Mahabharat Katha

Publisher:
Bharatiya Vidya Bhavan
| Author:
C. Rajagopalachari
| Language:
English
| Format:
Paperback
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Bharatiya Vidya Bhavan
Author:
C. Rajagopalachari
Language:
English
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Paperback

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हिंदी के पाठक प्रस्तुत पुस्तक के लेखक चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य से भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने जहां हमारी आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभाई, वहीं अपनी शक्तिशाली लेखनी तथा प्रभावशाली लेखन-शैली से साहित्य की भी उल्लेखनीय सेवा की है। इस पुस्तक में राजाजी ने कथाओं के माध्यम से महाभारत का परिचय कराया है। उनके वर्णन इतने रोचक और सजीव हैं कि एक बार किताब हाथ में उठा लेने पर पूरी समाप्त किए बिना पाठकों को संतोष नहीं होता। सबसे बड़ी बात यह है कि ये कथाएं केवल मनोरंजन के लिए नहीं कही गई हैं, उनके पीछे कल्याणकारी हेतु है और वह यह कि महाभारत में जो हुआ, उससे हम शिक्षा ग्रहण करें।

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Description

हिंदी के पाठक प्रस्तुत पुस्तक के लेखक चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य से भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने जहां हमारी आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभाई, वहीं अपनी शक्तिशाली लेखनी तथा प्रभावशाली लेखन-शैली से साहित्य की भी उल्लेखनीय सेवा की है। इस पुस्तक में राजाजी ने कथाओं के माध्यम से महाभारत का परिचय कराया है। उनके वर्णन इतने रोचक और सजीव हैं कि एक बार किताब हाथ में उठा लेने पर पूरी समाप्त किए बिना पाठकों को संतोष नहीं होता। सबसे बड़ी बात यह है कि ये कथाएं केवल मनोरंजन के लिए नहीं कही गई हैं, उनके पीछे कल्याणकारी हेतु है और वह यह कि महाभारत में जो हुआ, उससे हम शिक्षा ग्रहण करें।

About Author

Chakravarti Rajagopalachari BR, popularly known as Rajaji or C.R., also known as Mootharignar Rajaji, was an Indian statesman, writer, lawyer, and independence activist. Rajagopalachari was the last Governor-General of India, as when India became a republic in 1950 the office was abolished.

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