SaleHardback
Parable International English Hindi Dictionary
₹1,095 ₹767
Save: 30%
Pauma-Chariu (Part-2)
₹350 ₹245
Save: 30%
Pauma-Chariu (Part-1)
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
एच॰सी॰भयानी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
एच॰सी॰भयानी
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹350 ₹245
Save: 30%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
812630514
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
340
पउमचरिउ (पद्मचरित )
राम का एक नाम पद्म भी था। जैन कृतिकारों को यही नाम सर्वाधिक प्रिय लगा। इसलिए इसी नाम को आधार बनाकर प्राकृत, संस्कृत एवं अपभ्रंश में काव्यग्रन्थों की रचना की गयी। प्राकृत में विमलसूरि का पउमचरियं रामकथा की विशिष्ट कृति है। आचार्य रविषेण कृत पद्मचरित या पद्मपुराण संस्कृत में रामकथा का एक उत्कृष्ट ग्रन्थ है तथा स्वयंभू का प्रस्तुत ग्रन्थ पउमचरिउ अपभ्रंश का सबसे पहला प्रबन्ध काव्य माना गया है।
पउमचरिउ मानवमूल्यों की सक्रिय चेतना का एक ऐसा ललित काव्य है, जिसमें रामकथा परम्परागत वर्णन होने पर भी शैली-शिल्प, चित्रांकन, लालित्य और कथावस्तु की दृष्टि से अनेक विशेषताएँ हैं ।
सम्पूर्ण ग्रन्थ भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा पाँच भागों में प्रकाशित हैं। इसका प्रथम भाग विद्याधरकाण्ड से, द्वितीय भाग अयोध्याकाण्ड से, तृतीय भाग सुन्दरकाण्ड से, चतुर्थ और पंचम भाग युद्धकाण्ड एवं उत्तरकाण्ड से सम्बन्धित हैं। रामकथापरक साहित्य के अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी एवं संग्रहणीय ।
Be the first to review “Pauma-Chariu (Part-1)” Cancel reply
Description
पउमचरिउ (पद्मचरित )
राम का एक नाम पद्म भी था। जैन कृतिकारों को यही नाम सर्वाधिक प्रिय लगा। इसलिए इसी नाम को आधार बनाकर प्राकृत, संस्कृत एवं अपभ्रंश में काव्यग्रन्थों की रचना की गयी। प्राकृत में विमलसूरि का पउमचरियं रामकथा की विशिष्ट कृति है। आचार्य रविषेण कृत पद्मचरित या पद्मपुराण संस्कृत में रामकथा का एक उत्कृष्ट ग्रन्थ है तथा स्वयंभू का प्रस्तुत ग्रन्थ पउमचरिउ अपभ्रंश का सबसे पहला प्रबन्ध काव्य माना गया है।
पउमचरिउ मानवमूल्यों की सक्रिय चेतना का एक ऐसा ललित काव्य है, जिसमें रामकथा परम्परागत वर्णन होने पर भी शैली-शिल्प, चित्रांकन, लालित्य और कथावस्तु की दृष्टि से अनेक विशेषताएँ हैं ।
सम्पूर्ण ग्रन्थ भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा पाँच भागों में प्रकाशित हैं। इसका प्रथम भाग विद्याधरकाण्ड से, द्वितीय भाग अयोध्याकाण्ड से, तृतीय भाग सुन्दरकाण्ड से, चतुर्थ और पंचम भाग युद्धकाण्ड एवं उत्तरकाण्ड से सम्बन्धित हैं। रामकथापरक साहित्य के अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी एवं संग्रहणीय ।
About Author
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Pauma-Chariu (Part-1)” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.