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Ek Bargad Ki Chhaon Mein
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Himanshu Manglik
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Himanshu Manglik
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹400 ₹280
Save: 30%
In stock
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1-4 Days
In stock
Weight | 381 g |
---|---|
Book Type |
ISBN:
SKU
9789389471083
Categories Hindi, Self Help
Tags personal development and practical advice, Self-help
Page Extent:
194
‘एक बरगद की छाँव में’ कोई कहानी या उपन्यास नहीं है। न ही यह कविताओं का संकलन है। एक तरह से यह कृति उस बरगद को नमन है, जिसकी छत्रच्छाया में हम जीवन जीना सीखते हैं। बरगद वह होता है, जो हमें न सिर्फ छाया देता है, बल्कि हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है; जो हमें सिखलाता है कि अपनी शख्सियत बनाओ और सिद्धांतों के आधार पर ऐसे चलो कि सिर उठाकर जी सको।ये रचनाएँ हमारे भीतर के विभिन्न पहलुओं से पाठकों का परिचय करवाएँगी— बल, साहस, करुणा, कठोरता, प्रीत, धर्मनिरपेक्षता, विश्वास, गलत के खिलाफ आवाज उठाने की क्षमता, सहनशीलता और इस तरह के कई अन्य पहलू। ये सारे पहलू हरेक व्यक्ति के भीतर छिपे होते हैं, किंतु हम उन्हें न तो समझ पाते हैं और न उन्हें पनपने देते हैं, क्योंकि हमें जैसी परवरिश मिलती है, हम वैसे ही अपने आपको ढालते हैं। हरेक माता-पिता का दायित्व है कि एक बरगद के वृक्ष के समान हमें ऐसे प्रोत्साहित करते रहें कि हम परिस्थितियों को अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने की क्षमता बढ़ा सकें। सही मायने में जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत दृष्टिकोण की होती है।आवश्यक है कि आज हर व्यक्ति एक छोटा सा बरगद बन सके। यह इस संकलन का सार है कि कैसे हम अपने भीतर की भावनाएँ जाग्रत् कर सकें और स्वयं एक बरगद बन सकें।
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Mein” Cancel reply
Description
‘एक बरगद की छाँव में’ कोई कहानी या उपन्यास नहीं है। न ही यह कविताओं का संकलन है। एक तरह से यह कृति उस बरगद को नमन है, जिसकी छत्रच्छाया में हम जीवन जीना सीखते हैं। बरगद वह होता है, जो हमें न सिर्फ छाया देता है, बल्कि हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है; जो हमें सिखलाता है कि अपनी शख्सियत बनाओ और सिद्धांतों के आधार पर ऐसे चलो कि सिर उठाकर जी सको।ये रचनाएँ हमारे भीतर के विभिन्न पहलुओं से पाठकों का परिचय करवाएँगी— बल, साहस, करुणा, कठोरता, प्रीत, धर्मनिरपेक्षता, विश्वास, गलत के खिलाफ आवाज उठाने की क्षमता, सहनशीलता और इस तरह के कई अन्य पहलू। ये सारे पहलू हरेक व्यक्ति के भीतर छिपे होते हैं, किंतु हम उन्हें न तो समझ पाते हैं और न उन्हें पनपने देते हैं, क्योंकि हमें जैसी परवरिश मिलती है, हम वैसे ही अपने आपको ढालते हैं। हरेक माता-पिता का दायित्व है कि एक बरगद के वृक्ष के समान हमें ऐसे प्रोत्साहित करते रहें कि हम परिस्थितियों को अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने की क्षमता बढ़ा सकें। सही मायने में जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत दृष्टिकोण की होती है।आवश्यक है कि आज हर व्यक्ति एक छोटा सा बरगद बन सके। यह इस संकलन का सार है कि कैसे हम अपने भीतर की भावनाएँ जाग्रत् कर सकें और स्वयं एक बरगद बन सकें।
About Author
हिमांशु मांगलिक एक प्रबंधन सलाहकार हैं, जिन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ भारतीय व्यवसायों का व्यापक अनुभव है। वह असाधारण परिस्थितियों में भी चुनौतीपूर्ण और गंभीर समस्याओं के समाधान ढूँढ़ने तथा सुलझाने में सक्षम रहे हैं।
हिमांशु ईमानदारी और पारदर्शिता में दृढ़ विश्वास रखते हैं। जीवन के हर मोड़ पर अपने व्यावसायिक कार्यक्षेत्र और व्यक्तिगत जीवन से संबंधित हर चुनौती का डटकर मुकाबला करते रहे हैं।
हिमांशु मांगलिक श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के स्नातक, दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट, IIM बैंगलोर से MBA और Walnutcap Consulting Company के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं। मैनेजमेंट स्कूल्स में अतिथि प्राध्यापक तथा सलाहकार हैं। वह अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर समाचार-पत्रों के लिए व्यापक रूप से लिखते हैं।
हिमांशु दिल से एक योद्धा हैं। वह अपने को निरंतर परखते हुए उन्नति की ओर अग्रसर हैं और अपने भीतर से एक नए हिमांशु को खोजकर बाहर लाने में तत्पर रहते हैं।
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