और बेस्टसेलर रही हैं। सर्वेश समसामयिक मुद्दों पर मुखरता से बोलते हैं। वे 'राजस्थान पत्रिका' अखबार में नियमित कॉलम लिखते रहे हैं।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “पूर्णाहुति । Poornahuti” Cancel reply
RELATED PRODUCTS
Alwan-E-Nemat: A journey through Jahangir’s kitchen
Save: 40%
Role Models: Inspiring Stories of Indian Muslim Achievers
Save: 40%
Why Not Me? – 2: The Pain of One-Sided Love (Hinglish)
Save: 35%
Reviews
There are no reviews yet.