Naya Ghar (HB) 396

Save: 20%

Back to products
Saaye Mein Dhoop (HB) 236

Save: 20%

Naya Ghar (PB)

Publisher:
RADHA
| Author:
Intizar Hussain, Tr. Abdul Mughani
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
RADHA
Author:
Intizar Hussain, Tr. Abdul Mughani
Language:
Hindi
Format:
Hardback

198

Save: 1%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Weight 0.232 g
Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788183619882 Category
Category:
Page Extent:

नया घर एक परिवार की दास्तान है जिसका सफ़र अतीत में इस्फ़हान के घर से शुरू होता है और हिजरत करता हुआ क़ज़वीन, हिन्दुस्तान और अंत में पाकिस्तान पहुँचकर भी ज़ारी रहता है। इंतिज़ार हुसैन सीधी-सादी ज़बान में आपबीती सुनाते हैं। इनसानी मुक़द्दर, इनसानी जीवन और ब्रह्मांड से सम्बन्धित मूल प्रश्नों पर सोच-विचार के वक्श्त भी इस सहज स्वभाव को क़ाइम रखते हैं। विभाजन के नतीजे में प्रकट होनेवाली सांस्कृतिक, भावात्मक, मानसिक समस्याएँ; एक सर्वव्यापी और साझा इतिहास और उस इतिहास के बनाए हुए सामाजिक संघटन का बिखराव; देशत्याग, साम्प्रदायिक दंगे, सत्ता की राजनीति का तमाशा, पाकिस्तान में तानाशाही, राजनीतिक दमन और मूलतत्ववाद के परिणामस्वरूप सामाजिक स्तर पर प्रकट होनेवाली घुटन और सामूहिक मूर्खताओं का एहसास; फिर विरोध और अभिव्यक्ति-स्वातंत्रय की वह लहर जो वैयक्तिक सत्ता के विरुद्ध सामूहिक नफ़रतों को अभिव्यक्त करती है – नया घर में इन सारी घटनाओं का रचनात्मक चित्रण मिलता है। पिछले चालीस बरसों (‘नया घर’ 1987 ई. में प्रकाशित हुआ था) में होनेवाली हर वह राजनीतिक घटना जिससे सामूहिक दृष्टि प्रभावित हुई है, इंतिज़ार हुसैन की रचनात्मक प्रक्रिया और प्रतिक्रिया में उसकी गूँज सुनाई देती है। इंतिज़ार हुसैन ने एक बहुत बड़े कैनवस की कहानी को यहाँ ‘मिनिएचर’ रूप में प्रस्तुत किया है। कहानी का हर पात्र और हर घटना चित्रण में इस तरह गुँथा हुआ है कि सारे घटक एक दूसरे की संगति में ही अपने अर्थ तक पहुँचते हैं। अतीत की धुंध को चीरती हुई कहानी वर्तमान का भाग इस तरह बनती है कि दोनों कहानियाँ अपने अलग-अलग स्तरों पर भी जीवित रहती हैं। ‘नया घर’ एक सिलसिला भी है और विभिन्न मूल्यों, रवैयों, परम्पराओं और दो ज़मानों के बीच एक संग्राम भी।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Naya Ghar (PB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

नया घर एक परिवार की दास्तान है जिसका सफ़र अतीत में इस्फ़हान के घर से शुरू होता है और हिजरत करता हुआ क़ज़वीन, हिन्दुस्तान और अंत में पाकिस्तान पहुँचकर भी ज़ारी रहता है। इंतिज़ार हुसैन सीधी-सादी ज़बान में आपबीती सुनाते हैं। इनसानी मुक़द्दर, इनसानी जीवन और ब्रह्मांड से सम्बन्धित मूल प्रश्नों पर सोच-विचार के वक्श्त भी इस सहज स्वभाव को क़ाइम रखते हैं। विभाजन के नतीजे में प्रकट होनेवाली सांस्कृतिक, भावात्मक, मानसिक समस्याएँ; एक सर्वव्यापी और साझा इतिहास और उस इतिहास के बनाए हुए सामाजिक संघटन का बिखराव; देशत्याग, साम्प्रदायिक दंगे, सत्ता की राजनीति का तमाशा, पाकिस्तान में तानाशाही, राजनीतिक दमन और मूलतत्ववाद के परिणामस्वरूप सामाजिक स्तर पर प्रकट होनेवाली घुटन और सामूहिक मूर्खताओं का एहसास; फिर विरोध और अभिव्यक्ति-स्वातंत्रय की वह लहर जो वैयक्तिक सत्ता के विरुद्ध सामूहिक नफ़रतों को अभिव्यक्त करती है – नया घर में इन सारी घटनाओं का रचनात्मक चित्रण मिलता है। पिछले चालीस बरसों (‘नया घर’ 1987 ई. में प्रकाशित हुआ था) में होनेवाली हर वह राजनीतिक घटना जिससे सामूहिक दृष्टि प्रभावित हुई है, इंतिज़ार हुसैन की रचनात्मक प्रक्रिया और प्रतिक्रिया में उसकी गूँज सुनाई देती है। इंतिज़ार हुसैन ने एक बहुत बड़े कैनवस की कहानी को यहाँ ‘मिनिएचर’ रूप में प्रस्तुत किया है। कहानी का हर पात्र और हर घटना चित्रण में इस तरह गुँथा हुआ है कि सारे घटक एक दूसरे की संगति में ही अपने अर्थ तक पहुँचते हैं। अतीत की धुंध को चीरती हुई कहानी वर्तमान का भाग इस तरह बनती है कि दोनों कहानियाँ अपने अलग-अलग स्तरों पर भी जीवित रहती हैं। ‘नया घर’ एक सिलसिला भी है और विभिन्न मूल्यों, रवैयों, परम्पराओं और दो ज़मानों के बीच एक संग्राम भी।

