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Paas Pados
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
लीलाधर मंडलोई
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
लीलाधर मंडलोई
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹200 ₹199
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ISBN:
SKU
9789326354554
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
160
पास-पड़ोस –
ज्ञान गरिमा के 70 वर्ष की इस श्रृंखला में हम पास-पड़ोस के साहित्य को लेकर उपस्थित हैं। दरअसल, अनुवाद के रास्ते पाकिस्तान में लिखा गया साहित्य तो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अन्य देश का साहित्य अनुवाद के रास्ते कम। यह भी एक विडम्बना है कि हम अनुवाद के रास्ते यूरोप, अफ्रीका और अन्य भू-भागों से बनिस्बत ज़्यादा जुड़े हैं लेकिन पड़ोस पर निगाह कम ही रही। देखा जाये तो भौगोलिक के साथ सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक और वैचारिक संवेदना लोक इस भूगोल का एक सा है। सरोकार भी वैश्विक फलक पर हमसफ़र की तरह है। हमारे दुख-सुख, संघर्ष, असहायता, विडम्बना, आशा, आत्म निर्वासन, विस्थापन और अवसाद भी एकराग हैं। पास-पड़ोस का साहित्य बेहतर जीवन के स्वप्न देखता है और दुनिया को सुन्दर बनाने के रास्ते पर बज़िद क़दम बढ़ाता है।
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Description
पास-पड़ोस –
ज्ञान गरिमा के 70 वर्ष की इस श्रृंखला में हम पास-पड़ोस के साहित्य को लेकर उपस्थित हैं। दरअसल, अनुवाद के रास्ते पाकिस्तान में लिखा गया साहित्य तो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अन्य देश का साहित्य अनुवाद के रास्ते कम। यह भी एक विडम्बना है कि हम अनुवाद के रास्ते यूरोप, अफ्रीका और अन्य भू-भागों से बनिस्बत ज़्यादा जुड़े हैं लेकिन पड़ोस पर निगाह कम ही रही। देखा जाये तो भौगोलिक के साथ सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक और वैचारिक संवेदना लोक इस भूगोल का एक सा है। सरोकार भी वैश्विक फलक पर हमसफ़र की तरह है। हमारे दुख-सुख, संघर्ष, असहायता, विडम्बना, आशा, आत्म निर्वासन, विस्थापन और अवसाद भी एकराग हैं। पास-पड़ोस का साहित्य बेहतर जीवन के स्वप्न देखता है और दुनिया को सुन्दर बनाने के रास्ते पर बज़िद क़दम बढ़ाता है।
About Author
लीलाधर मंडलोई -
जन्म : जन्माष्टमी। सही तिथि व साल अज्ञात।
शिक्षा : बी. ए., बी.एड. (अंग्रेज़ी), पत्रकारिता में स्नातक। एम. ए. (हिन्दी)। प्रसारण में उच्च शिक्षा सी. आर. टी., लन्दन से।
पदभार : दूरदर्शन, आकाशवाणी के महानिदेशक सहित कई राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय समितियों के साथ ही प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य।
कृतियाँ: घर-घर घूमा, रात बिरात, मगर एक आवाज़, काल बाँका तिरछा, क्षमायाचना, लिखे में दुक्ख, एक बहुत कोमल तान, महज़ शरीर नहीं पहन रखा था उसने, उपस्थित है समुद्र (हिन्दी व रूसी में), भीजै दास कबीर (कविता संग्रह); देखा अदेखा, कवि ने कहा, हत्यारे उतर चुके हैं क्षीर सागर में, प्रतिनिधि कविताएँ, 21वीं सदी के लिए पचास कविताएँ (कविता चयन); कविता का तिर्यक (आलोचना); अर्थजल, दिल का क़िस्सा (निबन्ध); दाना-पानी, दिनन दिनन के फेर (डायरी); काला पानी (यात्रा वृत्तान्त); बुन्देली लोक-गीतों की किताब, अन्दमान निकोबार की लोककथाओं की दो किताबें; पेड़ भी चलते हैं, चाँद का धब्बा (बाल साहित्य)।
सम्पादन : केदारनाथ सिंह संचयन, कविता के सौ बरस, स्त्रीमुक्ति का स्वप्न, कवि एकादश, रचना समय, समय की कविता आदि।
अनुवाद: पानियों पे नाम (शकेब जलाली की ग़ज़लों का लिप्यन्तरण मंजूर एहतेशाम के साथ)। माँ की मीठी आवाज़ (अनातोली परम्परा की रूसी कविताएँ, अनिल जनविजय के साथ)।
फ़िल्म: कई रचनाकारों पर डाक्यूमेंट्री निर्माण, निर्देशन तथा पटकथा लेखन। कुछ धारावाहिकों में कार्यकारी निर्माता तथा संगीत व साहित्य के ऑडियो-वीडियो सीडी, वीसीडी के निर्माण में सक्रिय भूमिका ।
कविता के लिए कबीर, पुश्किन, रज़ा, शमशेर, नागार्जुन, रामविलास शर्मा, प्रमोद वर्मा, वागीश्वरी साहित्यकार कृति सम्मान आदि ।
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