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GANDHI: Ek Sacharitra Jeevani (HINDI)
Publisher:
MANJUL
| Author:
PRAMOD KAPOOR
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
MANJUL
Author:
PRAMOD KAPOOR
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹999 ₹749
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9789389143270
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मोहनदास करमचन्द गाँधी का जीवन और उनके आदर्श सारी दुनिया के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं, लेकिन वास्तव में यह उनके व्यक्तित्व की जटिलता थी जिसने उनको असाधारण रूप से दिलचस्प बनाया था। उनके जीवन और बौद्धिक विकास से ताल्लुक रखने वाले ऐसे बहुत-से सूक्ष्म ब्योरे हैं जो उनकी उपलब्धियों की महानता के धुंधलके में अदृश्य रह गये हैं। इस सचित्र जीवन में उन ब्योरों को एकत्र करना आधुनिक भारतीय इतिहास की सर्वाधिक पूज्य प्रतिमा को जीवन की br>धड़कनों से भर देना है, और ऐसा करते हुए यह पुस्तक इस विषय पर केंद्रित तमाम दूसरी कृतियों के सन्दर्भ में एक नया प्रतिमान रचती है। गाँधी: एक सचित्र जीवनी एक शरारती, ज़िन्दादिल लड़के के एक महात्मा के रूप में विकसित होने का अंतरंग अध्ययन है। काठियावाड़ में उनकी आरम्भिक शिक्षा और कम उम्र में विवाह से लेकर लन्दन की भव्यता के साथ उनके पहले अनुभव तक, दक्षिण अफ़्रीका में एक क़ानूनी प्रकरण में संयोग से उनके रोज़गार मिल जाने से लेकर पीटरमेरिट्ज़बर्ग की रेल की उनकी उस सवारी तक जो बराबरी के हक़ को लेकर उनकी पहली लड़ाई का सबब बनी, एक अपेक्षाकृत नाकामयाब वकील ओने से लेकर मानव अधिकारों के लिए लड़ने वाले दर्मयोद्धा के रूप में उनकी विश्वस्तरीय प्रतिष्ठा तक – गाँधी ऐसे बिरले विद्रोही थे जिन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए जन-प्रतिरोध के अर्थ को पुनर्परिभाषित किया था। यह पुस्तक एक सघन अनुसन्धान का निष्कर्ष है जो दुनिया भर के स्त्रोतों से जुटाये गये छायाचित्रों द्वारा छोड़े गये निशाओं का पीछा करती हुई गाँधी के जीवन में प्रवेश करती है। क्रमबद्ध पाठ्य सामग्री और उसके साथ दिए गये छायाचित्र गाँधी की अनूठी जटिलता को साकार कर देते हैं – उनकी सफलताओं और विफलताओं को, अपने समकालीनों के साथ उनके आत्मीय रिश्तों को, और स्वयं अपने परिवार के साथ रहे उनके पेचीदा रिश्ते को भी। यह पुस्तक गहरे लगाव के साथ सामने लाया गया एक मुश्किल उद्यम और पाठकों की नयी पीढ़ी के लिए गाँधी की पद्धतियों और सन्देश को चर्चित करने का प्रयास है।.
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Description
मोहनदास करमचन्द गाँधी का जीवन और उनके आदर्श सारी दुनिया के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं, लेकिन वास्तव में यह उनके व्यक्तित्व की जटिलता थी जिसने उनको असाधारण रूप से दिलचस्प बनाया था। उनके जीवन और बौद्धिक विकास से ताल्लुक रखने वाले ऐसे बहुत-से सूक्ष्म ब्योरे हैं जो उनकी उपलब्धियों की महानता के धुंधलके में अदृश्य रह गये हैं। इस सचित्र जीवन में उन ब्योरों को एकत्र करना आधुनिक भारतीय इतिहास की सर्वाधिक पूज्य प्रतिमा को जीवन की br>धड़कनों से भर देना है, और ऐसा करते हुए यह पुस्तक इस विषय पर केंद्रित तमाम दूसरी कृतियों के सन्दर्भ में एक नया प्रतिमान रचती है। गाँधी: एक सचित्र जीवनी एक शरारती, ज़िन्दादिल लड़के के एक महात्मा के रूप में विकसित होने का अंतरंग अध्ययन है। काठियावाड़ में उनकी आरम्भिक शिक्षा और कम उम्र में विवाह से लेकर लन्दन की भव्यता के साथ उनके पहले अनुभव तक, दक्षिण अफ़्रीका में एक क़ानूनी प्रकरण में संयोग से उनके रोज़गार मिल जाने से लेकर पीटरमेरिट्ज़बर्ग की रेल की उनकी उस सवारी तक जो बराबरी के हक़ को लेकर उनकी पहली लड़ाई का सबब बनी, एक अपेक्षाकृत नाकामयाब वकील ओने से लेकर मानव अधिकारों के लिए लड़ने वाले दर्मयोद्धा के रूप में उनकी विश्वस्तरीय प्रतिष्ठा तक – गाँधी ऐसे बिरले विद्रोही थे जिन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए जन-प्रतिरोध के अर्थ को पुनर्परिभाषित किया था। यह पुस्तक एक सघन अनुसन्धान का निष्कर्ष है जो दुनिया भर के स्त्रोतों से जुटाये गये छायाचित्रों द्वारा छोड़े गये निशाओं का पीछा करती हुई गाँधी के जीवन में प्रवेश करती है। क्रमबद्ध पाठ्य सामग्री और उसके साथ दिए गये छायाचित्र गाँधी की अनूठी जटिलता को साकार कर देते हैं – उनकी सफलताओं और विफलताओं को, अपने समकालीनों के साथ उनके आत्मीय रिश्तों को, और स्वयं अपने परिवार के साथ रहे उनके पेचीदा रिश्ते को भी। यह पुस्तक गहरे लगाव के साथ सामने लाया गया एक मुश्किल उद्यम और पाठकों की नयी पीढ़ी के लिए गाँधी की पद्धतियों और सन्देश को चर्चित करने का प्रयास है।.
About Author
1978 में स्थापित रोली बुक्स के संस्थापक और प्रकाशक प्रमोद कपूर चित्रों के पारखी हैं। उन्होंने अपने गौरवमय जीवन-काल के दौरान ऐसी पुरुस्कृत कृतियों की रचना की है जो प्रकाशन की दुनिया में परिवर्तनकारी साबित हुई हैं - चाहे वः अत्यंत सफल 'दैन ऐंड नोआ' सीरीज़ और बेहद प्रभावशाली पुस्तक 'मेड फॉर महाराजाज़' हो, या फिर अंतरराष्ट्रीय स्टार पर प्रशंसित 'न्यू डेली: द मेकिंग ऑफ अ कैपिटल' हो। 2016 में उन्हें भारतीय प्रकाशक जगत के परिदृश्य को बदल देने वाली पुस्तकों के प्रकाशन में योगदान के लिए फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक और सैन्य पुरस्कार शैवेलिए डे ला लेज़ियों ड ऑनर (नाईट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर) से सम्मानित किया गया। एक लेखक के रूप में उनकी पहली पुस्तक गाँधी: एक सचरित्र जीवनी अपने प्रिय विषय पर किये गये उनके श्रमसाध्य शोध का नतीजा है। कपूर आधुनिक पीढ़ियों के लिए गाँधी की व्याख्या के काम के प्रति समर्पत हैं।.
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