Kabuliwala

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Ravindranath Tagore
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Ravindranath Tagore
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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सूखे मेवे बेचने वाले एक बूढ़े अफ़गानी और एक नन्हीं बच्ची के बीच किस तरह किसी बाप-बेटी जैसा पवित्र प्रेम विकसित हुआ है, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी इस अनुपम कहानी में यही चित्रित किया है। इस कहानी की गिनती बच्चों के लिए लिखी गई महान पुस्तकों में की जाती है। दुनिया भर में पढ़ी और सराही गई इस महान कहानी को हिन्दी और बंगला भाषा में कई बार सिनेमा के पर्दे पर उतारा गया और हर बार दर्शक उसे देखने को उमड़ पड़े।

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Description

सूखे मेवे बेचने वाले एक बूढ़े अफ़गानी और एक नन्हीं बच्ची के बीच किस तरह किसी बाप-बेटी जैसा पवित्र प्रेम विकसित हुआ है, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी इस अनुपम कहानी में यही चित्रित किया है। इस कहानी की गिनती बच्चों के लिए लिखी गई महान पुस्तकों में की जाती है। दुनिया भर में पढ़ी और सराही गई इस महान कहानी को हिन्दी और बंगला भाषा में कई बार सिनेमा के पर्दे पर उतारा गया और हर बार दर्शक उसे देखने को उमड़ पड़े।

About Author

उपन्यास, कहानी, गीत, नृत्य-नाटिका, निबन्ध, यात्रा-वृत्तान्त-सभी विधाओं को उन्होंने अपनी लेखनी से समृद्ध किया। 1913 में उन्हें उनकी कृति गीताजंलि के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। बहुआयामी व्यक्तित्व वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर साहित्यकार, चिन्तक और दार्शनिक तो थे ही, इसके अतिरिक्त वे एक अच्छे चित्रकार भी थे।

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