Hindutva : Ek Jeevan Shaili

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Ed. Kalraj Mishra
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
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Ed. Kalraj Mishra
Language:
Hindi
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Hardback

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आज भारत के राजनीतिक परिवेश में चारों ओर संकट दिखाई दे रहा है। देश में भ्रष्‍टाचार चरम पर है। धर्म-जाति के नाम पर वोट पाने हेतु राष्‍ट्रीय हितों को तिलांजलि दी जा रही है। छद्म धर्म-निरपेक्षता के नाम पर संप्रदायवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। आज के इस कलुषित वातावरण में हिंदुत्व की अप्रतिम जीवन-शैली को अपनाकर ही समाज में एक जन-जागरण पैदा किया जा सकता है, जिससे अपने संकीर्ण मतभेदों से ऊपर उठकर एक सशक्‍त राष्‍ट्र का निर्माण हो सके। जीवनपर्यंत राष्‍ट्रवाद की राजनीति के आदर्शों पर चलनेवाले वरिष्‍ठ राजनेता पं. कलराज मिश्र ने हिंदुत्व की परंपराओं, वेद, पुराणों और स्मृतियों के माध्यम से सभी समस्याओं का हल खोजने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में सम्मिलित अनेक आध्यात्मिक गुरुओं, राजनेताओं, लेखकों के मर्मस्पर्शी लेख बालविवाह, जातिप्रथा, टूटते परिवार, भ्रष्‍टाचार, महिलाओं के प्रति दुराचार जैसी बुराइयों को दूर करने में अवश्य सफल होंगे। हिंदुत्व की व्यापक अवधारणा, उसकी अप्रतिम जीवन-शैली, उसकी संस्कृति का दिग्दर्शन कराती एक श्रेष्‍ठ कृति।

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आज भारत के राजनीतिक परिवेश में चारों ओर संकट दिखाई दे रहा है। देश में भ्रष्‍टाचार चरम पर है। धर्म-जाति के नाम पर वोट पाने हेतु राष्‍ट्रीय हितों को तिलांजलि दी जा रही है। छद्म धर्म-निरपेक्षता के नाम पर संप्रदायवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। आज के इस कलुषित वातावरण में हिंदुत्व की अप्रतिम जीवन-शैली को अपनाकर ही समाज में एक जन-जागरण पैदा किया जा सकता है, जिससे अपने संकीर्ण मतभेदों से ऊपर उठकर एक सशक्‍त राष्‍ट्र का निर्माण हो सके। जीवनपर्यंत राष्‍ट्रवाद की राजनीति के आदर्शों पर चलनेवाले वरिष्‍ठ राजनेता पं. कलराज मिश्र ने हिंदुत्व की परंपराओं, वेद, पुराणों और स्मृतियों के माध्यम से सभी समस्याओं का हल खोजने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में सम्मिलित अनेक आध्यात्मिक गुरुओं, राजनेताओं, लेखकों के मर्मस्पर्शी लेख बालविवाह, जातिप्रथा, टूटते परिवार, भ्रष्‍टाचार, महिलाओं के प्रति दुराचार जैसी बुराइयों को दूर करने में अवश्य सफल होंगे। हिंदुत्व की व्यापक अवधारणा, उसकी अप्रतिम जीवन-शैली, उसकी संस्कृति का दिग्दर्शन कराती एक श्रेष्‍ठ कृति।

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