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Jaishankar Prasad (HB)

Publisher:
Lokbharti
| Author:
SHRI.NAND DULARE BAJPAI
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Lokbharti
Author:
SHRI.NAND DULARE BAJPAI
Language:
Hindi
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Hardback

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‘जयशंकर प्रसाद’ सन् 1939 में प्रकाशित आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी की प्रारम्भिक कृति है जो नए संस्करण के साथ साहित्य प्रेमियों, छात्रों के लिए उपलब्ध है। इसमें प्रसाद जी पर लम्बी भूमिका के साथ पन्द्रह निबन्ध हैं। कथा-साहित्य, उपन्यास, काव्य और नाटकों पर प्रसाद जी के विराट व्यक्तित्व का यह समाकलन है। रचनाकार की अन्तःप्रेरणा, अनुसन्धान का परिचय इस पुस्तक में प्राप्त है। इस पुस्तक में कवि, कथाकार, नाटककार प्रसाद को सम्पूर्ण परिवेश में परखा गया है। एक व्यक्ति के इन विभिन्न रंगों में कितनी शालीनता, संस्कार, भाषागत सौष्ठव हमें प्राप्त है, इस पर विस्तृत विवेचन है। अतीत के विशाल चित्रफलक पर पचास वर्षों के लम्बे समय तक उनका साहित्य जगत पर एकच्छत्र एकाधिकार निःसन्देह गौरव का विषय है।

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Description

‘जयशंकर प्रसाद’ सन् 1939 में प्रकाशित आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी की प्रारम्भिक कृति है जो नए संस्करण के साथ साहित्य प्रेमियों, छात्रों के लिए उपलब्ध है। इसमें प्रसाद जी पर लम्बी भूमिका के साथ पन्द्रह निबन्ध हैं। कथा-साहित्य, उपन्यास, काव्य और नाटकों पर प्रसाद जी के विराट व्यक्तित्व का यह समाकलन है। रचनाकार की अन्तःप्रेरणा, अनुसन्धान का परिचय इस पुस्तक में प्राप्त है। इस पुस्तक में कवि, कथाकार, नाटककार प्रसाद को सम्पूर्ण परिवेश में परखा गया है। एक व्यक्ति के इन विभिन्न रंगों में कितनी शालीनता, संस्कार, भाषागत सौष्ठव हमें प्राप्त है, इस पर विस्तृत विवेचन है। अतीत के विशाल चित्रफलक पर पचास वर्षों के लम्बे समय तक उनका साहित्य जगत पर एकच्छत्र एकाधिकार निःसन्देह गौरव का विषय है।

About Author

आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी

 

जन्म : 14 सितम्बर, 1906; उन्नाव, उत्तर प्रदेश।

हिन्दी के साहित्यकार, पत्रकार, सम्पादक, आलोचक और अन्त में प्रशासक भी रहे। छायावादी कविता के शीर्षस्थ आलोचक के रूप में प्रसिद्ध।

प्रारम्भिक शिक्षा हजारीबाग में सम्पन्न हुई। आगे की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पूरी की। कुछ समय ‘भारतֺ’ के सम्पादक रहे। इसके बाद उन्होंने काशी नागरीप्रचारिणी सभा में ‘सूरसागरֹ’ तथा बाद में गीता प्रेस, गोरखपुर में ‘रामचरितमानस’ का सम्पादन किया।

वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक रहे तथा सागर विश्वविद्यालय, उज्जैन के उपकुलपति नियुक्त हुए।

प्रमुख कृतियाँ : ‘हिन्दी साहित्य : बीसवीं शताब्दी’, ‘जयशंकर प्रसाद’, ‘प्रेमचन्द : साहित्यिक विवेचन’, ‘आधुनिक साहित्य’, ‘नया साहित्य : नए प्रश्न’, ‘जयशंकर प्रसाद’, ‘महाकवि सूरदास’, ‘कवि निराला’ एवं ‘सुमित्रानन्दन पन्त’।

निधन : 21 अगस्त, 1967; उज्जैन।

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