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Kukur Nakshatra
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
अग्निएता प्लेय्येल, अनुवाद - अखिलेश
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
अग्निएता प्लेय्येल, अनुवाद - अखिलेश
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹100 ₹99
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ISBN:
SKU
9789387155244
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
128
कुकुर नक्षत्र –
इस स्वीडिश उपन्यास में सूत्रधार, इंगेर्ट, अपने परिवार की कहानी बयान करती है। पता चलता है कि यह कोई साधारण परिवार नहीं है और, असल में, न ही यह कोई साधारण कहानी है। यह एक लड़की की कल्पना और अनुभव को चित्रित करती है जब वह किशोरावस्था की ओर बढ़ रही है। जैसे-जैसे इंगेर्ट अपने पिता लामेक और अपनी दादी के रिश्ते को, और अपनी एक गुप्त, बड़ी बहन के साथ लामेक के यौन सम्बन्ध को खोलती है, वह प्रेम के असली रूप को जानना शुरू कर देती है, उसकी सारी जटिलताओं को। अपनी तटस्थ आँखों से वह देखती है कि उसका परिवार ‘प्रेम के अतिरेक’ का शिकार है।
कुकुर नक्षत्र जिसका शीर्षक आकाश में सबसे चमकदार सितारे से आया है, एक सशक्त और सुन्दर ढंग से लिखा गया उपन्यास है, और यह हमारा एक श्रेष्ठ साहित्यिक कलाकार से परिचय कराता है।
‘(अग्निएता प्लेय्येल) बचपन के बारे में अपनी तफ़तीश को जारी रखती हैं… बचपन के नाज़ुक लेकिन फिर भी सुरक्षित संसार को छोड़कर अपने लिए एक नये संसार की रचना करते हुए, अपने आप को गढ़ते हुए, एक सबल और स्वतन्त्र व्यक्ति, एक व्यक्तित्व बनाते हुए जो दूसरों पर निर्भर नहीं है। (यह उपन्यास दिखाता है) कि अग्निएता प्लेय्येल वाकई सफल रही हैं….-‘माट्स गेलरफ़ेल्ट, स्वेन्स्का डागब्लाडेट्
कुकुर नक्षत्र एक सशक्त उपन्यास है और एक अज्ञात दुनिया को खोलता है… यह अनुभव आप पर एकदम छा जाता है और इस कृति में कहने के लिए कुछ है, सबके अनुभव बताते हुए जिसके बारे में कुछ में बताना लगभग असम्भव होता है। यह उपन्यास अग्निएता प्लेय्येल को समकालीन स्वीडी लेखकों से कहीं आगे ले जाता है।’ -क्रिस्टर इनैन्डर, क्वैल्स्पोस्टेन
‘इस समकालीन उत्तरी-यूरोपीय क्लासिक पढ़ने का ऐसा अनुभव, जिससे मेरा सभी पढ़ा-लिखा हमेशा के लिए बदल गया है।’
-सुनीति भट्ट
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Description
कुकुर नक्षत्र –
इस स्वीडिश उपन्यास में सूत्रधार, इंगेर्ट, अपने परिवार की कहानी बयान करती है। पता चलता है कि यह कोई साधारण परिवार नहीं है और, असल में, न ही यह कोई साधारण कहानी है। यह एक लड़की की कल्पना और अनुभव को चित्रित करती है जब वह किशोरावस्था की ओर बढ़ रही है। जैसे-जैसे इंगेर्ट अपने पिता लामेक और अपनी दादी के रिश्ते को, और अपनी एक गुप्त, बड़ी बहन के साथ लामेक के यौन सम्बन्ध को खोलती है, वह प्रेम के असली रूप को जानना शुरू कर देती है, उसकी सारी जटिलताओं को। अपनी तटस्थ आँखों से वह देखती है कि उसका परिवार ‘प्रेम के अतिरेक’ का शिकार है।
कुकुर नक्षत्र जिसका शीर्षक आकाश में सबसे चमकदार सितारे से आया है, एक सशक्त और सुन्दर ढंग से लिखा गया उपन्यास है, और यह हमारा एक श्रेष्ठ साहित्यिक कलाकार से परिचय कराता है।
‘(अग्निएता प्लेय्येल) बचपन के बारे में अपनी तफ़तीश को जारी रखती हैं… बचपन के नाज़ुक लेकिन फिर भी सुरक्षित संसार को छोड़कर अपने लिए एक नये संसार की रचना करते हुए, अपने आप को गढ़ते हुए, एक सबल और स्वतन्त्र व्यक्ति, एक व्यक्तित्व बनाते हुए जो दूसरों पर निर्भर नहीं है। (यह उपन्यास दिखाता है) कि अग्निएता प्लेय्येल वाकई सफल रही हैं….-‘माट्स गेलरफ़ेल्ट, स्वेन्स्का डागब्लाडेट्
कुकुर नक्षत्र एक सशक्त उपन्यास है और एक अज्ञात दुनिया को खोलता है… यह अनुभव आप पर एकदम छा जाता है और इस कृति में कहने के लिए कुछ है, सबके अनुभव बताते हुए जिसके बारे में कुछ में बताना लगभग असम्भव होता है। यह उपन्यास अग्निएता प्लेय्येल को समकालीन स्वीडी लेखकों से कहीं आगे ले जाता है।’ -क्रिस्टर इनैन्डर, क्वैल्स्पोस्टेन
‘इस समकालीन उत्तरी-यूरोपीय क्लासिक पढ़ने का ऐसा अनुभव, जिससे मेरा सभी पढ़ा-लिखा हमेशा के लिए बदल गया है।’
-सुनीति भट्ट
About Author
अग्निएता प्लेय्येल -
अग्निएता प्लेय्येल का जन्म 1940 में स्टॉकहोम में हुआ, और वे गॉटेनबर्ग विश्वविद्यालय में पढ़ीं, जहाँ उन्होंने साहित्य, दर्शन तथा नृतत्वशास्त्र का अध्ययन किया। उनका पहला उपन्यास, वह जो हवा को देखता था, 1987 में प्रकाशित और हुआ बहुत प्रशंसित हुआ। इसके लिए उन्हें एस्सेल्ते पुरस्कार दिया गया जो स्वीडन का महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार है। तब से उनके चार और उपन्यास प्रकाशित हुए हैं कुकुर नक्षत्र 1989, फफूँदें 1993, स्टॉकहोम में शीत ऋतु 1997 तथा लॉर्ड नेवर मोर 2001। वे कविता भी लिखती हैं और अब तक उनके तीन कविता-संग्रह प्रकाशित हुए है : फ़रिश्ते, बौने 1981, किसी स्वप्न से आँखें 1984, तथा आँटियाँ और अन्य कविताएँ 2004। इसके अलावा उन्होंने कई नाटक भी लिखे हैं, जिनमें से दो के शीर्षक हैं मानक-चयन 2004, तथा नदी के पास 2003। अग्निएता प्लेय्येल स्वीडन के भिन्न-भिन्न समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के लिए अनुवादक, आलोचक और कला सम्पादक के तौर पर काम करती रहीं हैं। 1984 से वे स्वीडिश इन्स्ट्यूट की सदस्य तथा 1987 से स्वीडिश PEN की अध्यक्ष हैं। उनकी रचनाएँ क़रीब सत्रह यूरोपीय भाषाओं में अनूदित हुई हैं। वे स्वीडन के लगभग वे सभी साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं, जिनमें सेल्मा लागरलॉफ़ पुरस्कार भी शामिल है।
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