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H.G. Wells ki Lokpriya Kahaniyan
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
H.G. Wells
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
H.G. Wells
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹250 ₹188
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In stock
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1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
152
अचानक सबकी तन्मयता भंग हुई थी। इस पार्क में मनोरंजन के लिए जिस बैंड की व्यवस्था थी, वह न जाने कब से बिना किसी भूल के अपना प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन अभी उनसे भी अचानक पहली बार सुर की चूक हुई थी। इस भूल को सबने पकड़ा था और इस पर लोगों की चर्चा हो रही थी। साथ ही इस घटना ने भी हलचल मचा दी थी कि इस महिला की गोद में शांत चित्त ऊँघता हुआ सा वह छोटा कुत्ता बहुत तेज रफ्तार से अचानक हवा में उड़ता हुआ बहुत दूर जा गिरा था। लोग बौखला गए थे और इसे किसी अपशगुन का संकेत मानकर अंधविश्वासी सिद्ध हो रहे थे। किसी भगदड़ जैसा दृश्य बन गया था। लोगों के अचानक भागने से कुरसियाँ उलटकर गिर गई थीं। उसकी स्मृति में बचपन का वह दृश्य साफ उभरकर आ गया। उस दरवाजे को देखते ही वह एक अजीब से मनोभाव से भर उठा। वह दरवाजा मानो उसे अपनी ओर खींचने लगा। वह अपनी इच्छा भर उतावला हो उठा कि वह भागकर जाए और उस दरवाजे के पार निकल जाए। उसके विवेक में यह क्या स्पष्ट था, कि इस तरह किसी दरवाजे के पार चले जाना अकलमंदी नहीं है या यह गलत काम है, यह नहीं कहा जा सकता, लेकिन दरवाजे के उस आकर्षण के सामने एक विवेक तो था, जो रुकावट बन रहा था। लेकिन दरवाजा खुला हुआ था और वह इच्छापूर्वक उसके पार जा सकता था। —इसी संग्रह से प्रसिद्ध कथाकार एच.जी. वेल्स की रोचक-पठनीय-लोकप्रिय कहानियों का संकलन।.
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Lokpriya Kahaniyan” Cancel reply
Description
अचानक सबकी तन्मयता भंग हुई थी। इस पार्क में मनोरंजन के लिए जिस बैंड की व्यवस्था थी, वह न जाने कब से बिना किसी भूल के अपना प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन अभी उनसे भी अचानक पहली बार सुर की चूक हुई थी। इस भूल को सबने पकड़ा था और इस पर लोगों की चर्चा हो रही थी। साथ ही इस घटना ने भी हलचल मचा दी थी कि इस महिला की गोद में शांत चित्त ऊँघता हुआ सा वह छोटा कुत्ता बहुत तेज रफ्तार से अचानक हवा में उड़ता हुआ बहुत दूर जा गिरा था। लोग बौखला गए थे और इसे किसी अपशगुन का संकेत मानकर अंधविश्वासी सिद्ध हो रहे थे। किसी भगदड़ जैसा दृश्य बन गया था। लोगों के अचानक भागने से कुरसियाँ उलटकर गिर गई थीं। उसकी स्मृति में बचपन का वह दृश्य साफ उभरकर आ गया। उस दरवाजे को देखते ही वह एक अजीब से मनोभाव से भर उठा। वह दरवाजा मानो उसे अपनी ओर खींचने लगा। वह अपनी इच्छा भर उतावला हो उठा कि वह भागकर जाए और उस दरवाजे के पार निकल जाए। उसके विवेक में यह क्या स्पष्ट था, कि इस तरह किसी दरवाजे के पार चले जाना अकलमंदी नहीं है या यह गलत काम है, यह नहीं कहा जा सकता, लेकिन दरवाजे के उस आकर्षण के सामने एक विवेक तो था, जो रुकावट बन रहा था। लेकिन दरवाजा खुला हुआ था और वह इच्छापूर्वक उसके पार जा सकता था। —इसी संग्रह से प्रसिद्ध कथाकार एच.जी. वेल्स की रोचक-पठनीय-लोकप्रिय कहानियों का संकलन।.
About Author
एच.जी. वेल्स का जन्म 21 सितंबर, 1866 को ब्राम्ले, कैंट (इंग्लैंड) में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने बड़ी संख्या में विज्ञान कथाएँ और उपन्यास लिखे। हालाँकि तब कहानी लेखन की इस विधा का नाम ‘साइंस फिक्शन’ नहीं पड़ा था। ‘द स्टार’, ‘कंट्री ऑफ द ब्लाइंड’, ‘द मैजिक शॉप’, ‘द ब्यूटिफुल सुइट’, ‘द स्टोलन बैसिलस’ आदि उनकी अविस्मरणीय कहानियाँ हैं। उनका पहला उपन्यास ‘द टाइम मशीन’ 1895 में छपा, जो दुनिया भर में लोकप्रिय हुआ। 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में वेल्स ने जो कथा-विचार दिए, उन पर विज्ञान कथाकार आज भी कहानियाँ लिख रहे हैं। अपने उपन्यास ‘द इनविजिबल मैन’ में उन्होंने दिखाया था कि विज्ञान के बल पर अधिक ताकत हाथ में आ जाने का हश्र क्या हो सकता है। ‘द वार इन द एयर’ उपन्यास में उन्होंने भावी युद्ध में हवाई बमबारी की पूर्व कल्पना कर ली थी। उपन्यास ‘द वर्ल्ड सेट फ्री’ में उन्होंने विज्ञान की खोजों से विकसित हो रहे विनाशकारी हथियारों पर सवाल उठाए थे। वेल्स ने चाँद की यात्रा पर ‘द फर्स्ट मैन इन द मून’ उपन्यास लिखा। उनके लगभग सभी उपन्यासों पर फिल्में बनीं। विज्ञान-कथा की नई विधा देकर एच.जी. वेल्स अमर हो गए। स्मृतिशेष: 13 अगस्त, 1946।.
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