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Khamoshi Ke Aanchal Mein

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Amrita Pritam
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Amrita Pritam
Language:
Hindi
Format:
Paperback

225

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SKU 9789350642801 Category Tag
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172

सदियों की एक गाथा है खामोशी के आंचल में
कभी डूबती उतराती सी दिखती है कुछ अक्षरों के जल में…..
बात उनकी है- जिन्होंने ज़िन्दगी की कड़ी धूप में चलते हुए, अपने ही अक्षरों की छाया में बैठकर उस कड़ी धूप को झेल लिया। इस संकलन में कुछ के ऐतिहासिक दस्तावेज़, कुछ खामोशी के दस्तावेज़, और कुछ उनकी बात भी है जो इस काल में संघर्ष की एक लम्बी यात्रा पर चल दी हैं……

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Description

सदियों की एक गाथा है खामोशी के आंचल में
कभी डूबती उतराती सी दिखती है कुछ अक्षरों के जल में…..
बात उनकी है- जिन्होंने ज़िन्दगी की कड़ी धूप में चलते हुए, अपने ही अक्षरों की छाया में बैठकर उस कड़ी धूप को झेल लिया। इस संकलन में कुछ के ऐतिहासिक दस्तावेज़, कुछ खामोशी के दस्तावेज़, और कुछ उनकी बात भी है जो इस काल में संघर्ष की एक लम्बी यात्रा पर चल दी हैं……

About Author

अमृता प्रीतम

जन्म : 31 अगस्त, 1919; गुजराँवाला (पंजाब)।

बचपन और शिक्षा लाहौर में। किशोरावस्था से ही काव्य-रचना की ओर प्रवृत्ति। बँटवारे से पहले लाहौर से प्रकाशित होनेवाली मासिक पत्रिका 'नई दुनिया' का सम्पादन किया, फिर 'नागमणि' नामक पंजाबी मासिक निकाला। कुछ दिनों तक आकाशवाणी, दिल्ली से सम्बद्ध रहीं। 1956 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित और 1958 में पंजाब सरकार के भाषा-विभाग द्वारा पुरस्कृत। 1961 में सोवियत लेखक संघ के निमंत्रण पर मास्को-यात्रा, फिर मई, 1966 में बलगारिया लेखक संघ के निमंत्रण पर बलगारिया की यात्रा। ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित।

अब तक तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें मूल पंजाबी में प्रकाशित, जिनमें से दो-तीन को छोड़कर प्राय: सभी पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद। कुछ अन्य भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त रूसी, जर्मन आदि यूरोपीय भाषाओं में भी अनूदित।

प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : ‘धूप का टुकड़ा’, ‘काग़ज़ और कैनवस’ (कविता-संग्रह); ‘रसीदी टिकट’, ‘दस्तावेज़’ (आत्मकथा); ‘डॉक्टर देव’, ‘पिंजर’, ‘घोंसला’, ‘एक सवाल’, ‘बुलावा’, ‘बन्द दरवाज़ा’, ‘रंग का पत्ता’, ‘एक थी अनीता’, ‘धरती, सागर और सीपियाँ’, ‘दिल्ली की गलियाँ’, ‘जलावतन’, ‘जेबकतरे’, ‘पक्की हवेली’, ‘आग की लकीर’, ‘कोई नहीं जानता’, ‘यह सच है’, ‘एक ख़ाली जगह’, ‘तेरहवाँ सूरज’, ‘उनचास दिन’, ‘कोरे काग़ज़’, ‘हरदत्त का ज़ि‍न्दगीनामा’ इत्यादि (उपन्यास); ‘अन्तिम पत्र’, ‘लाल मिर्च’, ‘एक लड़की एक जाम’, ‘दो खिड़कियाँ’, ‘हीरे की कनी’, ‘पाँच बरस लम्बी सड़क’, ‘एक शहर की मौत’, ‘तीसरी औरत’, ‘यह कहानी नहीं’, ‘अक्षरों की छाया में’ आदि (कहानी-संग्रह)।

निधन : 31 अक्टूबर, 2005

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