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Kuchh Ansuni Fauji Kahaniyan

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Rachna Bisht Rawat
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Rachna Bisht Rawat
Language:
Hindi
Format:
Hardback

300

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In stock

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1-4 Days

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Weight 336 g
Book Type

ISBN:
SKU 9789390923199 Categories , Tag
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Page Extent:
192

एक रिटायर्ड जनरल को मरे हुए लोगों की आवाजें डराती हैं। खून जमा देनेवाले सियाचिन में मोर्चे पर तैनात दो शत्रु देशों के सैनिकों के बीच एक अजीब संबंध जुड़ जाता है। अरुणाचल के जंगलों में एक युवा लेफ्टिनेंट तीन सैनिकों के सामने दम तोड़ रहा होता है, जिनमें से एक का भाग्य हमेशा के लिए बदल जाता है। कश्मीर में अपनी पहचान छुपाकर काम कर रहे एक मेजर और उसके जवानों के सीने में कौन सा राज दफन है? पूर्णतया पुरुषों वाले 13 पैरा के गढ़ में आगरा आ रही एक ट्रेन कैसा आश्चर्य लेकर आनेवाली है? कौन हैं वे अदृश्य लोग जिनसे लैंसडाउन मिलिट्री हॉस्पिटल में ब्रेन सर्जरी का इंतजार कर रही नन्ही लड़की बातें करती है? द ब्रेव, 1965 और कारगिल जैसी पुस्तकों को लिखनेवाली लोकप्रिय लेखिका एक ऐसी पुस्तक लेकर आई हैं जो उन कहानियों के जरिए आपको जैतूनी हरे रंग की सेना की छावनियों की दुनिया में ले जाएँगी, जो आपको जितनी खुशी देंगी, उतना ही सोचने पर मजबूर भी करेंगी।.

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Description

एक रिटायर्ड जनरल को मरे हुए लोगों की आवाजें डराती हैं। खून जमा देनेवाले सियाचिन में मोर्चे पर तैनात दो शत्रु देशों के सैनिकों के बीच एक अजीब संबंध जुड़ जाता है। अरुणाचल के जंगलों में एक युवा लेफ्टिनेंट तीन सैनिकों के सामने दम तोड़ रहा होता है, जिनमें से एक का भाग्य हमेशा के लिए बदल जाता है। कश्मीर में अपनी पहचान छुपाकर काम कर रहे एक मेजर और उसके जवानों के सीने में कौन सा राज दफन है? पूर्णतया पुरुषों वाले 13 पैरा के गढ़ में आगरा आ रही एक ट्रेन कैसा आश्चर्य लेकर आनेवाली है? कौन हैं वे अदृश्य लोग जिनसे लैंसडाउन मिलिट्री हॉस्पिटल में ब्रेन सर्जरी का इंतजार कर रही नन्ही लड़की बातें करती है? द ब्रेव, 1965 और कारगिल जैसी पुस्तकों को लिखनेवाली लोकप्रिय लेखिका एक ऐसी पुस्तक लेकर आई हैं जो उन कहानियों के जरिए आपको जैतूनी हरे रंग की सेना की छावनियों की दुनिया में ले जाएँगी, जो आपको जितनी खुशी देंगी, उतना ही सोचने पर मजबूर भी करेंगी।.

About Author

रचना बिष्ट रावत कभी ड्राइवर, कभी शेफ और अकसर एक माँ का रोल निभातीं वे एक फुल टाइम मॉम हैं, जिनका एक किशोर, स्मार्ट बेटा है—सारांश और एक शरारती, सुनहरा डॉगी है—हुकुम। अपने पति कर्नल मनोज रावत के लिए वे ‘सब कुछ’ हैं या ऐसा कम-से-कम वो कहते हैं। वे जब भी इन तीनों से अलग कुछ पल हासिल कर पाती हैं तो संगीत सुनती हैं और लिखती हैं। रचना हैरी ब्रिटेन की फेलो हैं। उनकी छोटी कहानी ‘मुन्नी मौसी’ को राष्ट्रमंडल संक्षिप्त कहानी प्रतियोगिता 2008-09 में काफी सराहा गया था। वह ‘स्टेट्समैन’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ एवं ‘डेक्कन हेरॉल्ड’ में काम कर चुकी हैं और उनकी दो नॉन फिक्शन किताबें—‘द ब्रेव: परम वीर चक्र स्टोरीज’ और ‘1965: स्टोरीज फ्रॉम द सेकंड इंडो-पाक वॉर’ प्रकाशित हो चुकी हैं

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