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Pakistan Ka Matlab Kya

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
असगर वजाहत
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
असगर वजाहत
Language:
Hindi
Format:
Hardback

119

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Availiblity

ISBN:
SKU 9789326350563 Category Tag
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Page Extent:
104

पाकिस्तान का मतलब क्या –
आज पाकिस्तान के बारे में जानने और समझने का मतलब अपनी पड़ताल करने जैसा है। आधे से अधिक समय बीत गया, जब इस्लाम धर्म और उर्दू के नाम पर पाकिस्तान बनाया गया था। आज वहाँ इस्लाम का क्या स्वरूप है और उर्दू की क्या हालत है यह देख कर पता चलता है कि लोकप्रिय भावनात्मक राजनीति हमें कहाँ ले जाती है।
पाकिस्तान के सभी पहलुओं पर रोशनी डालती यह किताब कहीं निर्मम दिखती है तो कहीं आत्मीयता से भरपूर। पाकिस्तान की सत्ता, सेना, प्रशासन और सामाजिक परिदृश्य के माध्यम से एक देश के दर्द को भी बयां किया गया है जहाँ धर्म, भाषा और प्रान्तीयता के आधार पर हर साल न जाने कितना नर-संहार होता रहा है। सिविल सोसाइटी बुरी तरह विभाजित है। पर ऐसे हालात में भी बुद्धिजीवी, लेखक, संस्कृतिकर्मी, पत्रकार बड़ी हिम्मत से जनहित में खड़े हुए हैं।
इस यात्रा संस्मरण में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की तलाश करने की भी कोशिश है। पाकिस्तान के हिन्दू, ईसाई, अहमदिया समुदायों की स्थिति पर लेखक ने ध्यान दिया है।
विभाजन की त्रासदी को लेखक ने फिर से समझने का प्रयास किया है। लाहौर, मुल्तान, कराची में लेखक ने विभाजन के पुराने दर्द को नये अन्दाज़ में पेश किया है।
‘पाकिस्तान का मतलब क्या’ पुस्तक पाठक को यह सोचने की दिशा देती है कि पाकिस्तान की तरफ़ देखने का नज़रिया बदलना चाहिए। पाकिस्तान न केवल महत्त्वपूर्ण पड़ोसी है, बहुत बड़ा बाज़ार है बल्कि एक मज़बूत सांस्कृतिक कड़ी भी है जो हमारे वर्तमान और भविष्य को समझने के लिए अनिवार्य है।

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Description

पाकिस्तान का मतलब क्या –
आज पाकिस्तान के बारे में जानने और समझने का मतलब अपनी पड़ताल करने जैसा है। आधे से अधिक समय बीत गया, जब इस्लाम धर्म और उर्दू के नाम पर पाकिस्तान बनाया गया था। आज वहाँ इस्लाम का क्या स्वरूप है और उर्दू की क्या हालत है यह देख कर पता चलता है कि लोकप्रिय भावनात्मक राजनीति हमें कहाँ ले जाती है।
पाकिस्तान के सभी पहलुओं पर रोशनी डालती यह किताब कहीं निर्मम दिखती है तो कहीं आत्मीयता से भरपूर। पाकिस्तान की सत्ता, सेना, प्रशासन और सामाजिक परिदृश्य के माध्यम से एक देश के दर्द को भी बयां किया गया है जहाँ धर्म, भाषा और प्रान्तीयता के आधार पर हर साल न जाने कितना नर-संहार होता रहा है। सिविल सोसाइटी बुरी तरह विभाजित है। पर ऐसे हालात में भी बुद्धिजीवी, लेखक, संस्कृतिकर्मी, पत्रकार बड़ी हिम्मत से जनहित में खड़े हुए हैं।
इस यात्रा संस्मरण में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की तलाश करने की भी कोशिश है। पाकिस्तान के हिन्दू, ईसाई, अहमदिया समुदायों की स्थिति पर लेखक ने ध्यान दिया है।
विभाजन की त्रासदी को लेखक ने फिर से समझने का प्रयास किया है। लाहौर, मुल्तान, कराची में लेखक ने विभाजन के पुराने दर्द को नये अन्दाज़ में पेश किया है।
‘पाकिस्तान का मतलब क्या’ पुस्तक पाठक को यह सोचने की दिशा देती है कि पाकिस्तान की तरफ़ देखने का नज़रिया बदलना चाहिए। पाकिस्तान न केवल महत्त्वपूर्ण पड़ोसी है, बहुत बड़ा बाज़ार है बल्कि एक मज़बूत सांस्कृतिक कड़ी भी है जो हमारे वर्तमान और भविष्य को समझने के लिए अनिवार्य है।

About Author

असग़र वजाहत - जन्म: 1946, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश। असग़र वजाहत हिन्दी के वरिष्ठ लेखक हैं। उनकी अब तक छ: उपन्यास, पाँच कहानी संग्रह, सात पूर्णकालिक नाटक, एक नुक्कड़ नाटक संग्रह, पटकथा लेखन, व्यावहारिक निर्देशिका और ईरान तथा पाकिस्तान यात्राओं पर केन्द्रित दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके नाटकों को हबीव तनवीर, एम. के. रैना, दिनेश ठाकुर, राजेन्द्र नाथ, शीमा किरमानी जैसे निर्देशकों ने मंच पर प्रस्तुत किया है। उमेश अग्निहोत्री ने उनके बहुचर्चित नाटक 'जिस लाहौर...' का मंचन वाशिंग्टन डी.सी. के कैनेडी सेंटर में किया था। इस नाटक को सिडनी, कराची, दुबई और लाहौर के अतिरिक्त देश के प्रमुख शहरों में मंचित किया गया है। इसके अनुवाद और मंचन गुजराती, मराठी और कन्नड़ भाषाओं में किये गये हैं। 'जिस लाहौर...' पर विख्यात निर्देशक राजकुमार सन्तोषी फीचर फ़िल्म भी बना रहे हैं। असग़र वजाहत ने कई फ़िल्मों की पटकथाएँ भी लिखी हैं। वे नुक्कड़ नाटक आन्दोलन में भी एक लेखक के रूप में सक्रिय रहे हैं। उनके नुक्कड़ नाटक 'सबसे सस्ता गोश्त' के हज़ारों प्रदर्शन देश के विभिन्न नगरों में हो चुके हैं। असग़र वजाहत को भुवनेश्वर नाट्य संस्थान, हिन्दी अकादमी, दिल्ली ने श्रेष्ठ नाटककार के रूप में सम्मानित किया है। उन्हें 'कथा यू. के. सम्मान' भी दिया जा चुका है।

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