SaleHardback
Waqt Hai Ek Break Ka (PB)
₹299 ₹209
Save: 30%
Kafan Ek Punah : path (HB)
₹250 ₹200
Save: 20%
Jannayak Ho Chi Minh Aur Bharat (HB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
Geetesh Sharma
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Geetesh Sharma
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹350 ₹245
Save: 30%
In stock
Ships within:
3-5 days
In stock
ISBN:
SKU
9788126725977
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
मानवता के इतिहास में ऐसे व्यक्ति विरल हैं जिन्होंने देशकाल की सीमाओं का अतिक्रमण कर समूचे विश्व को प्रेरित-प्रभावित किया है। ‘वियतनाम जनतांत्रिक गणतंत्र’ का महास्वप्न साकार करनेवाले जननायक हो चि मिन्ह ऐसे ही महान व्यक्ति थे। हो चि मिन्ह का नाम आज पूरे विश्व में समता-न्याय-स्वतंत्रता के लिए अनथक संघर्ष करनेवाले जनयोद्धा के रूप में आदर के साथ लिया जाता है। वस्तुतः हो के विषय में जानना व उनके व्यक्तित्व और विचारों का विश्लेषण करना प्रत्येक सचेत व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। ‘जननायक हो चि मिन्ह और भारत’ पुस्तक में प्रबुद्ध लेखक गीतेश शर्मा ने हो के जीवन का प्रामाणिक परिचय देते हुए उनके अविस्मरणीय योगदान को रेखांकित किया है! लेखक के अनुसार, ‘भारत में हो चि मिन्ह की प्रशस्ति तो बहुत की गई, उनकी याद में कसीदे पढ़े गए, पर हो के दर्शन, उनकी जीवन-शैली, सिद्धन्तों-आदर्शों पर न तो कोई गम्भीर पुस्तक आई, न ही उन्हें सही परिप्रेक्ष्य में समझने की गम्भीर चेष्टा की गई।’
प्रस्तुत पुस्तक हो को समझने का एक गम्भीर उपक्रम है। हो का भारत के साथ भी एक अद्भुत सम्बन्ध रहा है। जनोन्मुख राजनीति करनेवालों, बुद्धिजीवियों व ज़िम्मेदार पाठकों के मन में हो की स्मृतियाँ जीवन्त हैं। गीतेश शर्मा ने हो और भारत के वैचारिक रिश्तों का प्रभावपूर्ण वर्णन किया है। हो के व्यक्तित्व और कृतित्व का यह लेखा-जोखा समस्त पाठकों को नई ऊर्जा से सम्पन्न करेगा। प्रतिबद्ध राजनीति से जुड़े व्यक्तियों को हो के विचार आज भी सकारात्मक दिशा दिखा सकते हैं।
सहज व पारदर्शी भाषा-शैली में लिखी गई यह पुस्तक आज के वैश्विक परिदृश्य में एक आलोक स्तम्भ की तरह है।
Be the first to review “Jannayak Ho Chi Minh Aur Bharat (HB)” Cancel reply
Description
मानवता के इतिहास में ऐसे व्यक्ति विरल हैं जिन्होंने देशकाल की सीमाओं का अतिक्रमण कर समूचे विश्व को प्रेरित-प्रभावित किया है। ‘वियतनाम जनतांत्रिक गणतंत्र’ का महास्वप्न साकार करनेवाले जननायक हो चि मिन्ह ऐसे ही महान व्यक्ति थे। हो चि मिन्ह का नाम आज पूरे विश्व में समता-न्याय-स्वतंत्रता के लिए अनथक संघर्ष करनेवाले जनयोद्धा के रूप में आदर के साथ लिया जाता है। वस्तुतः हो के विषय में जानना व उनके व्यक्तित्व और विचारों का विश्लेषण करना प्रत्येक सचेत व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। ‘जननायक हो चि मिन्ह और भारत’ पुस्तक में प्रबुद्ध लेखक गीतेश शर्मा ने हो के जीवन का प्रामाणिक परिचय देते हुए उनके अविस्मरणीय योगदान को रेखांकित किया है! लेखक के अनुसार, ‘भारत में हो चि मिन्ह की प्रशस्ति तो बहुत की गई, उनकी याद में कसीदे पढ़े गए, पर हो के दर्शन, उनकी जीवन-शैली, सिद्धन्तों-आदर्शों पर न तो कोई गम्भीर पुस्तक आई, न ही उन्हें सही परिप्रेक्ष्य में समझने की गम्भीर चेष्टा की गई।’
प्रस्तुत पुस्तक हो को समझने का एक गम्भीर उपक्रम है। हो का भारत के साथ भी एक अद्भुत सम्बन्ध रहा है। जनोन्मुख राजनीति करनेवालों, बुद्धिजीवियों व ज़िम्मेदार पाठकों के मन में हो की स्मृतियाँ जीवन्त हैं। गीतेश शर्मा ने हो और भारत के वैचारिक रिश्तों का प्रभावपूर्ण वर्णन किया है। हो के व्यक्तित्व और कृतित्व का यह लेखा-जोखा समस्त पाठकों को नई ऊर्जा से सम्पन्न करेगा। प्रतिबद्ध राजनीति से जुड़े व्यक्तियों को हो के विचार आज भी सकारात्मक दिशा दिखा सकते हैं।
सहज व पारदर्शी भाषा-शैली में लिखी गई यह पुस्तक आज के वैश्विक परिदृश्य में एक आलोक स्तम्भ की तरह है।
About Author
गीतेश शर्मा
जन्म : 1932; लखीसराय, बिहार।
शिक्षा : दसवीं।
लेखक, पत्रकार, कल्चरल एक्टिविस्ट, अनीश्वरवादी, भौतिकवादी, चार्वाक, सांख्य दर्शन के अनुयायी।
24 पुस्तकों के रचयिता—12 अँग्रेज़ी, 12 हिन्दी।
भारत के अलावा एशिया, अमरीका, अफ्रीका एवं यूरोप के 29 देशों का भ्रमण। विभिन्न विश्वविद्यालयों में आयोजित राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सेमिनारों में भागीदारी।
चर्चित पुस्तकें : ‘धर्म के नाम पर’, ‘टैगोर : एक दूसरा पक्ष’, ‘हो-ची-मिन्ह और भारत’ (अँग्रेज़ी, हिन्दी), ‘वियतनाम : 1982-2017’, ‘नागार्जुन और कलकत्ता’, ‘भगतसिंह का रास्ता’।
25 वर्षों तक कलकत्ता से लोकप्रिय साप्ताहिक 'जन संसार' का सम्पादन, प्रकाशन। बुद्ध की उक्ति—'हर चीज़ पर शंका करो, किसी का अंधानुकरण न करो, अपना पथ प्रदर्शक ख़ुद बनो' का अनुकरण। मरणोपरान्त देहदान की वसीयत।Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Jannayak Ho Chi Minh Aur Bharat (HB)” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.