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Mughal Badshahon Ki Hindi Kavita (PB)
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Lankeshwar (PB)
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Lankeshwar (HB)
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Madanmohan Sharma 'Shahi'
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
Author:
Madanmohan Sharma 'Shahi'
Language:
Hindi
Format:
Hardback
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ISBN:
SKU
9788183614511
Category Hindi
Category: Hindi
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‘लंकेश्वर’ उपन्यास में लेखक ने राम-रावण की कथा को पौराणिक कथाओं, पुराख्यानों तथा विभिन्न रामकथाओं का अध्ययन कर उन्हें मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक विश्लेषणों के माध्यम से उकेरा है। रावण इस बृहद् कथा का केन्द्रीय पात्र है। उपन्यास में रावण को बहुमुखी प्रतिभा का धनी के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक और व्यावहारिक व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है।
तीन खंडों में विभाजित—‘दिग्विजय’ खंड में राक्षसराज रावण के आदर्शों, मानवीय मूल्यों, उसकी विराट सत्ता व धार्मिक सहिष्णुता की, तो ‘वाग्धारा’ खंड में राम के विराट, सहृदय, मर्यादा और त्याग-भरे आदर्श जीवन की व्याख्या है। ‘मुक्ति’ खंड में राम-रावण युद्ध है जिसका आधार वैमनस्य नहीं, बल्कि वैचारिक अन्तर्विरोध तथा दो भिन्न संस्कृतियों का आमना-सामना है।
लेखक ने उपन्यास में इस बृहद् कथा के परिवेश को जीवन्त रखने के लिए पौराणिक शब्द-सम्पदा का भरपूर उपयोग किया है तथा एक सुपरिचित कथा को रोचक व पठनीय बनाए रखने में सफलता हासिल की है।
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Description
‘लंकेश्वर’ उपन्यास में लेखक ने राम-रावण की कथा को पौराणिक कथाओं, पुराख्यानों तथा विभिन्न रामकथाओं का अध्ययन कर उन्हें मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक विश्लेषणों के माध्यम से उकेरा है। रावण इस बृहद् कथा का केन्द्रीय पात्र है। उपन्यास में रावण को बहुमुखी प्रतिभा का धनी के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक और व्यावहारिक व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है।
तीन खंडों में विभाजित—‘दिग्विजय’ खंड में राक्षसराज रावण के आदर्शों, मानवीय मूल्यों, उसकी विराट सत्ता व धार्मिक सहिष्णुता की, तो ‘वाग्धारा’ खंड में राम के विराट, सहृदय, मर्यादा और त्याग-भरे आदर्श जीवन की व्याख्या है। ‘मुक्ति’ खंड में राम-रावण युद्ध है जिसका आधार वैमनस्य नहीं, बल्कि वैचारिक अन्तर्विरोध तथा दो भिन्न संस्कृतियों का आमना-सामना है।
लेखक ने उपन्यास में इस बृहद् कथा के परिवेश को जीवन्त रखने के लिए पौराणिक शब्द-सम्पदा का भरपूर उपयोग किया है तथा एक सुपरिचित कथा को रोचक व पठनीय बनाए रखने में सफलता हासिल की है।
About Author
मदनमोहन शर्मा ‘शाही’
जन्म : 1945; ग्राम—अटलपुर, ज़िला—शिवपुरी (म.प्र.)।
शिक्षा : एम.ए., एल.एल.बी. होने के साथ संस्कृत, हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा पर समान अधिकार।
प्रमुख कृतियाँ : ‘तीसरा पति’, ‘कोटा रानी’, ‘नोटशीट’, ‘होंठों की सीमा’ और ‘लंकेश्वर’।
अप्रकाशित कृतियाँ : ‘योगं च भोगं’, ‘इन्दु बिरद्’
कार्य : कृषि विभाग, शिवपुरी में लिपिक के पद पर रहते हुए कर्मचारी संघ के अध्यक्ष के नाते कर्मचारियों के कल्याणार्थ तीन कर्मचारी भवनों का निर्माण। कहते हैं, देश भर में किसी भी कर्मचारी संगठन के पास इतना विशाल भवन नहीं है।
निधन : 27 अगस्त, 1987; कर्मचारी भवन, शिवपुरी में।
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