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Kannada Ki Samkaleen Kahaniyan
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कन्नड़ की समकालीन कहानियाँ –
आधुनिक कन्नड़ साहित्य में कहानी विधा सबसे अधिक लोकप्रिय है। कन्नड़ कहानियों में दार्शनिकता, देशभक्ति, ऐतिहासिकता, ग्रामीण जीवन के चित्र, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण, पारिवारिक चित्रण आदि तत्वों का बड़ा ही सुन्दर समावेश हुआ है। कहानी के वस्तुविधान तथा शिल्पविधान की दृष्टि से कन्नड़ कहानियों में विकासक्रम का स्पष्ट परिचय मिलता है।
आधुनिक कन्नड़ साहित्य में राष्ट्रीयता के मुखर स्वर के साथ समाजसुधार तथा दलित जातियों के उद्धार की भावना ज़ोर पकड़ने लगती है। तत्कालीन प्रगतिशील साहित्यकारों ने प्रधानतः समाज की दुर्व्यवस्था की समस्या को मार्क्सवादी विचारधारा के आधार पर हल करने का प्रयत्न किया। इस प्रकार विविध विचारधाराओं के लेखकों ने समकालीन कन्नड़ कथा साहित्य को समृद्ध किया है।
संग्रह की कहानियाँ समकालीन कन्नड़ समाज की भीतरी तह तक ले जाकर उसकी सूक्ष्मता से हमारा परिचय और समकालीन परिदृश्य को रेखांकित करती हैं। सर्वथा एक पठनीय संग्रह।
कन्नड़ की समकालीन कहानियाँ –
आधुनिक कन्नड़ साहित्य में कहानी विधा सबसे अधिक लोकप्रिय है। कन्नड़ कहानियों में दार्शनिकता, देशभक्ति, ऐतिहासिकता, ग्रामीण जीवन के चित्र, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण, पारिवारिक चित्रण आदि तत्वों का बड़ा ही सुन्दर समावेश हुआ है। कहानी के वस्तुविधान तथा शिल्पविधान की दृष्टि से कन्नड़ कहानियों में विकासक्रम का स्पष्ट परिचय मिलता है।
आधुनिक कन्नड़ साहित्य में राष्ट्रीयता के मुखर स्वर के साथ समाजसुधार तथा दलित जातियों के उद्धार की भावना ज़ोर पकड़ने लगती है। तत्कालीन प्रगतिशील साहित्यकारों ने प्रधानतः समाज की दुर्व्यवस्था की समस्या को मार्क्सवादी विचारधारा के आधार पर हल करने का प्रयत्न किया। इस प्रकार विविध विचारधाराओं के लेखकों ने समकालीन कन्नड़ कथा साहित्य को समृद्ध किया है।
संग्रह की कहानियाँ समकालीन कन्नड़ समाज की भीतरी तह तक ले जाकर उसकी सूक्ष्मता से हमारा परिचय और समकालीन परिदृश्य को रेखांकित करती हैं। सर्वथा एक पठनीय संग्रह।
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