Mrityu Aur Hansi (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
PRADEEP AWASTHI
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajkamal
Author:
PRADEEP AWASTHI
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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किताब के बारे में
पति राघव के विवाहेत्तर सम्बन्धों से व्यथित वृंदा कुछ अपने असहाय अकेलेपन और कुछ प्रतिशोध में अपने से छोटे कुणाल के प्रेम में पड़ जाती है। कुणाल जो ख़ुद अभी-अभी हुए ब्रेकअप के बाद भावनात्मक ट्रांस में है। कुछ समय बाद जब चीज़ें निर्णायक मोड़ लेने लगती हैं तब दुख का जो आत्मघाती बोध मासूम बच्चे, ख़ासतौर से राघव और वृंदा का बड़ा बेटा अंश, झेल रहे थे, पहाड़ की तरह टूटकर सबके ऊपर आ पड़ता है।
एक सुसम्पादित फ़िल्म की तरह सजीव दृश्यों, संवादों और वातावरण की सूक्ष्म रेखाओं से बुना यह उपन्यास जो सबसे पहले करता है, वह प्रेम के इर्द-गिर्द लिपटे इस दुख और पीड़ा को हम तक पहुँचाना है। साथ ही हमें चेताता भी चलता है कि यह दुख हमारी नियति के साथ बँधा है, इसका उपचार नहीं है। यह हमारे होने की जद्दोजहद का हिस्सा है। बस कोशिश यह रहे कि हम उसे ईमानदारी से निबाहें; कपट, चालाकी और मौक़ापरस्ती का अवकाश न प्यार में है, न पीड़ा में।

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Description

किताब के बारे में
पति राघव के विवाहेत्तर सम्बन्धों से व्यथित वृंदा कुछ अपने असहाय अकेलेपन और कुछ प्रतिशोध में अपने से छोटे कुणाल के प्रेम में पड़ जाती है। कुणाल जो ख़ुद अभी-अभी हुए ब्रेकअप के बाद भावनात्मक ट्रांस में है। कुछ समय बाद जब चीज़ें निर्णायक मोड़ लेने लगती हैं तब दुख का जो आत्मघाती बोध मासूम बच्चे, ख़ासतौर से राघव और वृंदा का बड़ा बेटा अंश, झेल रहे थे, पहाड़ की तरह टूटकर सबके ऊपर आ पड़ता है।
एक सुसम्पादित फ़िल्म की तरह सजीव दृश्यों, संवादों और वातावरण की सूक्ष्म रेखाओं से बुना यह उपन्यास जो सबसे पहले करता है, वह प्रेम के इर्द-गिर्द लिपटे इस दुख और पीड़ा को हम तक पहुँचाना है। साथ ही हमें चेताता भी चलता है कि यह दुख हमारी नियति के साथ बँधा है, इसका उपचार नहीं है। यह हमारे होने की जद्दोजहद का हिस्सा है। बस कोशिश यह रहे कि हम उसे ईमानदारी से निबाहें; कपट, चालाकी और मौक़ापरस्ती का अवकाश न प्यार में है, न पीड़ा में।

About Author

प्रदीप अवस्थी

23 अप्रैल, 1986 को राजस्थान के अजमेर में जन्मे प्रदीप अवस्थी का बचपन गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बीता। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई रामपुर, उत्तर प्रदेश से हुई। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक किया। लगभग सभी महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं में उनकी कविताएँ और कहानियाँ प्रकाशित होती रही हैं। प्रतिष्ठित वेब-पोर्टल्स पर समसामयिक मुद्दों, समाज और सिनेमा पर कई लेख प्रकाशित हुए हैं। कविताओं का एक साझा संकलन प्रकाशित हो चुका है। ‘मृत्यु और हँसी’ उनका पहला उपन्यास है।

विश्व-सिनेमा में गहरी रुचि रखनेवाले प्रदीप इन दिनों मुम्बई में पटकथा-लेखन में सक्रिय हैं।

ई-मेल : awasthi.onlyme@gmail.com

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