Katha Yatra (HB)

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Ramesh Nayyar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Ramesh Nayyar
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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28

हिंदी कहानी की प्रायः सभी लहरों और आंदोलनों में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति रही है। माधवराव सप्रे; बख्शीजी; गजानन माधव मुक्तिबोध; श्रीकांत वर्मा; शानी; मेहरुन्निसा परवेज और विनोद कुमार शुक्ल व्यापक ख्याति के साहित्यकार हैं। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राजनीतिक विचारक के साथ ही कहानीकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। इस संकलन में छत्तीसगढ़ से निरंतर जुडे़ रहे साहित्यकारों की कहानी संकलित की गई है। मेरे अनुरोध पर जिस सहजता के साथ लेखकों ने अपनी सहमति दी; उसके लिए मैं कृतज्ञ हूँ। उदार लेखकों ने अपनी पसंद की कहानी भेजकर मेरा काम और भी आसान कर दिया। स्व. माधवराव सप्रे; स्व. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी; स्व. गजानन माधव मुक्तिबोध; स्व. श्रीकांत वर्मा; स्व. गुलशेर शानी के उत्तराधिकारियों ने उनकी कहानियाँ इस संकलन में शामिल करने की जो उदारता दिखाई; उनके प्रति आभारी हूँ। स्व. श्रीमती शशि तिवारी और स्व. तेज बहादुर चौधरी के परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया। उनकी कहानियाँ इस संकलन में सम्मिलत किए बगैर छत्तीसगढ़ में कथा लेखन की विकासधारा के अक्स अधूरे रह जाते। उनकी सदाशयता पर भरोसा करते हुए उनकी पूर्व-प्रकाशित कहानियाँ डॉ. हरिशंकर शुक्ल के परामर्श पर शामिल की गई हैं। स्व. बनमाली और स्व. केशवप्रसाद वर्मा सहित पुरानी पीढ़ी के कुछ श्रेष्ठ कथाकारों की रचनाएँ सम्मिलित न कर पाने का मलाल बना रहेगा। इस संकलन को तैयार करने और कुछ दुर्लभ कहानियाँ उपलब्ध कराने में विभु कुमार; प्रेम दुबे; रमेश अनुपम और विनोद मिश्र का विशिष्ट सहयोग रहा।

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Description

हिंदी कहानी की प्रायः सभी लहरों और आंदोलनों में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति रही है। माधवराव सप्रे; बख्शीजी; गजानन माधव मुक्तिबोध; श्रीकांत वर्मा; शानी; मेहरुन्निसा परवेज और विनोद कुमार शुक्ल व्यापक ख्याति के साहित्यकार हैं। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राजनीतिक विचारक के साथ ही कहानीकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। इस संकलन में छत्तीसगढ़ से निरंतर जुडे़ रहे साहित्यकारों की कहानी संकलित की गई है। मेरे अनुरोध पर जिस सहजता के साथ लेखकों ने अपनी सहमति दी; उसके लिए मैं कृतज्ञ हूँ। उदार लेखकों ने अपनी पसंद की कहानी भेजकर मेरा काम और भी आसान कर दिया। स्व. माधवराव सप्रे; स्व. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी; स्व. गजानन माधव मुक्तिबोध; स्व. श्रीकांत वर्मा; स्व. गुलशेर शानी के उत्तराधिकारियों ने उनकी कहानियाँ इस संकलन में शामिल करने की जो उदारता दिखाई; उनके प्रति आभारी हूँ। स्व. श्रीमती शशि तिवारी और स्व. तेज बहादुर चौधरी के परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया। उनकी कहानियाँ इस संकलन में सम्मिलत किए बगैर छत्तीसगढ़ में कथा लेखन की विकासधारा के अक्स अधूरे रह जाते। उनकी सदाशयता पर भरोसा करते हुए उनकी पूर्व-प्रकाशित कहानियाँ डॉ. हरिशंकर शुक्ल के परामर्श पर शामिल की गई हैं। स्व. बनमाली और स्व. केशवप्रसाद वर्मा सहित पुरानी पीढ़ी के कुछ श्रेष्ठ कथाकारों की रचनाएँ सम्मिलित न कर पाने का मलाल बना रहेगा। इस संकलन को तैयार करने और कुछ दुर्लभ कहानियाँ उपलब्ध कराने में विभु कुमार; प्रेम दुबे; रमेश अनुपम और विनोद मिश्र का विशिष्ट सहयोग रहा।

About Author

मुद्रित कहानियों के इतिहास में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति कम-से-कम एक शताब्दी पुरानी है। पं. माधवराव सप्रे की कहानी ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ सन् १९०१ में ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ में प्रकाशित हुई थी। छत्तीसगढ़ हिंदी कथा-साहित्य के सृजन का केंद्र बना रहा है। पं. लोचन प्रसाद पांडेय द्वारा छद्म नाम से कुछ कहानियाँ लिखे जाने का उल्लेख मिलता है। पं. मुकुटधर पांडेय और बाबू कुलदीप सहाय की कहानियाँ बीसवीं सदी के दूसरे दशक में प्रकाशित हुईं। सन् १९१५ में श्री प्यारेलाल गुप्त का भी एक कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ। हिंदी कहानी की प्रायः सभी लहरों और आंदोलनों में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति रही है। इस कथा संकलन में छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित व विख्यात कथाकारों की रचनाएँ संकलित हैं, जिन्होंने हिंदी कथा-क्षेत्र में अपनी विशिष्ट राष्ट्रीय पहचान बनाई है। इनमें से अनेक हिंदी के बहुख्यात नाम हैं, तो कुछ ऐसे लिक्खाड़ न होने पर भी रचना की अपनी विशिष्ट मौलिकता और पहचान के कारण उल्लेखनीय हैं। अलग-अलग कथाकारों के अपने अलग रंग और अंदाज हैं। अंचल और उसके लोक, लोक-संस्कृति और संघर्ष की छाप प्रायः इनमें है। इन कहानियों में पाठकों को मिलेगा संवेदना का घनत्व, शिल्प का वैभिन्न्य तथा हृदय को छू जानेवाली मार्मिकता। कहानियों के रंग और लय भिन्न-भिन्न हैं, जो कथा-रस का संपूर्ण आनंद देते हैं।. --This text refers to an out of print or unavailable edition of this title.

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