keertigaan Hard Cover

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Chandan Pandey
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Chandan Pandey
Language:
Hindi
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Hardback

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उन्माद के जाल की पैमाइश में जुटे एक पत्रकार की उथल-पुथल भरी ज़िन्दगी की कथा है—‘कीर्तिगान’, जो उस वक़्त और उलझ जाती है जब भीड़-हत्याओं और उनसे जुड़े लोगों से मिलते हुए उसके लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष का भेद मिट जाता है। उसकी दुनिया उन लोगों से भर जाती है जो या तो इस दुनिया में नहीं हैं या उन भीड़-हत्याओं से जुड़े हैं।
उसकी ज़िन्दगी का एक सिरा उस स्त्री से जुड़ता है जो भीड़-हत्याओं की रिपोर्टिंग के अभियान में उसके साथ काम कर रही है और ऐसी हर घटना के साथ अपने उस अतीत के निकट पहुँच जाती है जिसकी ज़मीन एक त्रासदी की स्याही से अब तक गीली है।
अपनी नौकरी को बचाए रखने भर के लिए इस अभियान से जुड़ा पत्रकार और अपने काम को पसन्द करने वाली उसकी सहकर्मी, दोनों की अपनी-अपनी त्रासदियाँ उस समय व्यक्तिगत नहीं रह जातीं जब वे रिपोर्टिंग के दौरान समाज में अकल्पनीय ढंग से जड़ जमा चुकी उन्मादी मानसिकता से रू-ब-रू होते हैं।
इसमें जीवन से वाचक का पुनर्जागृत प्रेम है और विकसित होती हुई एक प्रेम कहानी भी, जिनसे कथा विरल ढंग से पठनीय हो उठती है।

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Description

उन्माद के जाल की पैमाइश में जुटे एक पत्रकार की उथल-पुथल भरी ज़िन्दगी की कथा है—‘कीर्तिगान’, जो उस वक़्त और उलझ जाती है जब भीड़-हत्याओं और उनसे जुड़े लोगों से मिलते हुए उसके लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष का भेद मिट जाता है। उसकी दुनिया उन लोगों से भर जाती है जो या तो इस दुनिया में नहीं हैं या उन भीड़-हत्याओं से जुड़े हैं।
उसकी ज़िन्दगी का एक सिरा उस स्त्री से जुड़ता है जो भीड़-हत्याओं की रिपोर्टिंग के अभियान में उसके साथ काम कर रही है और ऐसी हर घटना के साथ अपने उस अतीत के निकट पहुँच जाती है जिसकी ज़मीन एक त्रासदी की स्याही से अब तक गीली है।
अपनी नौकरी को बचाए रखने भर के लिए इस अभियान से जुड़ा पत्रकार और अपने काम को पसन्द करने वाली उसकी सहकर्मी, दोनों की अपनी-अपनी त्रासदियाँ उस समय व्यक्तिगत नहीं रह जातीं जब वे रिपोर्टिंग के दौरान समाज में अकल्पनीय ढंग से जड़ जमा चुकी उन्मादी मानसिकता से रू-ब-रू होते हैं।
इसमें जीवन से वाचक का पुनर्जागृत प्रेम है और विकसित होती हुई एक प्रेम कहानी भी, जिनसे कथा विरल ढंग से पठनीय हो उठती है।

About Author

चन्दन पाण्डेय

जन्म : 9 अगस्त, 1982

देवरिया ज़िले (उ.प्र.) में पटखौली गाँव के निवासी। पिछले नौ वर्षों से बेंगलुरु की रहनवारी।

शिक्षा : बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू.) से स्नातक और स्नातकोत्तर (एम.बी.ए.—मार्केटिंग)।

कहानी-संग्रह : ‘भूलना’, ‘इश्क़फ़रेब’ और ‘जंक्शन’।

भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा ‘नवलेखन पुरस्कार’, ‘शैलेश मटियानी कथा पुरस्कार’, ‘कृष्ण बलदेव वैद फ़ेलोशिप’।

सम्प्रति : टाटा समूह की कम्पनी मेटाहेलिक्स लाइफ़ साइंसेज लिमिटेड में बतौर मार्केटिंग प्रोफ़ेशनल (प्रोडक्ट मैनेजर) कार्यरत।

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