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Ek Aur Sindbaad
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Smt. Usha Yadav
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Smt. Usha Yadav
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹350 ₹263
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In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
184
‘एक और सिंदबाद’ पुस्तक एक बाल-उपन्यास तथा कुछ बाल कहानियों का संकलन है। एक ऐसा मनोरम गुलदस्ता, जिसमें विविध रंग और गंध के फूल सजे हुए हैं। रोचक-प्रेरक बाल उपन्यास ‘एक और सिंदबाद’ में बच्चों को स्वस्थ जीवन-मूल्यों से जोड़ने का प्रयास है। आज समाज में दूसरों की होड़ और नकल में पड़कर असंतोष रखने की समस्या बढ़ रही है। पैसे की अंधी चमक के पीछे भागने से दुःख और पछतावा ही कथानायक कुशाग्र के हाथ लगता है। पर अपनी गलतियों से सीख लेकर वह एक और सिंदबाद क्यों नहीं बन सकता, यही संदेश यह उपन्यास देता है। रोचक घटनाओं का सुगुंफन बाल एवं किशोर पाठकों को अंत तक बाँधे रखने में समर्थ है। कुछ ऐसा ही आकर्षण ‘चाँद किरण’, ‘सच्ची दीवाली’, ‘गुल्लक’ आदि कहानियों में है, जो बच्चों को एक स्वस्थ समाज के निर्माण की प्रेरणा देंगी। ‘हारिए न हिम्मत’ में विपरीत परिस्थितियों में भी मनोबल बनाए रखने की सीख है, तो ‘नन्ही परी जादुई छड़ी’ व ‘मास्टरजी’ में प्यार और विश्वास की जीत है। बालमन को मोहने में सक्षम संग्रह की सभी कहानियाँ एक से बढ़कर एक हैं। विश्वास है, बालकों में संस्कार और विचार विकसित करने में ये सफल होंगी।.
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Description
‘एक और सिंदबाद’ पुस्तक एक बाल-उपन्यास तथा कुछ बाल कहानियों का संकलन है। एक ऐसा मनोरम गुलदस्ता, जिसमें विविध रंग और गंध के फूल सजे हुए हैं। रोचक-प्रेरक बाल उपन्यास ‘एक और सिंदबाद’ में बच्चों को स्वस्थ जीवन-मूल्यों से जोड़ने का प्रयास है। आज समाज में दूसरों की होड़ और नकल में पड़कर असंतोष रखने की समस्या बढ़ रही है। पैसे की अंधी चमक के पीछे भागने से दुःख और पछतावा ही कथानायक कुशाग्र के हाथ लगता है। पर अपनी गलतियों से सीख लेकर वह एक और सिंदबाद क्यों नहीं बन सकता, यही संदेश यह उपन्यास देता है। रोचक घटनाओं का सुगुंफन बाल एवं किशोर पाठकों को अंत तक बाँधे रखने में समर्थ है। कुछ ऐसा ही आकर्षण ‘चाँद किरण’, ‘सच्ची दीवाली’, ‘गुल्लक’ आदि कहानियों में है, जो बच्चों को एक स्वस्थ समाज के निर्माण की प्रेरणा देंगी। ‘हारिए न हिम्मत’ में विपरीत परिस्थितियों में भी मनोबल बनाए रखने की सीख है, तो ‘नन्ही परी जादुई छड़ी’ व ‘मास्टरजी’ में प्यार और विश्वास की जीत है। बालमन को मोहने में सक्षम संग्रह की सभी कहानियाँ एक से बढ़कर एक हैं। विश्वास है, बालकों में संस्कार और विचार विकसित करने में ये सफल होंगी।.
About Author
उषा यादव जन्म: कानपुर (उ.प्र.)। प्रकाशित बाल-साहित्य: बालमन को छूनेवाली पैंतीस कृतियाँ प्रकाशित और बहुचर्चित-बहुप्रशंसित। अनेक कृतियाँ प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत। पाँच पुस्तकों का संपादन भी किया है। पुरस्कार-सम्मान: उ.प्र. हिंदी संस्थान, लखनऊ से बाल साहित्य भारती, विश्वविद्यालय स्तरीय सम्मान, भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान (प्रथम)। म.प्र. साहित्य अकादमी, भोपाल से उपन्यास ‘काहे री नलिनी’ पर राष्ट्रीय पुरस्कार। कृतित्व पर एक दर्जन से अधिक शोध कार्य। अनेक रचनाओं/पुस्तकों का अंग्रेजी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद।.
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