Jab Main Rashtarapati Tha

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
रामस्वामी वेंकटरमन, अनुवादक - संजयकुमार सिंह, पुनरीक्षक - रामकुमार कृषक
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
रामस्वामी वेंकटरमन, अनुवादक - संजयकुमार सिंह, पुनरीक्षक - रामकुमार कृषक
Language:
Hindi
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Hardback

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512

पूर्व राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमन की किताब ‘माई प्रेसिडेंशियल इयर्स’ कई मायने में बेजोड़ है। पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा इस ढंग से प्रस्तुत किया है। इस कारण पुस्तक में रोचक तथ्यों के अलावा कई ज्ञानवर्द्धक बातें भी हैं। राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन के बारे में आम जिज्ञासा भी इस पुस्तक से दूर होती है।

हिन्दी तो क्या, किसी भी भाषा में अब तक ऐसी पुस्तक उपलब्ध नहीं थी । इसलिए ‘माई प्रेसिडेंशियल इयर्स’ का हिंदी अनुवाद ‘जब मैं राष्ट्रपति था’ पेश करते हुए हमें अपार खुशी हो रही है।

अंग्रेजी संस्करण बाजार में आने के बाद काफी चर्चित हुआ है। पर दुर्भाग्य से पुस्तक की मूल खासियत पर चर्चा नहीं हुई। हम उम्मीद करते हैं कि यह पुस्तक हिंदी भाषी लोगों को काफी रुचिकर लगेगी ।

रामस्वामी वेंकटरमन पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने चार प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल देखा । इनमें तीन प्रधानमंत्री दो साल के अंदर आए, गए। ऐसे में श्री वेंकटरमन का कार्यकाल राजनीतिक तौर पर भी काफी महत्वपूर्ण है। इस नाते उनके कार्यकाल का यह संस्मरणात्मक लेखा-जोखा हिंदीभाषी पाठकों के लिए काफी उपयोगी होगा ।

पुस्तक का अनुवाद हिंदी दैनिक जनसत्ता में उपसंपादक संजयकुमार सिंह ने किया है और इसका पुनरीक्षण कवि एवं संपादक रामकुमार कृषक ने किया है। हम इसके लिए दोनों के आभारी हैं और उम्मीद करते हैं कि पुस्तक का यह हिंदी संस्करण पाठकों को पसंद आएगा।

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Description

पूर्व राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमन की किताब ‘माई प्रेसिडेंशियल इयर्स’ कई मायने में बेजोड़ है। पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा इस ढंग से प्रस्तुत किया है। इस कारण पुस्तक में रोचक तथ्यों के अलावा कई ज्ञानवर्द्धक बातें भी हैं। राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन के बारे में आम जिज्ञासा भी इस पुस्तक से दूर होती है।

हिन्दी तो क्या, किसी भी भाषा में अब तक ऐसी पुस्तक उपलब्ध नहीं थी । इसलिए ‘माई प्रेसिडेंशियल इयर्स’ का हिंदी अनुवाद ‘जब मैं राष्ट्रपति था’ पेश करते हुए हमें अपार खुशी हो रही है।

अंग्रेजी संस्करण बाजार में आने के बाद काफी चर्चित हुआ है। पर दुर्भाग्य से पुस्तक की मूल खासियत पर चर्चा नहीं हुई। हम उम्मीद करते हैं कि यह पुस्तक हिंदी भाषी लोगों को काफी रुचिकर लगेगी ।

रामस्वामी वेंकटरमन पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने चार प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल देखा । इनमें तीन प्रधानमंत्री दो साल के अंदर आए, गए। ऐसे में श्री वेंकटरमन का कार्यकाल राजनीतिक तौर पर भी काफी महत्वपूर्ण है। इस नाते उनके कार्यकाल का यह संस्मरणात्मक लेखा-जोखा हिंदीभाषी पाठकों के लिए काफी उपयोगी होगा ।

पुस्तक का अनुवाद हिंदी दैनिक जनसत्ता में उपसंपादक संजयकुमार सिंह ने किया है और इसका पुनरीक्षण कवि एवं संपादक रामकुमार कृषक ने किया है। हम इसके लिए दोनों के आभारी हैं और उम्मीद करते हैं कि पुस्तक का यह हिंदी संस्करण पाठकों को पसंद आएगा।

About Author

रामस्वामी वेंकटरमण,(४ दिसंबर १९१०-२७ जनवरी २००९) भारत के ८वें राष्ट्रपति थे। वे १९८७ से १९९२ तक इस पद पर रहे। राष्ट्रपति बनने के पहले वे ४ वर्षों तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। मंगलवार को २७ जनवरी को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वे ९८ वर्ष के थे। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश भर के अनेक राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने २:३० बजे दिल्ली में सेना के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में अंतिम साँस ली। उनका कार्यकाल १९८७ से १९९२ तक रहा। राष्ट्रपति पद पर आसीन होने से पूर्व वेंकटरमन करीब चार साल तक देश के उपराष्ट्रपति भी रहे।

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