Jantantra Evam Sansadiya Samvad

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
राकेश कुमार योगी
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
राकेश कुमार योगी
Language:
Hindi
Format:
Paperback

174

Save: 30%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789389012446 Category
Category:
Page Extent:
164

जनतन्त्र की मूल अवधारणा में ही संवाद है, व्यक्ति का व्यक्ति से संवाद, व्यक्ति का समाज से संवाद, व्यवस्था का व्यक्ति और समाज से संवाद, इसी प्रकार तो जनतन्त्र का विकास हुआ है। इसलिए श्रेष्ठ लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ संवाद की असीमित सम्भावनाओं को तलाशती हैं और इसके लिए रास्ते बनाती हैं। भारत में जाति, क्षेत्र, समाज की अनौपचारिक पंचायतों और चुनी हुई ग्राम पंचायतों से लेकर संसद तक सब व्यवस्थाओं के केन्द्र में संवाद ही है। आदर्श जनतन्त्र में न केवल शासन में आम जन की सीधी हिस्सेदारी होती है बल्कि इस हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर निरन्तर संवाद की सुविधा होती है। जनतन्त्र में विभिन्न स्तरों पर संवाद का होना उसे अधिक मज़बूत बनाता है और संसदीय संवाद इसका श्रेष्ठ उदाहरण है। जनप्रतिनिधियों, विधानसभा या संसद के सदस्यों के बीच संवाद, महज़ कुछ व्यक्तियों के बीच होने वाला प्रश्नोत्तर नहीं है बल्कि यह सम्पूर्ण देश का संवाद है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Jantantra Evam Sansadiya Samvad”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

जनतन्त्र की मूल अवधारणा में ही संवाद है, व्यक्ति का व्यक्ति से संवाद, व्यक्ति का समाज से संवाद, व्यवस्था का व्यक्ति और समाज से संवाद, इसी प्रकार तो जनतन्त्र का विकास हुआ है। इसलिए श्रेष्ठ लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ संवाद की असीमित सम्भावनाओं को तलाशती हैं और इसके लिए रास्ते बनाती हैं। भारत में जाति, क्षेत्र, समाज की अनौपचारिक पंचायतों और चुनी हुई ग्राम पंचायतों से लेकर संसद तक सब व्यवस्थाओं के केन्द्र में संवाद ही है। आदर्श जनतन्त्र में न केवल शासन में आम जन की सीधी हिस्सेदारी होती है बल्कि इस हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर निरन्तर संवाद की सुविधा होती है। जनतन्त्र में विभिन्न स्तरों पर संवाद का होना उसे अधिक मज़बूत बनाता है और संसदीय संवाद इसका श्रेष्ठ उदाहरण है। जनप्रतिनिधियों, विधानसभा या संसद के सदस्यों के बीच संवाद, महज़ कुछ व्यक्तियों के बीच होने वाला प्रश्नोत्तर नहीं है बल्कि यह सम्पूर्ण देश का संवाद है।

About Author

राकेश कुमार योगी का जन्म 31 जुलाई 1979 को शाहपुरा (जयपुर) राजस्थान में हुआ। स्नातक तक की पढ़ाई स्थानीय महाविद्यालय से करने के पश्चात् राजस्थान विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। हिमाचल प्रदेश विवि से जनसंचार में भी स्नातकोत्तर। ईटीवी, जनमत, लाइव इंडिया, इंडिया न्यूज़ जैसे संस्थानों सहित 14 वर्षों तक मीडिया में संवाददाता, ब्यूरो प्रमुख से लेकर सम्पादक की भूमिका निभायी। विद्यार्थी जीवन से सम-सामयिक विषयों पर लेखन के साथ-साथ साहित्यिक लेखन में सक्रिय रहे। तहलका, लाइव इंडिया और पूर्वापोस्ट जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में नियमित कॉलम तथा लेख प्रकाशित होते रहे हैं। कहानी, ग़ज़ल एवं नाटक लेखन में विशेष रूप से सक्रिय। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से आपके सह-सम्पादन में कहानी संग्रह प्रकाशित। आपके द्वारा लिखित-निर्देशित नुक्कड़ नाटक ‘नया सवेरा' को प्रतिष्ठित उड़ान महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का द्वितीय पुरस्कार दिया गया। भगत सिंह के अमर बलिदान पर आपके लिखे हुए नाटक ‘रंग दे बसन्ती' का दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में मंचन हुआ है। आप संवाद के लिए काम करने वाली संस्था डायलॉग इनिशिएटिव फ़ाउंडेशन के फाउंडर ट्रस्टी हैं और इसके माध्यम से सामाजिक जीवन में लगातार सक्रिय रहते हैं। आपने ‘मीडिया में संवाद' विषय पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। 2012 से आप मीडिया शिक्षण का कार्य कर रहे हैं और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नोएडा परिसर में पदस्थ हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Jantantra Evam Sansadiya Samvad”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED