Lovely Paan House

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dhruv Bhatt
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Dhruv Bhatt
Language:
Hindi
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Hardback

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256

लवली पान हाउस एक ऐसे बच्चे की कहानी है, जो जन्म लेते ही अपनी माँ से बिछड़ गया। स्टेशन पर पले इस बच्चे को जीवन से बहुत आकांक्षाएँ भी नहीं थी। जीवन पथ पर उसे जो भी मिला, वह उसे सकारात्मक दृष्टिकोण से अपनाता गया। धर्म के पहले हम सभी केवल मानव होते हैं। माँ से बिछड़े बच्चे का कौन सा धर्म था? सर्व धर्मों के प्रति समभाव दिखानेवाली हमारी संस्कृति का मुख्य आधार मानवीय सँ और सकारात्मक दृष्टिकोण ही तो हैं। एक ऐसा लड़का, जिसे लेखक ने न ही अनाथ कहा है, न ही माता विहीन। रेल के डिब्बे में मिले इस बच्चे को पुकारने का नाम ‘गोरा’ और लिखने का ‘यात्रिक’ ऐसे दो नाम और अनेक माताएँ प्राप्त होती हैं। पुस्तक जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे जीवन के परिणाम प्रकट होते जाते हैं। हम सभी एक नियत किए हुए मार्ग के मुसाफिर हैं। इस यात्रा में अपने सामान में अपने सफर की रम्यता, अपने रहस्यों, अपने आनंद और अपनी पीड़ाएँ भी साथ लिये हम जीवन-पथ पर निकले हैं। यह बात इस उपन्यास में बहुत सहज रूप से प्रस्तुत की गई है। प्रसिद्ध गुजराती उपन्यासकार श्री ध्रुव भट्ट का अत्यंत मार्मिक और संवेदनशील उपन्यास।.

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Description

लवली पान हाउस एक ऐसे बच्चे की कहानी है, जो जन्म लेते ही अपनी माँ से बिछड़ गया। स्टेशन पर पले इस बच्चे को जीवन से बहुत आकांक्षाएँ भी नहीं थी। जीवन पथ पर उसे जो भी मिला, वह उसे सकारात्मक दृष्टिकोण से अपनाता गया। धर्म के पहले हम सभी केवल मानव होते हैं। माँ से बिछड़े बच्चे का कौन सा धर्म था? सर्व धर्मों के प्रति समभाव दिखानेवाली हमारी संस्कृति का मुख्य आधार मानवीय सँ और सकारात्मक दृष्टिकोण ही तो हैं। एक ऐसा लड़का, जिसे लेखक ने न ही अनाथ कहा है, न ही माता विहीन। रेल के डिब्बे में मिले इस बच्चे को पुकारने का नाम ‘गोरा’ और लिखने का ‘यात्रिक’ ऐसे दो नाम और अनेक माताएँ प्राप्त होती हैं। पुस्तक जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे जीवन के परिणाम प्रकट होते जाते हैं। हम सभी एक नियत किए हुए मार्ग के मुसाफिर हैं। इस यात्रा में अपने सामान में अपने सफर की रम्यता, अपने रहस्यों, अपने आनंद और अपनी पीड़ाएँ भी साथ लिये हम जीवन-पथ पर निकले हैं। यह बात इस उपन्यास में बहुत सहज रूप से प्रस्तुत की गई है। प्रसिद्ध गुजराती उपन्यासकार श्री ध्रुव भट्ट का अत्यंत मार्मिक और संवेदनशील उपन्यास।.

About Author

वर्ष 1947 में जनमे ध्रुव भट्ट गुजराती के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में से एक हैं। उनकी अनेक साहित्यिक कृतियों में ‘समुद्रांतिके’, ‘तत्त्वमसि’, ‘अतरापि’, ‘अकूपर’ आदि बहुप्रशंसित हो चुकी हैं। अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषित।.

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