About Author

इंतजार हुसैन

जन्म : 7 दिसम्बर, 1923 को डिबाई, ज़िला—बुलंदशहर (उ.प्र.) में। 1947 में पाकिस्तान गए और लाहौर में बसेरा। पाकिस्तान के शीर्षस्थ कथाकार।

शिक्षा : प्रारम्भिक और धार्मिक शिक्षा घर पर हुई। हापुड़ से हाईस्कूल किया, 1946 में मेरठ कॉलेज से उर्दू में एम.ए.।

पत्रकारिता : 'दैनिक इमरोज़', 'आफ़ाक़', 'नवाए-वक़्त' और 'मशरिक़' से सम्बद्ध रहे। अंग्रेज़ी दैनिक 'डॉन' (कराची) में स्तम्भ-लेखन। साहित्यिक पत्रिका—‘अदबे-लतीफ़’ के सम्पादक रहे।

पहली कहानी ‘क़य्यूमा की दुकान’ अप्रैल 1948 में लिखी जो दिसम्बर 1948 में ‘अदबे-लतीफ़’ में प्रकाशित हुई।

प्रमुख कृतियाँ : उपन्यास—‘चाँद गहन’, ‘बस्ती’, ‘आगे समन्दर है’, ‘तज़्किरा’ (नया घर); लघु उपन्यास—‘दिन और दास्तान’। सम्पूर्ण कहानियाँ—‘जनम कहानियाँ : खंड 1’, ‘क़िस्सा कहानियाँ : खंड 2’; कहानी-संग्रह—‘गली-कूचे’, ‘कंकरी’, ‘आख़िरी आदमी’, ‘शहरे-अफ़सोस’, ‘कछुए’, ‘ख़ेमे से दूर’, ‘ख़ाली पिंजरा’, ‘शह्रज़ाद के नाम’, ‘एन अनरिटेन एपिक एंड अदर स्टोरीज़’ (अंग्रेज़ी में अनुवाद); आलोचना—‘अलामतों का ज़वाल’; यात्रा-कथा—ज़मीन और फ़लक, नए शहर, पुरानी बस्तियाँ; संस्मरण—‘चराग़ों का धुआँ’, ‘दिल्ली जो एक शहर था’; जीवनी—‘अजमले-आज़म’ (हकीम अजमल खाँ की जीवनी); अख़बारी कॉलम—ज़र्रे; अनुवाद—‘घास के मैदानों में : चेखव’, ‘नई पौद : तुर्गनेव’, ‘सुर्ख तम्ग़ा’ : स्टीफ़न क्रेन (उपन्यास); ‘नाव’ (अमरीकी कहानियों का चयन); ‘हमारी बस्ती’ : थार्नटन वाइल्डर (नाटक); ‘फ़लसफ़ा की नई तश्कील’ : जॉन डेवी (दर्शनशास्त्र); ‘माऊज़े तुंग’ : स्टेवर्ट श्रेम।

सम्पादन : ‘इंशा की दो कहानियाँ’, ‘हज़ार दास्तान’—रतननाथ सरशार।

सम्मान : ‘बस्ती’ के लिए पाकिस्तान के सबसे बड़े पुरस्कार ‘आदमजी एवार्ड’ से सम्मानित। बाद में इस पुरस्कार को इंतज़ार हुसैन ने वापस कर दिया।

निधन : 2 फरवरी, 2016

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Naya Ghar (PB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED