The Summer of Broken Rules 553

Save: 15%

Back to products
Raavi Paar 174

Save: 1%

Hindi Ke Sarvshreshtha Prem Geet

Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
SUMAN, KSHEMCHANDRA
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
Author:
SUMAN, KSHEMCHANDRA
Language:
Hindi
Format:
Paperback

149

Save: 1%

In stock

Ships within:
5-7 Days

In stock

Book Type

ISBN:
SKU 9789353495367 Categories , , Tag
Categories: , ,
Page Extent:
144

इस पुस्तक में निराला पंत बच्चन दिनकर नीरज नरेंद्र शर्मा महादेवी वर्मा माखनलाल चतुर्वेदी अज्ञेय मैथिलीशरण गुप्त इत्यादि सुप्रसिद्ध 100 कवियों द्वारा लिखे गए उनके अमर प्रेम गीतों को संकलित किया गया है। प्रेमियो के पीर के ये शब्दचित्र हर किसी को आकर्षित करके प्रेम की एक नई दुनिया में ले जाने के लिए पर्याप्त हैं।. About the Author आचार्य क्षेमचन्द्र ‘सुमन’ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हिन्दी साहित्यकार एवं पत्रकार थे। उनका जन्म 16 सितम्बर 1916 ई. को उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद (अब गाजियाबाद जिला) की हापुड़ तहसील के बाबूगढ़ नामक ग्राम में हुआ था। शिक्षा समाप्ति के बाद आपने पत्रकारिता और लेखन को आजीविका का साधन बनाया। उन्हें 1984 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 3 अक्तूबर 1993 को आपका निधन हुआ।.

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Hindi Ke Sarvshreshtha Prem Geet”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

इस पुस्तक में निराला पंत बच्चन दिनकर नीरज नरेंद्र शर्मा महादेवी वर्मा माखनलाल चतुर्वेदी अज्ञेय मैथिलीशरण गुप्त इत्यादि सुप्रसिद्ध 100 कवियों द्वारा लिखे गए उनके अमर प्रेम गीतों को संकलित किया गया है। प्रेमियो के पीर के ये शब्दचित्र हर किसी को आकर्षित करके प्रेम की एक नई दुनिया में ले जाने के लिए पर्याप्त हैं।. About the Author आचार्य क्षेमचन्द्र ‘सुमन’ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हिन्दी साहित्यकार एवं पत्रकार थे। उनका जन्म 16 सितम्बर 1916 ई. को उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद (अब गाजियाबाद जिला) की हापुड़ तहसील के बाबूगढ़ नामक ग्राम में हुआ था। शिक्षा समाप्ति के बाद आपने पत्रकारिता और लेखन को आजीविका का साधन बनाया। उन्हें 1984 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 3 अक्तूबर 1993 को आपका निधन हुआ।.

About Author

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Hindi Ke Sarvshreshtha Prem Geet”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED