Na Likhne Ka Karan
Publisher:
Vani prakashan
| Author:
Rajendra Yadav
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani prakashan
Author:
Rajendra Yadav
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹250 ₹188
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In stock
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Weight | 300 g |
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Book Type |
ISBN:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
160
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About Author
राजेन्द्रयादवजन्म : 28 अगस्त, 1929 शिक्षा : एम.ए. (आगरा)।प्रथमरचना : प्रतिहिंसा ('चांद' केभूतपूर्वसम्पादकश्रीरामरखसिंहसहगलकेमासिक 'कर्मयोगी' में) 1947 में।प्रकाशितरचनाएँ : साराआकाश, उखड़ेहुएलोग, शहऔरमात, एकइंचमुस्कान (मन्नूभंडारीकेसाथ), कुलटा, अनदेखेअनजानेपुल, मंत्रविद्ध (उपन्यास) देवताओंकीमूर्तियाँ, खेल-खिलौने, जहाँलक्ष्मीकैदहै, छोटे-छोटेताजमहल, किनारेसेकिनारेतक, टूटना, ढोलऔरअपनेपार, वहाँतकपहुँचनेकीदौड़, श्रेष्ठकहानियाँ, प्रियकहानियाँ, प्रतिनिधिकहानियाँ, प्रेमकहानियाँ, दसप्रतिनिधिकहानियाँऔरचौखटेतोड़तेत्रिकोण। (अबतककीतमामकहानियाँपड़ाव-1, पड़ाव-2 और 'यहाँतक' शीर्षकतीनजिल्दोंमेंसंकलित) (कहानीसंग्रह), आवाज़तेरीहै (कवितासंग्रह) कहानी : स्वरूपऔरसंवेदना, उपन्यास : स्वरूपऔरसंवेदना, कहानी : अनुभवऔरअभिव्यक्ति, औरोंकेबहाने, अठारहउपन्यास, कांटेकीबातशृंखला (निबन्धसंग्रह)। 'सम्पादन : नयेसाहित्यकारपुस्तकमालामेंमोहनराकेश, कमलेश्वर, राजेन्द्रयादव, फणीश्वरनाथरेणुतथामन्नूभंडारीकीचुनीहुईकहानियाँ।एकदुनिया : समानान्तर, कथा-यात्रा, कथा-दशक, आत्मतर्पणऔरकालीसुखियाँ (अफ्रीकीकहानियाँ)। 'अनुवाद : हमारेयुगकाएकनायक : लर्मेल्तोव, प्रथमप्रेम, 'वसंतप्लावन : तुर्गनेव, टक्कर : ऐन्तोनचेखव, संत 'सर्गीयस : टालस्टॉय, एकमहुआ : एकमोती : स्टाइनबैक, 'अजनबी : अलबेयरकामू (छहोंउपन्यासकथा-शिखर-1,2 शीर्षकसेदोजिल्दोंमेंसंकलित)।निधन : 28 अक्टूबर 2013
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