Kadambari (HB)

Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Banbhatt, Tr. Radhavallabh Tripathi
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Radhakrishna Prakashan
Author:
Banbhatt, Tr. Radhavallabh Tripathi
Language:
Hindi
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Hardback

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संस्कृत के प्रख्यात गद्यकार बाणभट्ट सातवीं शताब्दी में राजा हर्षवर्धन के समय में हुए। उनकी दो कृतियाँ ‘हर्षचरितम्’ तथा ‘कादम्बरी’ संस्कृत गद्य का अपार वैभव और सौन्‍दर्य ही नहीं, भारतीय कथा का अद्भुत संसार भी हमारे सामने खोलती हैं। बाणभट्ट की ‘कादम्बरी’ पारम्‍परिक कथा की विधा को अद्वितीय योगदान भी है और आधुनिक उपन्यास की विधा का एक भारतीय मानक भी प्रस्तुत करती है। इसके औपन्यासिक कलेवर और विस्तार के कारण ही मराठी में उपन्यास के अर्थ में ‘कादम्बरी’ शब्द एक जातिवाचक संज्ञा भी बन गया।
प्रस्तुत उपन्यास बाणभट्ट की ‘कादम्बरी’ का एक साहसिक और नवीन रूपान्‍तर है, जिसे संस्कृत के जाने-माने विद्वान् तथा साहित्यकार राधावल्लभ त्रिपाठी ने रचा है। यह ‘कादम्बरी’ पर आधारित एक मौलिक नई कृति होने के कारण भारतीय कथा के आस्वाद के नए धरातल प्रस्तुत करता है।

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Description

संस्कृत के प्रख्यात गद्यकार बाणभट्ट सातवीं शताब्दी में राजा हर्षवर्धन के समय में हुए। उनकी दो कृतियाँ ‘हर्षचरितम्’ तथा ‘कादम्बरी’ संस्कृत गद्य का अपार वैभव और सौन्‍दर्य ही नहीं, भारतीय कथा का अद्भुत संसार भी हमारे सामने खोलती हैं। बाणभट्ट की ‘कादम्बरी’ पारम्‍परिक कथा की विधा को अद्वितीय योगदान भी है और आधुनिक उपन्यास की विधा का एक भारतीय मानक भी प्रस्तुत करती है। इसके औपन्यासिक कलेवर और विस्तार के कारण ही मराठी में उपन्यास के अर्थ में ‘कादम्बरी’ शब्द एक जातिवाचक संज्ञा भी बन गया।
प्रस्तुत उपन्यास बाणभट्ट की ‘कादम्बरी’ का एक साहसिक और नवीन रूपान्‍तर है, जिसे संस्कृत के जाने-माने विद्वान् तथा साहित्यकार राधावल्लभ त्रिपाठी ने रचा है। यह ‘कादम्बरी’ पर आधारित एक मौलिक नई कृति होने के कारण भारतीय कथा के आस्वाद के नए धरातल प्रस्तुत करता है।

About Author

बाणभट्ट

बाणभट्ट का जन्म चन्‍दरेह (ज़‍िला—सीधी), मध्य प्रदेश में हुआ। सातवीं शताब्दी के संस्कृत लेखक व कवि बाणभट्ट ने गद्य-रचना में वही स्थान प्राप्त किया जो कालिदास ने संस्कृत काव्य में। बाणभट्ट राजा हर्षवर्धन के आस्थान कवि थे। उनके दो प्रमुख ग्रन्थ हैं—'हर्षचरितम्' और 'कादम्‍बरी' । 'हर्षचरितम्' में राजा हर्षवर्धन का जीवन-चरित्र है, वहीं 'कादम्‍बरी' दुनिया का पहला उपन्यास माना जाता है। 'कादम्‍बरी' पूर्ण होने से पहले ही बाणभट्ट का देहान्त हो गया तो उपन्यास पूरा करने का काम उनके पुत्र भूषणभट्ट ने अपने हाथों में ले लिया। दोनों ग्रन्थ संस्कृत साहित्य के महत्त्पूर्ण ग्रन्थ माने जाते हैं।

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