Dr. Ambedkar Aur Rashtravad

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Basant Kumar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Basant Kumar
Language:
Hindi
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Hardback

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भारत के संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के विचारों को वामपंथियों एवं अल्पसंख्यक गठबंधन में शामिल लोगों ने सदैव तोड़-मरोड़कर पेश किया और देश में पाँच दशक से अधिक समय तक सत्ता में रही कांग्रेस ने निजी स्वार्थ के कारण बाबासाहब को सदैव दलितों एवं वंचितों के नेता के रूप में प्रस्तुत किया। मानो देश के विकास और उत्थान में उनका कोई योगदान ही न रहा हो। आज देश में दलित-मुसलिम गठजोड़ के बहाने ये अलगाववादी देश में अशांति फैलाना चाहते हैं। इन चीजों को भाँपते हुए डॉ. आंबेडकर ने सन् 1940 में देश के विभाजन की स्थिति में हिंदू एवं मुसलिम जनसंख्या के पूर्ण स्थानांतरण की बात की थी। उन्होंने देश को ऐसा संविधान दिया जो देश की अखंडता एवं एकता को आज भी सुरक्षित किए हुए है। उन्होंने संविधान में अनुच्छेद 370 का विरोध किया, पर नेहरू के मुसलिम-प्रेम के कारण इसे जोड़ा गया। नागरिकों के हितों की सुरक्षा हेतु संविधान में मूल आधारों की व्यवस्था की। अर्थशास्त्र के शोध छात्र के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व वित्त आयोग का प्रारूप दिया। देश के कानून मंत्री के रूप में हिंदू कोड बिल के माध्यम से महिलाओं को संपत्ति में उत्तराधिकार और उनके सशक्तीकरण का पथ प्रशस्त किया। बाबासाहब आंबेडकर के राष्ट्रवादी विचारों को लोगों तक पहुँचाने और राष्ट्र के विकास में उनके योगदान पर उत्कृष्ट कृति।

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Description

भारत के संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के विचारों को वामपंथियों एवं अल्पसंख्यक गठबंधन में शामिल लोगों ने सदैव तोड़-मरोड़कर पेश किया और देश में पाँच दशक से अधिक समय तक सत्ता में रही कांग्रेस ने निजी स्वार्थ के कारण बाबासाहब को सदैव दलितों एवं वंचितों के नेता के रूप में प्रस्तुत किया। मानो देश के विकास और उत्थान में उनका कोई योगदान ही न रहा हो। आज देश में दलित-मुसलिम गठजोड़ के बहाने ये अलगाववादी देश में अशांति फैलाना चाहते हैं। इन चीजों को भाँपते हुए डॉ. आंबेडकर ने सन् 1940 में देश के विभाजन की स्थिति में हिंदू एवं मुसलिम जनसंख्या के पूर्ण स्थानांतरण की बात की थी। उन्होंने देश को ऐसा संविधान दिया जो देश की अखंडता एवं एकता को आज भी सुरक्षित किए हुए है। उन्होंने संविधान में अनुच्छेद 370 का विरोध किया, पर नेहरू के मुसलिम-प्रेम के कारण इसे जोड़ा गया। नागरिकों के हितों की सुरक्षा हेतु संविधान में मूल आधारों की व्यवस्था की। अर्थशास्त्र के शोध छात्र के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व वित्त आयोग का प्रारूप दिया। देश के कानून मंत्री के रूप में हिंदू कोड बिल के माध्यम से महिलाओं को संपत्ति में उत्तराधिकार और उनके सशक्तीकरण का पथ प्रशस्त किया। बाबासाहब आंबेडकर के राष्ट्रवादी विचारों को लोगों तक पहुँचाने और राष्ट्र के विकास में उनके योगदान पर उत्कृष्ट कृति।

About Author

लेखक बसंत कुमार का जन्म उ.प्र. के जौनपुर जनपद के पिपरा गाँव में हुआ। औपचारिक शिक्षा-प्राप्ति के पश्चात् रेलवे भरती परीक्षा में सफल हुए और रेलवे की सेवा की। तदुपरांत संघ लोक सेवा आयोग से ‘सिविल सर्विस एलायड परीक्षा’ पास की और विभिन्न मंत्रालयों में अनेक पदों पर काम किया; उपसचिव के पद से स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए। राष्ट्रवाद व हिंदू संस्कृति से अपनी गहरी आस्था के कारण भाजपा के वरिष्ठ नेता, राष्ट्रवादी चिंतक व विचारक पं. कलराज मिश्र के सान्निध्य में भाजपा से जुड़ गए। एक लेखक व स्तंभकार के रूप में उन्होंने अनन्य योगदान किया है। पूर्व में पं. अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा संपादित दैनिक ‘वीर अर्जुन’ में इनके नियमित कॉलम प्रकाशित होते रहते हैं, जिनमें ये बड़ी बेबाकी से विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखते हैं। इनके द्वारा संपादित पुस्तकें हैं—‘राष्ट्रवादी कर्मयागी कलराज मिश्र’ (संपादन), ‘हिंदुत्व एक जीवन शैली’ (संकलन), ‘युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद’, ‘एकात्म मानववाद भाजपा का लक्ष्य’ एवं ‘Priorities of India's Economy’. संपर्क : 9718335683, इ-मेल : basantkumar_bjp@yahoo.com

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