In Sight of Stars: A Novel 1,160

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Money Katha Ananta

Publisher:
Eka/Hind Yugm
| Author:
Kushal Singh
| Language:
English
| Format:
Paperback
Publisher:
Eka/Hind Yugm
Author:
Kushal Singh
Language:
English
Format:
Paperback

225

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SKU 9789391234836 Category Tag
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28

सर्दी की एक रात में नशे में झूमते तीन दोस्तों को नोटों से भरा एक बैग मिलता है। इसकी ख़ुशी एक रात भी नहीं चल पाती क्योंकि उसी रात को नोटबंदी हो जाती है। अब ऐसे में जब लोग दो चार हजार रुपयों के लिए बैंक में जूतम पैजार कर रहे हों, वैसे में ये तीनों नोटों का पूरा बैग बदलने पर जूझ पड़ते हैं।नोटबंदी की अफरा-तफरी में लोकल माफ़िया, मिनी नार्कोज और पुलिस से जूझते हुए क्या ये अपने मकसद में कामयाब हो पाएँगे? ये कथा नोटबंदी की नहीं बल्कि उसकी परिस्थितियों से उपजी एक कॉमिक थ्रिलर है।ये कहानी है आदमी के मन में उपजते हुए काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह की, उस छल की जिससे ये दुनिया भरी पड़ी है।

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Description

सर्दी की एक रात में नशे में झूमते तीन दोस्तों को नोटों से भरा एक बैग मिलता है। इसकी ख़ुशी एक रात भी नहीं चल पाती क्योंकि उसी रात को नोटबंदी हो जाती है। अब ऐसे में जब लोग दो चार हजार रुपयों के लिए बैंक में जूतम पैजार कर रहे हों, वैसे में ये तीनों नोटों का पूरा बैग बदलने पर जूझ पड़ते हैं।नोटबंदी की अफरा-तफरी में लोकल माफ़िया, मिनी नार्कोज और पुलिस से जूझते हुए क्या ये अपने मकसद में कामयाब हो पाएँगे? ये कथा नोटबंदी की नहीं बल्कि उसकी परिस्थितियों से उपजी एक कॉमिक थ्रिलर है।ये कहानी है आदमी के मन में उपजते हुए काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह की, उस छल की जिससे ये दुनिया भरी पड़ी है।

About Author

अपनी पहली किताब ‘लौंडे शेर होते हैं’ से युवाओं के बीच चर्चा में आए कुशल सिंह मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले हैं। वह विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया के एक क्षेत्र विशेष में मार्केटिंग हेड जरूर हैं लेकिन जुनूनी रूप से लेखक ही हैं।बचपन में कभी उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना पाला था, तो कभी सिंगर, कभी सिविल सर्वेंट, कभी शेफ, तो कभी बिज़नसमेन। जब इनमें से वह कुछ भी ठीक से न बन पाए तो यह सब बनकर जीने के लिए किस्मत ने उन्हें लेखक बना दिया। वैदिक, कॉस्मिक और आध्यात्मिक संस्कृति में एक खोजी कि तरह अध्ययनरत कुशल सिंह इन दिनों अमरकंटक (म०प्र०) के पास पोस्टेड हैं।

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