SalePaperback
Kshana Boley Kana Muskaye
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹130 ₹129
Save: 1%
In stock
Ships within:
10-12 Days
In stock
ISBN:
SKU
9788126330782
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
240
क्षण बोले कण मुसकाये –
‘प्रभाकर’ जी की कृतियों में उनकी चिन्तन-प्रक्रिया और लेखन-शैली के कारण साहित्य और पत्रकारिता का अनुपम संगम है। उनके रिपोर्ताज़ तो और भी अधिक अन्तर्दर्शी और मर्मस्पर्शी होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक ‘क्षण बोले कण मुसकाये’ में ऐसे ही पच्चीस रिपोर्ताज़ हैं जिनमें हम विगत वर्षों में घटित कुछेक घटनाओं के आधार पर राष्ट्र एवं लोक-जीवन की झाँकी पूरे आनन्द एवं तल्लीनता के साथ देख सकते हैं।
Be the first to review “Kshana Boley Kana Muskaye” Cancel reply
Description
क्षण बोले कण मुसकाये –
‘प्रभाकर’ जी की कृतियों में उनकी चिन्तन-प्रक्रिया और लेखन-शैली के कारण साहित्य और पत्रकारिता का अनुपम संगम है। उनके रिपोर्ताज़ तो और भी अधिक अन्तर्दर्शी और मर्मस्पर्शी होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक ‘क्षण बोले कण मुसकाये’ में ऐसे ही पच्चीस रिपोर्ताज़ हैं जिनमें हम विगत वर्षों में घटित कुछेक घटनाओं के आधार पर राष्ट्र एवं लोक-जीवन की झाँकी पूरे आनन्द एवं तल्लीनता के साथ देख सकते हैं।
About Author
कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' -
सहारनपुर ज़िले के देवबन्द क़स्बे में 29 मई, 1906 को जनमे प्रभाकर जी राष्ट्र-चिन्तक तो थे ही, हिन्दी के महान गद्य-लेखक और पत्रकार भी थे। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं—'ज़िन्दगी मुसकरायी', 'माटी हो गयी सोना', 'महके आँगन चहके द्वार', 'आकाश के तारे धरती के फूल', 'दीप जले शंख बजे', 'क्षण बोले कण मुसकाये', 'बाजे पायलिया के घुँघरू', 'ज़िन्दगी लहलहायी' और 'कारवाँ आगे बढ़े'। सभी कृतियाँ ज्ञानपीठ से प्रकाशित।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Kshana Boley Kana Muskaye” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.