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Dhyan-Yoga : Kyun aur Kaise?
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ध्यान-योग ध्यान के सैद्धान्तिक, व्यावहारिक व वैज्ञानिक पहलुओं को प्रकाशित करने वाली एक अद्भुत व अनमोल पुस्तक है। ध्यान की अवधारणा, योग शास्त्रें में ध्यान का स्वरूप, ध्यान का आध्यात्मिक महत्त्व, ध्यान की तैयारी एवं ध्यान द्वारा शरीर व मन पर पड़ने वाले प्रभाव का वैज्ञानिक विवेचन-विश्लेषण आदि बिन्दुओं को इस पुस्तक में बहुत ही सहजता, सरलता व सुन्दरता के साथ प्रस्तुत किया गया है। नियमित रूप से ध्यान करने हेतु विविध प्रकार की ध्यान की विधियाँ व अभ्यास एवं ध्यान की वैज्ञानिकता इस पुस्तक कोे ध्यान पर लिखी गई अन्य पुस्तकों से न सिर्फ अलग करती है बल्कि इसकी गुणवत्ता में अभिवृद्धि करने के साथ-साथ इसकी सुन्दरता में चार चाँद भी लगाती है। आज भौतिकवादी और भोगवादी जीवन-दृष्टि, भौतिकता की अन्धी दौड़ व चकाचौंध ने मनुष्य के स्वास्थ्य, सुख-चैन व शान्ति को छीन लिया है। आज सम्पूर्ण मानव समाज को यौगिक जीवन-दृष्टि, आध्यात्मिक जीवन-दृष्टि की परम आवश्यकता है। इस दृष्टि से यह पुस्तक और भी अधिक उपयोगी, महत्त्वपूर्ण एवं प्रासंगिक है। विकृत जीवन-शैली के कारण नानाविध शारीरिक, मानसिक व मनोकायिक रोगों से पीड़ित, परेशान लोगों के लिए तो यह पुस्तक एक अमृत-रसायन व संजीवनी है। क्योंकि यह पुस्तक स्वस्थ जीवन-शैली, आध्यात्मिक जीवन-दृष्टि एवं नियमित रूप से ध्यान के अभ्यास द्वारा स्वस्थ, सुन्दर व सुखी जीवन जीने की राह दिखाती है। निराशा, अवसाद, तनाव, कुण्ठा, चिन्ता, उद्विग्नता आदि मानसिक समस्याओं के समाधान हेतु यह एक रामबाण औषधि है। जहाँ यह पुस्तक एक ओर योग-साधकों, अध्यात्म-प्रेमियों, आत्मानुभूति, ब्रह्मानुभूति व मोक्ष के इच्छुक मुमुक्षुओं, व जिज्ञासुओं के लिए मार्गदर्शिका और पथ-प्रदर्शिका है तो वहीं दूसरी ओर शैक्षणिक जगत् से जुड़े विद्यार्थियों, शोधार्थियों व प्राध्यापकों के लिए एक प्रामाणिक टेक्स्ट बुक भी है, ग्रन्थ भी है। जो इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन में नित्य ध्यान का अभ्यास करेंगे उनका चित् अपूर्व आनन्द, उल्लास और उमंग से भर जाएगा। वे एक नूतन जीवन-दृष्टि, आध्यात्मिक जीवन-दृष्टि पाकर परम आनन्द और परम सौन्दर्य के एक अज्ञात आयाम में उड़ान भरने लगेंगे।
ध्यान-योग ध्यान के सैद्धान्तिक, व्यावहारिक व वैज्ञानिक पहलुओं को प्रकाशित करने वाली एक अद्भुत व अनमोल पुस्तक है। ध्यान की अवधारणा, योग शास्त्रें में ध्यान का स्वरूप, ध्यान का आध्यात्मिक महत्त्व, ध्यान की तैयारी एवं ध्यान द्वारा शरीर व मन पर पड़ने वाले प्रभाव का वैज्ञानिक विवेचन-विश्लेषण आदि बिन्दुओं को इस पुस्तक में बहुत ही सहजता, सरलता व सुन्दरता के साथ प्रस्तुत किया गया है। नियमित रूप से ध्यान करने हेतु विविध प्रकार की ध्यान की विधियाँ व अभ्यास एवं ध्यान की वैज्ञानिकता इस पुस्तक कोे ध्यान पर लिखी गई अन्य पुस्तकों से न सिर्फ अलग करती है बल्कि इसकी गुणवत्ता में अभिवृद्धि करने के साथ-साथ इसकी सुन्दरता में चार चाँद भी लगाती है। आज भौतिकवादी और भोगवादी जीवन-दृष्टि, भौतिकता की अन्धी दौड़ व चकाचौंध ने मनुष्य के स्वास्थ्य, सुख-चैन व शान्ति को छीन लिया है। आज सम्पूर्ण मानव समाज को यौगिक जीवन-दृष्टि, आध्यात्मिक जीवन-दृष्टि की परम आवश्यकता है। इस दृष्टि से यह पुस्तक और भी अधिक उपयोगी, महत्त्वपूर्ण एवं प्रासंगिक है। विकृत जीवन-शैली के कारण नानाविध शारीरिक, मानसिक व मनोकायिक रोगों से पीड़ित, परेशान लोगों के लिए तो यह पुस्तक एक अमृत-रसायन व संजीवनी है। क्योंकि यह पुस्तक स्वस्थ जीवन-शैली, आध्यात्मिक जीवन-दृष्टि एवं नियमित रूप से ध्यान के अभ्यास द्वारा स्वस्थ, सुन्दर व सुखी जीवन जीने की राह दिखाती है। निराशा, अवसाद, तनाव, कुण्ठा, चिन्ता, उद्विग्नता आदि मानसिक समस्याओं के समाधान हेतु यह एक रामबाण औषधि है। जहाँ यह पुस्तक एक ओर योग-साधकों, अध्यात्म-प्रेमियों, आत्मानुभूति, ब्रह्मानुभूति व मोक्ष के इच्छुक मुमुक्षुओं, व जिज्ञासुओं के लिए मार्गदर्शिका और पथ-प्रदर्शिका है तो वहीं दूसरी ओर शैक्षणिक जगत् से जुड़े विद्यार्थियों, शोधार्थियों व प्राध्यापकों के लिए एक प्रामाणिक टेक्स्ट बुक भी है, ग्रन्थ भी है। जो इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन में नित्य ध्यान का अभ्यास करेंगे उनका चित् अपूर्व आनन्द, उल्लास और उमंग से भर जाएगा। वे एक नूतन जीवन-दृष्टि, आध्यात्मिक जीवन-दृष्टि पाकर परम आनन्द और परम सौन्दर्य के एक अज्ञात आयाम में उड़ान भरने लगेंगे।
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