LOK VYAVAHAR KI KALA (HINDI)

Publisher:
MANJUL
| Author:
LES GIBLIN
| Language:
English
| Format:
Paperback
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LES GIBLIN
Language:
English
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Paperback

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72

तमाम सफ़ल लोगों में अक्सर कौन-सी एक विषेशता होती है? वे दूसरों के साथ व्यवहार करने की कला में माहिर होते हैं! यह पुस्तक आपको बताएगी कि आप कैसे : अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं लोगों के अहम को सँभालना सीख सकते हैं बातचीत में निपुण बन सकते हैं लोगों को उनके बारे में अच्छा महसूस करवा सकते हैं और भी बहुत कुछ! लोगों के साथ सही व्यवहार घर एयर व्यापार में सफलता तथा आनंद के लिए एक आवश्यक तत्व है I लोक व्यवहार की कला आपको ऐसे उपाय बताती है जिनके द्वारा आप लोगों से व्यवहार के कौशल को ऐसे स्तर पर ले जा सकेंगे जिसे आप कभी नामुमकिन मानते थे I

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Description

तमाम सफ़ल लोगों में अक्सर कौन-सी एक विषेशता होती है? वे दूसरों के साथ व्यवहार करने की कला में माहिर होते हैं! यह पुस्तक आपको बताएगी कि आप कैसे : अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं लोगों के अहम को सँभालना सीख सकते हैं बातचीत में निपुण बन सकते हैं लोगों को उनके बारे में अच्छा महसूस करवा सकते हैं और भी बहुत कुछ! लोगों के साथ सही व्यवहार घर एयर व्यापार में सफलता तथा आनंद के लिए एक आवश्यक तत्व है I लोक व्यवहार की कला आपको ऐसे उपाय बताती है जिनके द्वारा आप लोगों से व्यवहार के कौशल को ऐसे स्तर पर ले जा सकेंगे जिसे आप कभी नामुमकिन मानते थे I

About Author

व्यक्तिगत विकास उद्योग के अग्रदूतों में से एक, लेस गिबिलन का जन्म 1912 में सीडर रैपिड्स, आयोवा में हुआ था। सेना में सेवा करने के बाद, गिबलीन ने 1946 में शेफ़र पेन कंपनी के साथ बिक्री की शुरूआत की। उनके घर - घर जा कर सफ़ल बिक्री करने की वजह से वे मानव प्रकृति के प्रेरक पर्यवेक्षक बने और दो साल तक उन्हें 'राष्ट्रीय सेल्समैन' के ख़िताब से भी नवाज़ा गया. अपने विक्रय कैरियर से सबक लेकर गिब्लिन ने 1968 में अपनी पहली पुस्तक 'स्किल विथ पीपल' लिखी और कई मशहूर कंपनियों जैसे - मोबिल, जनरल इलेक्ट्रिक, जॉनसन एंड जॉनसन, कैटरपिलर आदि के लिए हजारों सेमिनार आयोजित करने लगे। बढ़ती पीढ़ियों के साथ लेस गिबिलिन के लोक व्यवहार के सिद्धांत कालातीत साबित हुए , उनके संदेश आपके जीवन की आवश्यक क्षमता जो जागृत करते हैं और आज की दुनिया में अवैयक्तिक संचार में नया अर्थ लाते हैं.

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